क्विनोलीन

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हाइड्रोक्विनोन (Hydroquinone)
हाइड्रोक्विनोन
अन्य नाम Hydroquinone[1]
Idrochinone
Quinol
1,4-Dihydroxybenzene
1,4-Hydroxy benzene
पहचान आइडेन्टिफायर्स
सी.ए.एस संख्या [123-31-9][CAS]
केईजीजी D00073
रासा.ई.बी.आई 17594
RTECS number MX3500000
SMILES
InChI
कैमस्पाइडर आई.डी 764
गुण
रासायनिक सूत्र C6H6O2
मोलर द्रव्यमान 110.11 g mol−1
दिखावट white solid
घनत्व 1.3 g cm−3, solid
गलनांक

172 °C, 445 K, 342 °F

क्वथनांक

287 °C, 560 K, 549 °F

जल में घुलनशीलता 5.9 g/100 mL (15 °C)
वाष्प दबाव 0.00001 mmHg (20°C)[2]
ढांचा
Dipole moment 1.4±0.1 D[3]
खतरा
EU वर्गीकरण Harmful (Xn)
Carc. Cat. 3
Muta. Cat. 3
Dangerous for
the environment (N)
NFPA 704
1
2
0
 
R-फ्रेसेज़ आर-२२ आर-४० साँचा:R41 साँचा:R43 साँचा:R50 साँचा:R68
S-फ्रेसेज़ (एस२) S26 साँचा:S36/37/39 S61
यू.एस अनुज्ञेय
अवस्थिति सीमा (पी.ई.एल)
TWA 2 mg/m3[2]
एलडी५० 490 mg/kg (mammal, oral)
245 mg/kg (mouse, oral)
200 mg/kg (rabbit, oral)
320 mg/kg (rat, oral)
550 mg/kg (guinea pig, oral)
200 mg/kg (dog, oral)
70 mg/kg (cat, oral)[4]
जहां दिया है वहां के अलावा,
ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं।
ज्ञानसन्दूक के संदर्भ
एफ एफ रुंगे

क्विनोलीन (Quinoline) एक हेटेरोसाइक्लिक एरोमैटिक कार्बनिक यौगिक है। इसका अणुसूत्र C9H7N है। इसे रुंगे (Runge) ने अलकतरे के उच्चतापीय आंशिक आसवन से प्राप्त किया। पर बाद में गेरहार्ट (Gerhardt) ने बताया कि क्विनीन (Quinine) अथवा सिनकोनीन (Cinchonine) और कास्टिक पोटाश के आसवन से भी यह प्राप्त होता है। क्विनीन से प्राप्त होने के कारण इसका नाम क्विनोलीन पड़ा। यह अस्थितैल तथा अलकतरा में प्राप्य है।

गुणधर्म[संपादित करें]

क्विनोलीन शुद्ध रूप से रंगहीन तैलीय द्रव है, पर हवा के संपर्क से धीरे-धीरे काला पड़ जाता है। इसका आपेक्षिक घनत्व १.०९५ और क्वथनांक २९९ डिग्री सें. हैं। इसमें लाक्षणिक दुर्गध होती है। यह जल में थोड़ा विलेय है लेकिन गरम जल तथा अधिकांश कार्बनिक विलायकों में सरलता से विलेय है। लिटमस के साथ क्षारीय परख देता है तथा एकाम्लीय समाक्षार की भाँति अम्लों, जैसे हाइड्रोजन अम्ल, के साथ मणिभीय लवण बनाता है, जो पानी में अधिक विलेय होते हैं।

निर्माण[संपादित करें]

अपरिष्कृत क्विनोलीन को, जो कोलतार अथवा अस्थितैल से प्राप्त होता है, विशुद्ध बनाना कठिन है, क्योंकि उसमें उसके सजातीय भी मिश्रित रहते हैं। इसलिये शुद्ध क्विनोलीन कृत्रिम विधि से प्राप्त किया जाता है। स्क्राउप (Skraup) की विधि के अनुसार ऐनिलीन (१९ भाग), ग्लिसरीन (६० भाग), सल्फ्यूरिक अम्ल (५० भाग) तथा नाइट्रोबेंजीन (१२ भाग) के मिश्रण को दो घंटे तक उबालते है। नाइट्रोबेंज़ीन (आक्सीकारक) के स्थान पर आर्सेनिक अम्ल का प्रयोग अधिक उपयोगी होता है। इस रासायनिक क्रिया में ग्लिसरीन ऐक्रोलीन में परिवर्तित हो जाता है। यह ऐनिलीन के साथ संयोजित होकर ऐक्रोलीन ऐनिलीन बनाता है, जो आक्सीकृत होकर क्विनोलीन बन जाता है। यह तृतीय ऐमिन होने के कारण ऐल्किल-आयोहइडों के साथ चतुष्क ऐमोनियम लवण और अकार्बनिक लवणों के साथ द्विगुण लवण बनाता है, जैसे प्लैटीनीक्लोराइड के साथ (C9H7N) 2H2 Pt Cl6 2H2 O क्विनोलीन के ऊपर नाइट्रिक और क्रोमिक अम्ल की कोई क्रिया नहीं होती पर क्षारीय परमैंगनेट इसे क्विनोलिनिक अम्ल में आक्सीकृत करता है। इसकी अणुरचना नैफ्थेलीन की भाँति है, जिसे हम दो नाभिकों, एक बेंजीन तथा दूसरे पिरिडीन के संगलन से प्राप्त समझ सकते है :

पिरिडीन नाभिक का शीघ्र ही हाइड्रोजीनकरण होता है। टिन और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल से अपचयित होकर क्विनोलीन के बहुत से प्रतिस्थापन उत्पाद पदार्थ ज्ञात हैं और इसके संजातों (Homologues) में क्विनैल्डीन, लेपिंडीन तथा गामा फेनील क्विनोलीन महत्वपूर्ण हैं।

उपयोग[संपादित करें]

कुछ क्विनोलीन संजातों का उपयोग ओषधि में प्रतिपूय तथा पीड़ानाशक के रूप में किया जाता है। डिफ्थीरिया रोग में गला धोने के लिये भी इसका उपयोग किया जाता है। कृत्रिम रंजकों के सश्लेषण में यह महत्वपूर्ण मध्यवर्ती है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; iupac2013 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. "NIOSH Pocket Guide to Chemical Hazards #0338". National Institute for Occupational Safety and Health (NIOSH).
  3. Lander, John J.; Svirbely, John J. Lander, W. J. (1945). "The Dipole Moments of Catechol, Resorcinol and Hydroquinone". Journal of the American Chemical Society. 67 (2): 322–324. डीओआइ:10.1021/ja01218a051.
  4. साँचा:IDLH

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]