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Jeferinpaul1810229

इंटरनेट ऑफ थिंग्स[संपादित करें]

इंटरनेट ऑफ थिंग्सके जरिए कई प्रकार के प्रौद्योगिकियों और उपकरणों को एक साथ जोड़ा जा सकता है. इंटरनेट ऑफ थिंग्स नेटवर्किंग के विकास की बड़ी सफलता है. इस तकनीक का इस्तेमाल सभी गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इंटरनेट के माध्यम से आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है. इस तकनीक की मदद से जोड़े गए सभी स्मार्ट डिवाइस एक दूसरे को डाटा भेजते हैं और एक दूसरे से डाटा प्राप्त कर सकते हैं. एक-दूसरे को भेजे गए डाटा के आधार पर फिर ये कार्य करते हैं. वहीं ये टेक्नोलॉजी आज के समय में काफी सफल है और लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण बनती जा रही है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से हम लोगों की जिंदगी आने वाले समय में बेहद आसान हो जाएगी. इसकी मदद से आप किसी भी एक डिवाइस या उपकरण को इंटरनेट के साथ लिंक करके बाकी डिवाइसेज से अपने अनुसार कुछ भी कार्य करवा सकते हैं.

वहीं नीचे दिए गया उदाहरण इस तकनीक को और आसानी से समझने में आपकी मदद करेगा. अगर कोई व्यक्ति अपने घर पहुंचने से पहले चाहता है कि उसके कमरे का एसी ऑन हो जाए और घर पहुंचते ही उसे अपना कमरा एकदम ठंड़ा मिले तो इंटरनेट ऑफ थिग्स के जरिए ऐसा किया जा सकता है. वहीं अगर घर से निकलते हुए आप का एसी ऑन रह जाता है तो आईओटी की मदद से आप उस बंद भी कर सकते हैं.

जी हां कोई भी व्यक्ति अपने घर के कई उपकरणों को एक साथ इंटरनेट की मदद से जोड़कर कहीं से भी उनको ऑन या ऑफ कर सकता. इसी तरह अगर आप की गाड़ी में कोई खराबी आती है तो इसकी जानकारी उस गाड़ी बनाने वाली कंपनी के पास इस तकनीक की मदद से चली जाएगी. जिसके बाद आपकी गाड़ी की कंपनी आपको आपकी गाड़ी में हुई खराब के बारे में जानकारी दे देगी. हालांकि आप इस तकनीक का फायदा तभी उठा सकते हैं जब आप के मोबाइल या डिवाइस के आईपी एड्रेस के साथ ये उपकरण जुड़े हों.

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के एप्लिकेशन्स[संपादित करें]

स्मार्ट घर[संपादित करें]

स्मार्ट घर इंटरनेट ऑफ थिंग्स का ही एक हिस्सा हैं और आप लोगों ने स्मार्ट घरों के बारे में जरूर सुना होगा. दरअसल स्मार्ट घर उन घरों को कहा जाता है जहां पर घर के सारे उपकरण इंटरनेट के साथ जुड़े होते हैं. ये उपकरण सेंसर की मदद से ही घर की हीटिंग, एसी, घर के दरवाजों को कंट्रोल करते हैं. मान लीजिए की अगर आप घर पर नहीं हैं और आप घर का कोई दरवाजा खुला छोड़कर चले गए हैं. अगर उस दरवाजे पर सेंसर लगा होगा तो वो अपने आप ही कुछ समय बाद बंद हो जाएगा. इतना ही नहीं आपको इस चीज की जानकारी आपके फोन के जरिए मिल जाएगी.

वेयरएबल्स[संपादित करें]

वेयरएबल्स के अंदर वो चीजें आती हैं जिन्हें आप पहन सकते हैं. जैसे की स्मार्ट घड़ी, स्मार्ट जूते और इत्यादि. ये सारी चीजें इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अंतर्गत आती हैं. वहीं आपने कई तरह की स्मार्ट घड़ियों के बारे में तो सुना होगा. जैसे की एप्पल कंपनी की स्मार्ट घड़ी. इन घड़ियों की मदद से आप कई सारे कार्य कर सकते हैं, जैसे की ये घड़ी आपको आपकी सेहत के बारे में जानकारी दे सकती हैं, वहीं आप इन घड़ियों को अपने फोन से जोड़कर वर्कआउट करते समय कहीं भी ईमेल भेज सकते हैं. यानी आपको वर्कआउट करते हुए अपने फोन को बार-बार देखने की जरूरत नहीं पड़ती है.इसी तरह स्मार्ट गार्डन, स्मार्ट किचन और हेल्थ से जुड़े कई उपकरण आते हैं, जो कि आईओटी के अंतर्गत गिने जाते हैं. ये उपकरण अपने आप ही स्थिति को समझते हुए कार्य करते हैं. उदाहरण के लिए अगर आपके पास कोई स्मार्ट अलार्म वाली घड़ी है, तो वो आपको मौसम, ट्रैफिक और अन्य चीजों के आधार पर उठाएगी. मान लीजिए आपको किसी दूसरे शहर में जाना हैं और अपने सुबह 6 बजे का अलार्म स्मार्ट घड़ी में भरा हुआ है, वहीं ये घड़ी मौसम, रास्ते में आपको मिलने वाले ट्रैफिक के आधार पर आपको उठाएगी. अगर घड़ी को लगता है कि ट्रैफिक की वजह से आपको 15 मिनट पहले उठना चाहिए तो, आपके द्वारा भरे गए अलार्म से 15 मिनट पहले घड़ी आपको उठा देगी.

इंटरनेट ऑफ थिंग्स डिवाइसेज[संपादित करें]

बाजार में कई जानी-मानी कंपनियों द्वारा कई तरह के इंटरनेंट ऑफ थिंग्स के उपकरण बनाए और बेचे जा रहे हैं. अमेजन इको, फिटबिट वन, एप्पल स्मार्ट घंड़ी और इत्यादि उपकरण इनकी श्रेणी के अंदर आते हैं. ऊपर बताए गए उपकरण अलग-अलग तरह के कार्य करते हैं. जैसे की अमेजन इको के जरिए आप गाने बजा सकते हैं, मौसम की जानकारी पता कर सकते हैं या फिर टैक्सी बुक कर सकते हैं. वहीं फिटबिट वन के जरिए आपको पता चल सकता है कि आप कितना चले हैं. आपने कितनी कैलोरीज खर्च की हैं। इतना ही नहीं आपने कितने देर की नींद ली है. इसके अलावा ये डिवाइस इंटरनेट के जरिए आपकी सेहत का समय-समय पर डाटा बनाता रहता है और आपको आपके द्वारा की गई तरक्की के बारे में बताता रहता है.

इंटरनेट ऑफ थिंग्स का भविष्य[संपादित करें]

इस वक्त दुनिया भर में करीब 1200 करोड़ उपकरण इस के अंतर्गत आते हैं. वहीं माना जा रहा है कि आने वाले समय से ये संख्या इस समय की संख्या से 26 गुना बढ़ जाएगी. इसके अलावा आईओटी का वैश्विक बाजार मूल्य 2020 तक 7. 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. वहीं इन आकड़ों से आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में इस तकनीक की कितनी मांग होने वाली है.

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के फायदे[संपादित करें]

इंटरनेट ऑफ थिंग्स के जरिए हर काम को आसानी से किया जा सकता है. वहीं इंटरनेट ऑफ थिंग्स के जरिए लोगों के रहने का स्तर भी आने वाले समय में बढ़ जाएगा. इस तकनीक की मदद से आप एक साथ कई कार्यों को आसानी से कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आप अपने दफ्तर या घर से दूर हैं, तो आप स्मार्ट उपकरणों की मदद से वहां की जानकारी आसानी से ले सकते हैं.

कौन-कौन सी कंपनियां बनाती हैं ये उपकरण[संपादित करें]

कई जानी मानी कंपनियों द्वारा ये स्मार्ट उपकरण बनाए जाते हैं. इन कंपनियों की सूची में आईबीएम कंपनी का स्थान पहले नंबर पर हैं. वहीं जो अन्य कंपनियां आईओटी में शामिल हैं वो इस प्रकार हैं- गूगल, इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट, एप्पल, सिस्को और सैमसंग.

संदर्भ[संपादित करें]

https://hindisahayta.in/iot-kya-hai/ https://www.zdnet.com/article/what-is-the-internet-of-things-everything-you-need-to-know-about-the-iot-right-now/ https://hindisuvidha.com/