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नीम करौली बाबा

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नीम करौली बाबा
जन्म लक्ष्मी नारायण शर्मा
१९००[1]
अकबरपुर गाँव, उत्तर-पश्चिमी प्रांत, ब्रिटिश भारत (वर्तमान फ़िरोज़ाबाद जिला), उत्तर प्रदेश, भारत[2]
मृत्यु 11 सितम्बर 1973 (आयु 73)
वृंदावन, उत्तर प्रदेश, भारत
धर्म हिन्दू
दर्शन भक्ति योग

नीब करौरी बाबा या नीम करौरी बाबा या महाराजजी (१९००-११ सितंबर १९७३)[3] [4] की गणना बीसवीं शताब्दी के सबसे महान संतों में होती है।[5]इनका जन्म स्थान ग्राम अकबरपुर जिला फ़िरोज़ाबाद उत्तर प्रदेश है जो कि हिरनगाँव से 1किलोमीटर मीटर दूरी पर है।[6]

नीम करौली बाबा, समाधि मन्दिर, वृन्दावन.

कैंची, नैनीताल, भुवाली से ७ कि॰मी॰ की दूरी पर भुवालीगाड के बायीं ओर स्थित है। कैंची मन्दिर में प्रतिवर्ष १५ जून को वार्षिक समारोह मानाया जाता है। उस दिन यहाँ बाबा के भक्तों की विशाल भीड़ लगी रहती है। [7][8][9]महाराजजी इस युग के भारतीय दिव्यपुरुषों में से हैं।[10] श्री नीम करोली बाबा को हम महाराज जी कहते है|

उनका जन्म एक धनी ब्राह्मण परिवार में हुआ, ११ वर्ष की उम्र में उनके माता-पिता द्वारा शादी कर दिए जाने के बाद, उन्होंने साधु बनने के लिए घर छोड़ दिया। बाद में वह अपने पिता के अनुरोध पर, वैवाहिक जीवन जीने के लिए घर लौट आए। वह दो बेटों और एक बेटी के पिता बने।[11]

ऐसा माना जाता है कि जब तक महाराजजी १७ वर्ष  के थे उनको इतनी छोटी सी आयु  मे सारा ज्ञान था| बताते है , भगवान श्री हनुमान उनके गुरु है| उन्होंने भारत में कई स्थानों का दौरा किया और विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से जाने जाते थे। गंजम में मां तारा तारिणी शक्ति पीठ की यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें हनुमानजी, चमत्कारी बाबा के नाम से संबोधित किया करते थे।

कहा जाता है कि एक बार बाबा ट्रेन में सफर कर रहे थे।लेकिन उनके पास टिकट नहीं था। जिस कारण टीटी अफसर ने उन्हें पकड़ लिया। बिना टिकट होने के कारण अफसर ने उन्हें अगले स्टेशन में उतरने को कहा।स्टेशन का नाम नीम करोली था।स्टेशन के पास के गांव को नीम करोली के नाम से जाना जाता है। बाबा को गाड़ी से उतार दिया गया और ऑफिसर ने ड्राइवर से गाड़ी चलाने का आदेश दिया। बाबा वहां से कहीं नहीं गए। उन्होंने ट्रेन के पास ही एक चिमटा धरती पर लगाकर बैठ गए।[12]

चालक ने बहुत प्रयास किया लेकिन ट्रेन आगे ना चली। ट्रेन आगे ना चलने का नाम ही नहीं ले रही थी। तभी गाड़ी में बैठे सभी लोगों ने कहा यह बाबा का प्रकोप है।उन्हें गाड़ी से उतार देने का कारण ही है कि गाड़ी नहीं चल रही है। तभी वहां बड़े ऑफिसर जो कि बाबा से परिचित थे। उन्होंने बाबा से क्षमा मांगी और ड्राइवर और टिकट चेकर दोनों को बाबा से माफी मांगने को कहा।सब ने मिलकर बाबा को मनाया और उनसे माफी मांगी। माफी मांगने के बाद बाबा ने सम्मानपूर्वक ट्रेन पर बैठ गए। लेकिन उन्होंने यह शर्त रखी कि इस जगह पर स्टेशन बनाया जाएगा।जिससे वहां के गांव के लोग को ट्रेन में आने के लिए आसानी हो जाए क्योंकि वहां लोग आने के लिए मिलो दूर से चलकर आते थे। तब जाकर ट्रेन में बैठ पाते थे।उन्होंने बाबा से वादा किया और वहां पर नीम करोली नाम का स्टेशन बन गया। यहीं से बाबा की चमत्कारी कहानियां प्रसिद्ध हो गई और इस स्थान से पूरी दुनिया में बाबा का नाम नीम करोली बाबा के नाम से जाना जाने लगा।यही से बाबा को नीम करोली नाम मिला था।[13]

पूर्व में यहाँ के नोनिहालो को शिक्षा प्राप्त करने के लिए हिरनगाँव प्राथमिक पाठशाला में जाते थे परंतु बर्तमान में अकबरपुर में भी शिक्षा प्राप्त करने हेतु विद्यालय है।

नीम करोली बाबा के आश्रम भारत में कैंची, भूमियाधार, काकरीघाट, कुमाऊं की पहाड़ियों में हनुमानगढ़ी, वृन्दावन, ऋषिकेश, लखनऊ, शिमला, फर्रुखाबाद में खिमासेपुर के पास नीम करोली गांव और दिल्ली में हैं।[14][15] उनका आश्रम ताओस, न्यू मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी स्थित है।[16][17]

कैंची धाम

उल्लेखनीय शिष्य

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नीम करोली बाबा के उल्लेखनीय शिष्यों में आध्यात्मिक शिक्षक राम दास (बी हियर नाउ के लेखक), गायक और आध्यात्मिक शिक्षक भगवान दास, लेखक और ध्यान शिक्षक लामा सूर्य दास और संगीतकार जय उत्तल और कृष्ण दास शामिल हैं।

अन्य उल्लेखनीय भक्तों में मानवतावादी और आध्यात्मिक कार्यकर्ता राहुल वर्मा [18], मानवतावादी लैरी ब्रिलियंट और उनकी पत्नी गिरिजा, दादा मुखर्जी (इलाहाबाद विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश, भारत के पूर्व प्रोफेसर), विद्वान और लेखक यवेटे रोसेर, अमेरिकी आध्यात्मिक शिक्षक मा जया सती भगवती, फिल्म निर्माता जॉन बुश और डैनियल गोलेमैन लेखक शामिल हैं।ध्यान संबंधी अनुभव और भावनात्मक बुद्धिमत्ता की विविधताएँ।

बाबा हरि दास (हरिदास) कोई शिष्य नहीं थे, लेकिन उन्होंने १९७१ की शुरुआत में कैलिफोर्निया में आध्यात्मिक शिक्षक बनने के लिए अमेरिका जाने से पहले (१९५४-१९६८) कई इमारतों की देखरेख की और नैनीताल क्षेत्र में आश्रमों का रखरखाव किया।[19] [20][21]

स्टीव जॉब्स ने अपने मित्र डैन कोट्टके के साथ हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता का अध्ययन करने के लिए अप्रैल १९७४ में भारत की यात्रा की; उन्होंने नीम करोली बाबा से मिलने की भी योजना बनाई, लेकिन वहां पहुंचे तो पता चला कि गुरु की पिछले सितंबर में मृत्यु हो गई थी।[22] हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबर्ट्स भी नीम करोली बाबा से प्रभावित थीं। उनकी एक तस्वीर ने रॉबर्ट्स को हिंदू धर्म की ओर आकर्षित किया। स्टीव जॉब्स से प्रभावित होकर मार्क जुकरबर्ग ने कैंची में नीम करोली बाबा के आश्रम का दौरा किया। लैरी ब्रिलियंट गूगल के लैरी पेज और ईबेय eBay के सह-संस्थापक जेफरी स्कोल को भी साथ लेकर गए।[23]

सिद्धि मां

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सिद्धि मां: बाबा नीम करौली महाराज की श्रद्धेय शिष्य, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी आध्यात्मिक सेवा और समुदाय के लिए समर्पित की। उनका धरोहर दुनियाभर के कई भक्तों को प्रेरित करती है।

सिद्धि मां बाबा नीम करौली महाराज की आध्यात्मिक परंपरा में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं, जिन्हें उनकी अटूट भक्ति और समुदाय में योगदान के लिए जाना जाता है। अल्मोड़ा में जन्मी, वह आठ बहनों के परिवार में बड़ी हुईं। सिद्धि मां ने तुलाराम साह से विवाह किया, जो बाबा नीम करौली के एक समर्पित भक्त थे। अपने पति की मृत्यु के बाद, उन्होंने बाबा की सेवा करने की गहरी प्रतिबद्धता की और पूरी तरह से आध्यात्मिक साधनों को समर्पित कर दिया।

जब बाबा नीम करौली महाराज ने 1973 में ब्रह्मलीन स्थिति प्राप्त की, तो सिद्धि मां को उनका उत्तराधिकारी चुना गया और उन्होंने कैची धाम मंदिर का प्रबंधन संभाला। यह जिम्मेदारी उन्हें आध्यात्मिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका में रखती थी। भक्तों ने उन्हें बहुत सम्मान दिया और अक्सर उनकी आध्यात्मिक स्थिति को बाबा के समान समझा। कहा जाता है कि बाबा ने ब्रह्मलीन बनने से पहले उनके लिए एक पंक्ति लिखी थी: "मां, आप जहां भी रहेंगी, वहां मंगल होगा।"

सिद्धि मां नियमित रूप से भक्तों के लिए कैची धाम में दर्शन सत्र आयोजित करती थीं, आमतौर पर शनिवार और मंगलवार को। उनकी उपस्थिति को एक आशीर्वाद माना जाता था, और कई भक्तों का मानना था कि उन्होंने बाबा की अलौकिक शक्तियाँ विरासत में पाई हैं। उन्हें दयालुता के लिए जाना जाता था, और जो लोग उनके आशीर्वाद के लिए आते थे, उनके दुःख को दूर करने की उनकी क्षमता की व्यापक रूप से सराहना की जाती थी। उन्होंने अक्सर तीर्थयात्राएँ आयोजित कीं, जिससे उनके अनुयायियों में एकता और समुदाय की भावना बढ़ी।

1980 में, सिद्धि मां ने ऋषिकेश में एक आश्रम स्थापित किया, जिससे बाबा नीम करौली महाराज की आध्यात्मिक पहुंच और बढ़ी। बाबा नीम करौली महाराज से जुड़े 108 आश्रम हैं, जिनमें कैची धाम और न्यू मैक्सिको सिटी, अमेरिका का ताउश आश्रम महत्वपूर्ण हैं। 28 दिसंबर, 2017 को 92 वर्ष की आयु में उनके निधन के बाद, कैची धाम में सिद्धि मां का एक भव्य प्रतिमा स्थापित की गई और एक विशेष पूजा कक्ष का निर्माण किया गया। यह उन भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है जो उनकी स्मृति को सम्मानित करना चाहते हैं। उनकी पुण्यतिथि पर हर साल एक भंडारा आयोजित किया जाता है, जिसमें कई भक्त उनकी धरोहर का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं।

सिद्धि मां का प्रभाव उनकी ज़िंदगी से परे बढ़ता है, उनके अनुग्रह और आध्यात्मिक शक्ति की कहानियाँ नई पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती हैं। उनका जीवन भक्ति, दया और आध्यात्मिक पूर्णता का प्रमाण है, जिसने उन्हें आध्यात्मिक इतिहास में एक खास स्थान दिलाया है।[24]

सन्दर्भ

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  1. Singh, Sanjana (31 December 2023). "Photos: नीम करोली बाबा को कितना जानते हैं आप? अनदेखी तस्वीरों में देखें संत बनने का सफर". Patrika News. अभिगमन तिथि 27 January 2024.
  2. "Akbarpur Maharaj ji birthplace". Maharaj Love.
  3. "पुण्यतिथि : 50 साल पहले आज ही के दिन कैसे हुई बाबा नीम करोली की मृत्यु". News18 हिंदी. 11 September 2023. अभिगमन तिथि 27 January 2024.
  4. "सुर्खियों में आया बाबा नीम करौली का आश्रम". Dainik Bhaskar. Oct 01, 2015. अभिगमन तिथि 4 अक्टूबर 2015. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  5. Live, ABP (14 August 2023). "कौन हैं नीम करोली बाबा, जिन्हें भक्त मानते हैं हनुमान जी का अवतार". Hindi News, Breaking News in Hindi, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest News in Hindi, ताजा ख़बरें -ABP News. अभिगमन तिथि 27 January 2024.
  6. "यहां जन्मे थे नीम करौली बाबा, भक्त मानते हैं हनुमान जी का अवतार, पढ़ें उनके चमत्कार के किस्से". News18 हिंदी. 19 September 2023. अभिगमन तिथि 27 January 2024.
  7. "Devotees throng Kainchi Dham fair". The Times of India. जून 15, 2015. अभिगमन तिथि 1 अक्टूबर 2015.
  8. "10 facts to know about Neem Karoli Baba". India TV News. अक्टूबर 1, 2015. अभिगमन तिथि 1 अक्टूबर 2015.
  9. "One 'Mark' who stayed two nights". The Telegraph. सितंबर 30, 2015. अभिगमन तिथि 1 अक्टूबर 2015.
  10. "Uttranchal - Almora". IGNCA. अभिगमन तिथि 4 अक्टूबर 2015.
  11. "10 facts to know about Neem Karoli Baba". 1 October 2015.
  12. गुप्ता, तन्वी; कुशवाह, अतुल (4 June 2023). "जब बाबा नीम करौली को कोच से दिया था उतार, एक इंच भी नहीं हिली थी ट्रेन!". आज तक. अभिगमन तिथि 27 January 2024.
  13. Goswami, Radha (17/09/2023). "Neem Karoli Baba ka Jivan Parichay". DevBhomi. मूल से पुरालेखित 14 अक्तूबर 2023. अभिगमन तिथि 01/10/2023. |access-date=, |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)सीएस1 रखरखाव: BOT: original-url status unknown (link)
  14. Neem Karoli Baba, Maharajji.love (October 2023). "Places, Ashrams and Temples". www.Maharajji.love. अभिगमन तिथि 30 October 2023.
  15. Chardham Yatra, Chardham Tour (October 2023). "Kainchi Dham - New Spiritual Abode in Nainital". Chardham Yatra. अभिगमन तिथि 31 October 2023.
  16. nkbashram.org, Neem Karoli Baba (October 2023). "Maharajji's ashram in India". www.nkbashram.org. अभिगमन तिथि 30 October 2023.
  17. Library, Beezone (October 2023). "Neem Karoli Baba Temple – Taos, New Mexico – A History". Beezone Library. अभिगमन तिथि 31 October 2023.
  18. मिश्रा, अनुराग (2024-10-10). "मानवीय सेवा और आध्यात्मिकता के संगम है राहुल वर्मा, नीम करौली बाबा के अनुयायी और संदेशों के प्रणेता". दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 2024-10-10.
  19. "Krishna Das : Songwriter Interviews". Song facts. अभिगमन तिथि 2015-10-01.
  20. Jones, Constance A.; D. Ryan, James (2007). Encyclopedia of Hinduism. New York: Infobase Publishing. पपृ॰ Baba Hari Dass. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8160-5458-9.
  21. Mukerjee, Sudhir Dada (2012) [1996]. The Near and The Dear. Santa Fe, NM: Hanuman Foundation. पपृ॰ 221–2. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-887474-02-3.
  22. "Steve Jobs, a Hindu holy man, and the Apple logo". abc.net.au. 4 April 2013.
  23. Gowen, Annie (31 October 2015). "Inside the Indian temple that draws America's tech titans" – वाया www.washingtonpost.com.
  24. bhatt, Yogesh (Feb 14, 2023). "Sri Siddhi Ma - जानिए कौन थीं बाबा नीम करौली महाराज की विरासत संभालने वाली चमत्कारी माँ". newstodaynetwork. अभिगमन तिथि Oct 11, 2024.

बाहरी कड़ियाँ

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