संयुक्त अरब अमीरात का संविधान
संयुक्त अरब अमीरात का संविधान वह दस्तावेज है जो संयुक्त अरब अमीरात को सात अमीरातों के संघ के रूप में कार्य करने का विधिक एवं राजनैतिक आधार प्रदान करता है। यह संविधान ०२ अक्टूबर १९७१ को लागू हुआ और स्थायी रूप से मई १९९६ में स्वीकार किया गया। इसकी रचना आदि बितार ने की थी जो भूतपूर्व न्यायधीश एवं विधिक सलाहकार थे। इस संविधान १५२ धाराएँ हैं तथा यह १० भागों में है।
संविधान के भाग
[संपादित करें]संविधान के कुछ महत्वपूर्ण अनुच्छेद और भाग नीचे संक्षेप में दिए गए है-
भाग एक
[संपादित करें]अनुच्छेद २ - अबू धाबी संघ की राजधानी है।
अनुच्छेद ७ - इस्लाम आधिकारिक राज्य धर्म है। इस्लामिक शरिया, कानून का प्राथमिक स्रोत है
अनुच्छेद १० - संघ का उद्देश्य अपनी स्वतंत्रता और संप्रभुता का अनुरक्षण है।
अनुच्छेद 11 - यह संघ एकल आर्थिक और सीमा शुल्क इकाई है; सभी अमीरातों के बीच पूँजी और सामान के मुक्त आवागमन की गारंटी है; अमीरातों के बीच लगने वाले सभी कर, ड्यूटी एवं टोल समाप्त किए जाते हैं।
अनुच्छेद 12 - विदेश नीति अरब और इस्लामी उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए होगी और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के आधार पर सभी देशों के साथ दोस्ती और सहयोग को मजबूत करने के लिए होगी।
भाग २
[संपादित करें]- संघ का मौलिक सामाजिक और आर्थिक आधार
अनुच्छेद 14 - समानता, सामाजिक न्याय, सभी नागरिकों के लिए संरक्षा, सुरक्षा और अवसर की समानता सुनिश्चित करना
अनुच्छेद 15 - परिवार समाज का आधार है। यह नैतिकता, धर्म और देशभक्ति पर आधारित है। कानून इसके अस्तित्व की गारंटी देगा, सुरक्षा करेगा और इसे भ्रष्ट होने से बचाएगा
अनुच्छेद 17 - प्राथमिक स्तर पर अनिवार्य शिक्षा
अनुच्छेद 21 - निजी सम्पत्ति की रक्षा की जाएगी
अनुच्छेद 22 - सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है
भाग तीन
[संपादित करें]- स्वतंत्रता, अधिकार और सार्वजनिक कर्तव्य
अनुच्छेद 25 - कानून के सामने सभी लोग समान हैं चाहे वे किसी भी जाति, राष्ट्रीयता, धार्मिक विश्वास या सामाजिक स्थिति के हों।
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता की गारंटी है; किसी भी व्यक्ति को केवल कानून के प्रावधानों के अनुसार ही गिरफ्तार किया जा सकता है, उसकी तलाशी ली जा सकती है, उसे रोका जा सकता है, या जेल में डाला जा सकता है।
अनुच्छेद 28 - जुर्माना व्यक्तिगत है; एक अभियुक्त तब तक निर्दोष माना जाएगा जब तक उसे न्यायालय द्वारा दोषी न घोषित कर दिया जाय।
अनुच्छेद 29 - कानून की सीमा के भीतर, आन्दोलन करने की स्वतंत्रता है
अनुच्छेद 30 - कानून की सीमा के भीतर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है।
अनुच्छेद 32 - धार्मिक पूजा करने की स्वतंत्रता की स्थापना के अनुसार गारंटी है। सीमा शुल्क और बशर्ते यह सार्वजनिक नीति के साथ संघर्ष नहीं करता है या सार्वजनिक नैतिकता का उल्लंघन नहीं करता है
अनुच्छेद 33 - कानून की सीमा के भीतर, एकत्रित्र होने (assembly) की स्वतन्त्रता है।
भाग चार
[संपादित करें]- संघ के प्राधिकरण
अनुच्छेद 45 - इस अनुच्छेद के द्वारा संघ की सुप्रीम काउंसिल (एससीएन), मन्त्रिपरिषद, राष्ट्रीय सभा और न्यायपालिका की स्थापना की गयी है।
राष्ट्रीय सभा (नेशनल असेंबली) की संरचना : अबू धाबी और दुबई की 8-8 सीटें ; शारजाह और रास अल खैमाह के लिए 6 -6 सीटें ; तथा अजमान, उम्म अल क्वैन और फुजैराह के लिए 4-4 सीटें।
अनुच्छेद 51 और 52 - राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव तथा कार्यकाल
अनुच्छेद 108 - संघीय न्यायिक प्राधिकरण द्वारा सुनाए गए सभी मृत्युदण्डों को राष्ट्रपति की स्वीकृति आवश्यक है।
भाग पाँच
[संपादित करें]संघीय विधायिका
भाग छह
[संपादित करें]- अमीरात
अनुच्छेद 123 - कोई भी अमीरात पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) की अपनी निजी सदस्यता को जारी रख सकता है।
भाग सात
[संपादित करें]संघ का आधिकारिक धर्म इस्लाम है। संघ के लिए बनाए जाने वाले कानूनों का मुख्य स्रोत इस्लामिक शरिया होगा। संघ की आधिकारिक भाषा अरबी है।
भाग आठ
[संपादित करें]- संघ के वित्तीय मामले
भाग नौ
[संपादित करें]- सशस्त्र बल और सुरक्षा बल
अनुच्छेद 137 - किसी एक अमीरात पर कोई भी आक्रमण सभी अमीरात पर आक्रमण है और संघ के अस्तित्व पर आक्रमण है।
अनुच्छेद 138 के - एकीकृत वायुसेना, नौसेना और थलसेना की स्थापना
भाग दस
[संपादित करें]- अंतिम और संक्रमणकालीन प्रावधान
अनुच्छेद 145 - संविधान को निलंबित नहीं किया जा सकता (मार्शल कानून प्रभाव में है उसको छोड़कर)