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एनिवालाप्पिल मणि विजयन[संपादित करें]

IM..Vijayan


परिचय[संपादित करें]

एनिवालाप्पिल मणि विजयन का जन्म २५ अप्रैल १९६९ को थ्रिस्सूर नामक शहर , केरला में हुआ था। आज के समय में वे कालो हरिन के नाम से भी प्रसिद्ध हैं जो प्रथम भूतपूर्व पेशेवर भारतीय फुटबॉल खिलाड़ी में से एक हैं। विजयन की धर्म पत्नी का नाम राजी है और उनकी ३ संतान है। आई एम विजयन ने हमेशा स्ट्राइकर की स्थिति पर होकर बाईचुंग भूटिया के साथ सर्वश्रेठ साझेदारी बनाए रखी और भारतीय राष्ट्रीय टीम में अधिक प्रसिद्धी पाई। विजयन को भारतीय खिलाड़ी का पद अनेक वर्षों तक मिला जैसे की सन् १९९३, १९९७ और १९९९ , वे सबसे प्रथम खिलाड़ी है जिन्होने यह पुरस्कार विभिन्न बार प्राप्त किया। उनको सन् २००३ में अर्जुना अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया। श्री आई. एम. विजयन ने अपना अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में प्रथम प्रवेश सन् १९८९ में किया और उन्होंने निम्न्लिखित टूर्नामेंट खेले जैसे की नेहरू कप , प्री-ओलंपिक्स , प्री-वर्ल्ड कप आदि।

प्रारंभिक जीवनकाल[संपादित करें]

विजयन एक दलित परिवार में पैदा हुए और उन्होंने अपने जीवन में अधिक दरिद्रता का सामना किया। उन्होंने अपने जीवन की शुरुआत थ्रिस्सूर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन स्टेडियम में सोडा बेचकर की जिसका मूल्य केवल १० पैसे प्रति बोतल था। कुछ समय के बाद उनको केरला पुलिस क्लब के लिए फुटबॉल खेलने हेतु चुना गया और वे इस क्लब के शीर्ष नामो में से एक थे। क्यूंकि वह अत्यधिक आक्रामक खिलाड़ी थे उन्होंने अंत में भारतीय फुटबॉल क्लब और भारत की टीम में नियमित स्थान की प्राप्ति पाई। विजयन ने दुनिया का एक में से सबसे तेज़ अर्थात अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल गोल किया जो भूटान शहर के विरुद्ध खेला जा रहा था , सन् १९९९, एस. ए. एफ गेम्स में भाग लेते समय। चौंका देने वाली बात यह है कि उन्होंने यह गोल केवल १२ सेकंड में किया।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय[संपादित करें]

विजयन की प्रतिभा की गूँज मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों के फुटबॉल क्लब्स में फैल गई परन्तु उन्होंने अपना पूरा जीवन जब तक वह निवृत्ति हुए , भारत में ही व्यतीत किया। उन्होंने अपने व्यवसाय के अंत तक संपूर्ण तरह से ४० अंतरराष्ट्रीय गोल केवल ७९ मैच में भारत के लिए स्कोर किए थे। उन्होंने औपचारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से निवृत्ति केवल एफ्रो-एशियाई गेम्स २००३ के बाद ही ली थी। जबसे उन्होंने अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल से निवृत्ति प्राप्त की हैं , विजयन ने अपने गृहनगर में युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण हेतु एक फुटबॉल अकादमी प्रारंभ की हैं। वर्त्तमान में , वह कुछ समय से केरला पुलिस के लिया खेल रहे हैं। एनिवालाप्पिल मणि विजयन वर्ष २००० से २००४ तक के भारत टीम के कप्तान रहे चुके हैं ।

अभिनय व्यवसाय और वर्तमानकाल[संपादित करें]

सेवानिवृत्त होने के पश्चात , विजयन ने अपने अभिनय कैरियर पर ध्यान देना शुरू कर दिया। उनका प्रथम प्रवेश हम फ़िल्म "शान्तम" में देख सकते है जिसके निर्देशक श्री जयराज जी हैं। देखते-ही-देखते उन्होंने संपूर्ण १५ फ़िल्मों में अभिनय किया जोकि मलयालम और तमिल भाषा से संबोदित है। विजयन वर्त्तमान काल की मृत नैशनल कांग्रेस पार्टी के सदस्य भी रहे चुके हैं। २००४ में उन्होंने खेलों के उपकरण की एक कंपनी प्रारम्ब की जिसका नाम "बॉक्सर स्पोर्ट्स गुड्स कंपनी" है जो थ्रिस्सूर में स्थापित है। मार्च २०१७ में , भारत सरकार के युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा विजयन को राष्ट्रीय पर्यवेक्षक-फुटबॉल की नियुक्ति सौंपी गई है।

संदर्भ[संपादित करें]

https://en.wikipedia.org/wiki/I._M._Vijayan

https://www.filmibeat.com/celebs/imvijayan/biography.html