सदस्य:Rohan.Agarwallll/प्रयोगपृष्ठ

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मेरा नाम रोहन अग्रवाल है। मै देवरिया,भारत का रेहने वाला हू। मै क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु मे ब ए मे पेहले साल मे अपने पेहले सेमेस्टर मे हू। मै अपने पृषठभूमि,रूचियो,उपलब्घियो और अपने लक्ष्यों से अपका परिचय करना चाहता हू।

मै देवरिया जिले नामक एक छोटे से जिले मे पैदा हुआ हू। यह जिला गोरखपुर से ५० किलोमीटर की दूरी पर उत्तर प्रदेश मे है। मैने आपने जीवन के शुरुवाती १२ वर्ष देवरिया मे बिताए है। मेरे पिता का नाम रीतेश अग्रवाल है। वह पेशे से व्यापारी है। मेरी मां सीमा अग्रवाल,एक गृहिणी है। मै आपने माता पिता का बडा बेटा हू। मेरे छोटे भाई का नाम म्रदुल है। मेरे माता पिता हम दोनो भाइयों की शिक्षा मे हमारा पूरा सहयोग करते है। मुझे यह बात समझ आ चुकी है कि मेरे माता-पिता और मेरा भाई ही मेरे जीवन की हर राह पर मेरा साथ देंगे मैं अपनी मां से बहुत प्यार करता हूं।

मैंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जीवन मार्ग सोफिया सेकंडरी स्कूल से पूरी की, फिर आठवीं कक्षा में राजस्थान गोटन मैं लाला कमलापत सिंघानिया एजुकेशन सेंटर मैं दाखिल हो गया, वहां मैंने दसवीं कक्षा तक पढ़ाई की। बोर्डिंग स्कूल में रहकर मैं खेलकूद में काफी एक्टिव था। मैंने बास्केटबॉल इंटर स्कूल, डिस्ट्रिक्ट लेवल और दूसरी स्कूलों के साथ होने वाली प्रतियोगिता में भी भाग लिया। साथ ही साथ मेरी पढ़ाई की तरफ ध्यान कम होता चला गया, मगर मेरा यह मेरा विश्वास है की बोर्डिंग स्कूल में रहकर मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। उसके बाद मैं ३ साल तक कोटा राजस्थान में इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए चला गया। कोटा पूरे भारत में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए अव्वल स्थान पर है। मैंने वाइब्रेंट एकेडमी नाम के कोचिंग इंस्टिट्यूट मैं कोटा में एडमिशन लिया। कोटा में पढ़ाई कराए जाने के तरीके से मैं बहुत प्रभावित हुआ लेकिन कोटा में रह कर पढ़ाई पर ध्यान ना देने के कारण मैं अंत में इंजीनियरिंग का एग्जाम नहीं दे पाया, फिर मैंने क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में कम्युनिकेशन एंड मीडिया इंग्लिश और सायकोलोजी ट्रिपल मेजर कोर्स से आगे की पढ़ाई करने का निर्णय लिया। मुझे आगे जीवन में अपने समय को किस काम के लिए समर्पित करना है इसकी खोज मैंने अभी तक नहीं की। आज मैं नई टेक्नोलॉजी को सीखना चाहता हूं। मेरी रुचि नृत्य में भी बहुत है। मैं अभी से ही अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने में विश्वास रखता हूं और हां मैं अपनी रीडिंग स्किल्स को इंप्रूव करना चाहता हूं। मेरे जीवन में मैंने अभी तक कोई उपलब्धियां हासिल नहीं कि हां लेकिन बचपन में मुझे गाड़ी चलाने का बहुत शौक था इसलिए मैंने सातवीं कक्षा में ही गाड़ी चलाना शुरु कर दिया था। मुझे घूमने का बहुत शौक है। बेंगलुरु में मैं अपने दो भाइयों के साथ रहता हूं जो मेरी बहुत मदद करते हैं। मैं भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और स्टीव जॉब्स जो द मैन हूं थैंक डिफरेंट के टाइटल से जाने जाते हैं उन्हें अपना आइडियल मानता हूं मुझे अपने जीवन में धोनी सर से बहुत कुछ सीखने को मिला और स्टीव सर की जीवन की कहानी से मैं बहुत प्रभावित हुआ उनके आइडियाज ने पूरी दुनिया को जीने का एक नया विजन दिया। मैं अपने जीवन मैं अपने परिवार के साथ खुशी खुशी, झूमते हुए, सीखते हुए आगे बढ़ना चाहता हूं।