"हृदय रोग": अवतरणों में अंतर
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22:07, 30 सितंबर 2010 का अवतरण
हृदय रोग वर्गीकरण व बाहरी संसाधन | |
आईसीडी-१० | I00-I52 |
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आईसीडी-९ | 390-429 |
एमईएसएच | D006331 |
हृदय शरीर का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। मानवों मेंयह छाती के मध्य में, थोड़ी सी बाईं ओर स्थित होता है और एक दिन में लगभग एक लाख बार एवं एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है। यह हर धड़कन के साथ शरीर में रक्त को धकेलता करता है।हृदय को पोषण एवं ऑक्सीजन, रक्त के द्वारा मिलता है जो कोरोनरी धमनियों द्वारा प्रदान किया जाता है। यह अंग दो भागों में विभाजित होता है, दायां एवं बायां। हृदय के दाहिने एवं बाएं, प्रत्येक ओर दो चैम्बर (एट्रिअम एवं वेंट्रिकल नाम के) होते हैं। कुल मिलाकर हृदय में चार चैम्बर होते हैं। दाहिना भाग शरीर से दूषित रक्त प्राप्त करता है एवं उसे फेफडों में पम्प करता है और रक्त फेफडों में शोधित होकर ह्रदय के बाएं भाग में वापस लौटता है जहां से वह शरीर में वापस पम्प कर दिया जाता है। चार वॉल्व, दो बाईं ओर (मिट्रल एवं एओर्टिक) एवं दो हृदय की दाईं ओर (पल्मोनरी एवं ट्राइक्यूस्पिड) रक्त के बहाव को निर्देशित करने के लिए एक-दिशा के द्वार की तरह कार्य करते हैं।
हृदय में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार से हैं:
- हृदयाघात
- रुमेटिक हृदय रोग
- जन्मजात खराबियां
- हृदय की विफलता
- पेरिकार्डियल बहाव
जन्मजात कमियां
जन्मजात हृदय रोग, जन्म के समय हृदय की संरचना की खराबी के कारण होती है। जन्मजात हृदय की खराबियां हृदय में जाने वाले रक्त के सामान्य प्रवाह को बदल देती हैं। जन्मजात हृदय की खराबियों के कई प्रकार होते हैं जिसमें मामूली से गंभीर प्रकार तक की बीमारियां शामिल हैं।
संकेत और लक्षण
- जन्मजात हृदय की खराबियों वाले कई व्यक्तियों में बहुत ही कम या कोई लक्षण नहीं पाये जाते।
- गंभीर प्रकार की खराबियों में लक्षण दिखाई देते हैं- विशेषकर नवजात शिशुओं में। इन लक्षणों में सामान्यतः तेजी से सांस लेना, त्वचा, ओठ और उंगलियों के नाखूनों में नीलापन, थकान और खून का संचार कम होना शामिल है।
- बड़े बच्चे व्यायाम करते समय या अन्य क्रियाकलाप करते समय जल्दी थक जाते हैं या तेज सांस लेने लगते हैं।
- दिल के दौरे के लक्षणों में व्यायाम के साथ थकान शामिल है। सांस रोकने में तकलीफ, रक्त जमना और फेफड़ों में द्रव जमा होना तथा पैरों, टखनों और टांगो में द्रव जमा होना।
- जब तक बच्चा गर्भाशय में रहता है या जन्म के तुरंत बाद तक गंभीर हृदय की खराबी के लक्षण साधारणतः पहचान में आ जाते हैं। लेकिन कुछ मामलों में यह तब तक पहचान में नहीं आते जबतक कि बच्चा बड़ा नहीं हो जाता और कभी-कभी तो वयस्क होने तक यह पहचान में नहीं आता।