मुद्रणालय
मुद्रणालय, प्रिंटिंग प्रेस, छापाख़ाना या छपाई की प्रेस एक यांत्रिक युक्ति है जो दाब डालकर कागज, कपड़े आदि पर प्रिन्ट करने के काम आती है। कपड़ा या कागज आदि पर एक स्याही-युक्त सतह रखकर उसपर दाब डाला जाता है जिससे स्याहीयुक्त सतह पर बनी छवि उल्टे रूप में कागज या कपड़े पर छप जाती है।
छपाई की प्रेस की रचना सबसे पहले जर्मनी के जोहान गुटेनबर्ग (Johann Gutenberg) ने सन १४३९ मेम की थी। लकड़ी के ठप्पों (woodblock printing) एवं मूवेबल टाइप (movable type) से छपाई की तकनीक कुछ सौ वर्ष पहले से ही चीन में विद्यमान थी। लेकिन वे गुटनबर्ग की तरह एक दाबक (प्रेस) का प्रयोग नहीं करते थे। गुटनबर्ग के प्रेस पर आधारित छपाई की विधि योरप में बड़ी तेजी से फैली। इसके बाद वह सारे संसार में फैल गयी। अन्ततः प्रिन्टिग प्रेस ने छपाई की परम्परागत विधियों (ठप्पे एवं मूवेबल टाइप आदि) को उखाड़ फेंका। इसी प्रकार बाद में ऑफसेट छपाई के आ जाने के बाद प्रिंटिंग प्रेस भी जाता रहा।
प्रिंटिंग प्रेस के आविष्कार से सूचना एवं ज्ञान के प्रसार में एक क्रान्ति आ गयी। इसलिये प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार एक महान आविष्कार माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि पहले भाषा का प्रयोग, उसके बाद लिपि एवं लेखन का प्रयोग एवं उसके बाद प्रंटिंग प्रेस का आविष्कार, गुणात्मक रूप से दुनिया के तीन सबसे बड़े आविष्कार हैं जिन्होने ज्ञान एवं विद्या के प्रसार एवं विकास में भारी योगदान किया। इसी कड़ी में चौथा आविष्कार अन्तरजाल को माना जाता है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- मुद्रणालय
- मुद्रण मशीन
- मुद्रण का इतिहास
- मुद्रण कला
- आफसेट छपाई
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Test your knowledge of Indian print history during the lockdown! - The Noel D'Cunha Sunday Column
- Centre for the History of the Book
- Internet Archive: Printing (1947)—a film from the Prelinger Archives explaining the printing industry
- An Introduction to Letterpress Printing
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