परमात्मा

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[1]परमात्मा शब्द दो शब्दों ‘परम’ तथा `आत्मा’ की सन्धि से बना है। परम का अर्थ सर्वोच्च एवं आत्मा से अभिप्राय है चेतना, जिसे प्राण शक्ति भी कहा जाता है। आधुनिक हिन्दी में ये शब्द भगवान का ही मतलब रखता है। परमात्मा का अर्थ परम आत्मा से हैं परम का अर्थ होता है सबसे श्रेष्ठ यानी सबसे श्रेष्ठ आत्मा आत्मा का अर्थ होता है हर प्राणी के अंदर विराजमान चेतना के रूप में एक चेतन स्वरूप तो इसका अभिप्राय हुआ कि परमात्मा एक आत्मा है और वह आत्मा सबसे बड़ी है और सबसे शुद्ध और पवित्र है।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  1. प्रभु-जन्म की आरती
  1. Ingavale, Ranjit A.; Sakiya, Sanjeev (2018-01-01). "भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी की साहित्य की समीक्षा". International Journal of Physical Education & Sports Sciences. 13 (1): 87–92. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 2231-3745. डीओआइ:10.29070/13/57785.