श्रीलंका का भूगोल

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हिन्द महासागर के उत्तरी भाग मे स्थित इस द्वीप राष्ट्र की भूमि केन्द्रीय पहाड़ो तथा तटीय मैदानो से मिलकर बनी है। वार्षिक वर्षा २५०० से ५००० मि.मी. तक होती है। वजह से यह एक उष्ण कटिबंधीय जलवायु क्षेत्र है। भारतीय उपमहाद्वीप का हिस्सा समझे जाने वाले इस द्वीप को भारत से पाक जलडमरूमध्य अलग करता है। इसका कुल क्षेत्रफल 65,610 वर्ग किलोमीटर है तथा इसकी समुद्रतटीय रेखा 1340 किमी लम्बी है।

श्रीलंका की ज़मीन का उत्थान - टोपोलोजी


पिदुरुतलगला श्रीलंका का सर्वोच्च बिंदु है जिसकी समुद्रतल से उँचाई लगभग 2500 मीटर है।[1] यानि एवरेस्ट की ऊँचाई के एक तिहाई से भी कम। आदम का पुल (राम सेतु) की तरह श्रीलंका में एक आदम की चोटी भी है जो देश के उत्तर की बजाय दक्षिण में स्थित है। इसे स्थानीय लोग श्री पाद कहते हैं क्योंकि इसके शिखर के समीप एक 1.5 मीटर की रचना है जिसको बौद्ध लोग भगवान बुद्ध का पदचिह्न मानते है। हिन्दू लोग इसे भगवान शिव का पदचिह्न मानते हैं तो मुस्लिम इसे आदम का। यह देश की दूसरी सबसे उँची चोटी है जिसकी समुद्र तल से कोई 2243 मीटर है। यह आसपास के इलाकों से बहुत उन्नत तथा सुन्दर दिखता है तथा पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 अप्रैल 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 जनवरी 2008.