नेपाल में बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म, नेपाल का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। 2001 की जनगणना के अनुसार, नेपाल के 10.74% लोग बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं। इनमें मुख्य रूप से नेवार हैं जो तिब्बती-बर्मन बोलते हैं। [1] किन्तु 2011 की जनगणना के अनुसार नेपाल में बौद्ध धर्मावलम्बियों की संख्या नेपाल की जनसंख्या का केवल 9% है। [2]
पृष्टभूमि
[संपादित करें]बुद्ध का जन्म शाक्य राज्य के अन्तर्गत लुंबिनी में हुआ था। माना जाता है कि वर्तमान समय के नेपाल के रूपांदेही जिले का लुंबिनी क्षेत्र ही बुद्ध की जन्मस्थली है। [3] [4]
इतिहास
[संपादित करें]सम्राट अशोक के शासनकाल से ही उस क्षेत्र में बौद्ध धर्म का प्रसार होने लगा था जिसे वर्तमान में नेपाल के नाम से जाना जाता है। यहाँ के किरात लोगों ने सबसे पहले गौतम बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाया। उसके बाद लिच्छवी और नेवार लोगों ने उनकी शिक्षाओं को अपनाया। [5]
नेपाल के पहाड़ी और पर्वतीय क्षेत्रों में हिंदू और बौद्ध धर्म के सिद्धान्त इतने घुले-मिले हैं उन्हें दो भिन्न धर्म समझना कठिन है। कई स्थानों पर दोनों के देवता और मंदिर भी समान (एक ही) है। उदाहरण के लिए, मुक्तिनाथ मंदिर पवित्र है और हिंदुओं और बौद्धों दोनों का पूजास्थल है। [6]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ Dahal, Dilli Ram (2003). "Social Composition of the Population: Caste/Ethnicity and Religion in Nepal" (PDF). Population Monograph of Nepal 2003. Central Bureau of Statistics (CBS), Government of Nepal. 1: 104–106. मूल (PDF) से January 7, 2014 को पुरालेखित.
- ↑ "Population Monograph of Nepal 2014 Volume II (Social Demography)" (PDF).
- ↑ Smith, V. A. (1914). The Early History of India from 600 B.C. to the Muhammadan Conquest Including the Invasion of Alexander the Great (Third संस्करण). London: Oxford University Press. पपृ॰ 168–169.
- ↑ UNESCO (2012). "Lumbini, the Birthplace of the Lord Buddha". UNESCO: World Heritage Centre.
- ↑ Dutt, N. (1966). "Buddhism in Nepal" (PDF). Bulletin of Tibetology. 3 (2): 27–45.
- ↑ Shastri, G. C (July 1968). "Hinduism and Buddhism in Nepal" (PDF). Ancient Nepal: Journal of the Department of Archaeology. 4: 48–51. मूल (PDF) से July 6, 2012 को पुरालेखित.