"मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ् नॉर्दन हिन्दुस्तान": अवतरणों में अंतर
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{{अनेक समस्याएँ|एकाकी=मई 2018|निबंध=मई 2018|बन्द सिरा=मई 2018|भूमिका नहीं=मई 2018|विकिफ़ाइ=मई 2018|स्रोतहीन=मई 2018}} |
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''' मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ् नॉर्दन हिन्दुस्तान ''' १९८९ ई में [[जॉर्ज गियर्सन]] द्वारा लिखा गया [[हिन्दी साहित्य कोश|हिंदी साहित्य]] के इतिहास की पुस्तक है। यह हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का तीसरा प्रयास था। यह पुस्तक अंग्रेजी में लिखी गई थी। इसमें पहली बार हिंदी साहित्य के काल विभाजन का प्रयास किया गया था। इसमें हिंदी साहित्य के काल को दस अध्यायों में बाँटा गया था। |
''' मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ् नॉर्दन हिन्दुस्तान ''' १९८९ ई में [[जॉर्ज गियर्सन]] द्वारा लिखा गया [[हिन्दी साहित्य कोश|हिंदी साहित्य]] के इतिहास की पुस्तक है। यह हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का तीसरा प्रयास था। यह पुस्तक [[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेजी]] में लिखी गई थी। इसमें पहली बार हिंदी साहित्य के काल विभाजन का प्रयास किया गया था। इसमें हिंदी साहित्य के काल को दस अध्यायों में बाँटा गया था। |
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[[श्रेणी:हिंदी साहित्य का इतिहास]] |
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मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ् नॉर्दन हिन्दुस्तान १९८९ ई में जॉर्ज गियर्सन द्वारा लिखा गया हिंदी साहित्य के इतिहास की पुस्तक है। यह हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का तीसरा प्रयास था। यह पुस्तक अंग्रेजी में लिखी गई थी। इसमें पहली बार हिंदी साहित्य के काल विभाजन का प्रयास किया गया था। इसमें हिंदी साहित्य के काल को दस अध्यायों में बाँटा गया था।
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