सदस्य:Shreya.K.T

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Shreya.K.T
A DAY WELL SPENT AT CORNER HOUSE
A DAY WELL SPENT AT CORNER HOUSE
नाम Shreya K.T
लिंग स्त्री
जन्म तिथि १८ अप्रिल ,१९९७
जन्म स्थान कूर्ग्
निवास स्थान

बेंगलूर

।country = भारत
नागरिकता भारतीय
जातियता भारतीय
शिक्षा तथा पेशा
पेशा छात्र
विश्वविद्यालय क्राइस्ट यूनिवर्सिटी
शौक, पसंद, और आस्था
शौक संगीत सुनना, किताब पढना,केल्ना
धर्म हिन्दु
राजनीती स्वतंत्र
चलचित्र तथा प्रस्तुति मनोरंजन के लिएँ (तेलुगु-आनंद, मिथुनम, बाहुबलि)
पुस्तक रविंदर सिंग के पुस्तक

मेरा नाम श्रेया है। मैं आठारह साल की हू मेरा जन्म खोडागु में हुआ। मैंने सत्रह साल तक कोडागू में पडाई किया। मेरे माता का नाम श्वेता और पिता का नाम गनेश है। मेरा एक बड़ा भाई है। अभि मैं बाग्लूर के प्रतिष्टित "क्राइस्ट यूनिवर्सिटी" में वाणिज्य के स्नातक पड रही हूँ। मेरी मात्रभाषा कूरगी है। मुझे हिन्दी बहुत पसंद है। मुझे कुच्छ हद तक अन्य भाषाएं भी मालूम हैं।मुझे शतरंज और ताश खेलने का बहुत शौक है। मैं शाकाहारी भोजन,गीत और संगीत पसंद करती हूँ। मेरी सबसे प्यारी सहेली रंसीना है। हम दोनो ने साथ ही स्कूल जीवन समाप्त किया। मुझे लाल रंग पसंद है।में मेरे परिवार में सबसे छोटि बच्चि हूँ और लाडली हूँ। मुझे शोर-शराबा पसंद नहीं है। बच्चपन मैं अपने बड़े भाई के साथ पूरा दिन खेलती रहती थी। वर्ष ऋतु का आगमन जून महिने से ही कोडगू में प्रारंब होता। मेंने मेरे बच्चपन कोडगू के नवीन ऋतु में बिताया। मुझे कभी भी किसी वस्तु की कमि अनुभव नहिं हुआ। मेंने बच्चपन में मेरे बड़े भाई को निचे गिरादिया था, मुझे बहुत बुरा लगा था। अभी जब मैं उसके बारे में सोचती हुँ तो अजीब लगता है। अब में अपने घर से इतनी दूर हूँ, मुझे मेरे घर वालो का याद ह्मेश आता है। मेरा अभी एक ही सपना है कि मैं एक सफल व्यवसायी बन्ना। मुझे जीवन में साहसि कार्य करना है, और विदेश अकेले जाना है।मेरे दिल के करीब एक जीव था,वो ती मेरि बिल्ली मियांउ। ह्म एक दुझेसे बहुत प्यार करते थे। में हमेशा जह्ँ भी जाती उसे साथ ले चलती। वो बहुत प्यारि थी। उसका रंग भूरा था। मैं उस के लिए छिपाके दूध ले जाति थी। एक दिन में उसे अपने पड़ोसी के घर मले गयि थी। वो अपने में ही खेलते खेलते उद्यान में चली गयी। पड़ोसी ने अपने कुत्ते को बंदा नहिं था। उनके कुत्ते ने मेरे बिल्ली खो काट दिया और मेरी बिल्ली मर गयी। उसका चिल्लाना सुनते ही में तेजि से गयी। मेरि बिल्ली मर चुकिति। मैं बहुत रोइ। मेरी बिल्ली की मोत मुझे बहुत चुबा और पीड़ हुआ। अभी मेरे घर पे एक प्यारा कुत्ता हैं। उसका नाम रूपा है। मैं हमेश उसके साथ खेल थी हूँ। मेरे पिता मेरे लिये महान है। वे हमेश मुझे सहीं और गलत में अंतर करना सिखाया है। वे हमेश सत्य के मार्ग में अपना जीवन बीताया। मेरी माँ सबसे अच्छि है। वो मेरे लिये खाना बनाति है। वो मेरे साथ खेलती है। मैं एक बार खेलते खेलते गिर गया। माँ इतना डर गयी, के में माँ खो देखर डर गयि। अभी मेरे जीवन में बहुत सारि नई अनुभव हुए है। बेंग्लोर बहुत सुंदर शहर है। यहँ साब कुच्छ आधुनिक किसम से बना हुआ है। यहाँ सब लोग दुनियाके एक एक कोने से है। सबी लोग बहुत अच्छे है। हम सारे बहुत अच्छे और सच्छे दोस्त बन गये है। हम लोग एक बार खरीदारी करने के लिए ब्ज़ार गये थे और वह्ँ मेरे एक दोस्त पूरवि का पर्स चोरि हो गया। हम ने बहुत खोजा पर हमको नहीं मिला। फिर पता चला के खरीदारी करते समय एक दुकान में रक दिया था। एसे कहिं सारे यादगार पल हुआ है। मेरे दोस्त और मेरे लिए खाना सबसे जरूरी है। हम लोग बहुत मस्ती करते है। मुझे मेरी घर की याद बहुत आति है ,पर मेरे दोस्तों के वजसे मुझे अखेलापन महसू नहीं करति। अभी मेरी जिंदगी में बहुत सारे याधगार पल बनाने है। मेरे स्नातक की दिन अभी बस प्ररंब हुआ है। बोहत सारि याद अभि बानाना बाकि है। मेरे जिदगी में बहुत सारे अच्छे पल आने को है। अभी मैं खुश हूँ। आशा करती हूँ एसे हि मेरे जिदगी खट्टा मिट्टा हो कर गुजरे। मुझे मेरे जीवन से कोई शिकायत नहीं हैं। मेरा ये विचार है कि अगर हमारे मन में कोई अपवित्रता नहीं थो,हमें दूसरों कोई बुराई नहीं दिखता।