"नाकर": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
{{अनेक समस्याएँ}} निम्न प्राचलों के साथ: बन्द सिरा, विकिफ़ाइ और स्रोतहीन {{[[स...
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{अनेक समस्याएँ|बन्द सिरा=नवम्बर 2017|विकिफ़ाइ=नवम्बर 2017|स्रोतहीन=नवम्बर 2017}}
नाकर गुजराती भाषा के मध्यकालीन कवि थे जिन्होंने रामायण और महाभारत दोनों का गुजराती मे भाषांतर कीया था।
नाकर गुजराती भाषा के मध्यकालीन कवि थे जिन्होंने रामायण और महाभारत दोनों का गुजराती मे भाषांतर कीया था।


पंक्ति 37: पंक्ति 38:
* इसमें अगस्त्य द्वारा रावण का चरित्र वर्णित किया गया है।
* इसमें अगस्त्य द्वारा रावण का चरित्र वर्णित किया गया है।
* इसमें केवल सीता का भूमिप्रवेश और राम के स्वर्गगमन की कथा नहीं हैं।
* इसमें केवल सीता का भूमिप्रवेश और राम के स्वर्गगमन की कथा नहीं हैं।

{{श्रेणीहीन|date=नवम्बर 2017}}

12:54, 28 नवम्बर 2017 का अवतरण

नाकर गुजराती भाषा के मध्यकालीन कवि थे जिन्होंने रामायण और महाभारत दोनों का गुजराती मे भाषांतर कीया था।

रामायण की प्रति

नाकर की रामायण की प्रति डाहीलक्ष्मी पुस्तकालय, नडियाद मे है। इस प्रति मे ७ काण्ड हैं और प्रति क समय संवत १६२४ का हैं। इसके आरंभ के और अंत के पृष्ठ फटे हुए हैं। यह रामायण गुजराती 'कडवु' मे विभाजित हैं।

नाकर की रामायण कथा

बालकाण्ड

  • नाकर की रामायण की फटी हुए प्रति कडवुं ४ से प्रारंभ होती हैं जहाँ मोहिनी की कथा है।
  • कडवुं ५ में अंजनीजन्म, उनका केसरी से विवाह और हनुमान जन्म की कथा हैं
  • कडवुं ६ में अंजना हनुमान से रामकथा सुनाने को कहती हैं। हनुमान क्रौंचवध और इक्ष्वाकु की वंशावली कहते हैं।
  • कडवुं ७ मेंं परशुराम द्वारा क्षत्रियों का वध और अपुत्र दशरथ को छोड देना की कथा हनुमान बताते हैं।
  • कडवुं ८ में श्रवण वध की कथा हैं इसमें श्रवण की पत्नी सावित्री का उल्लेख हैं।
  • ऋषिश्रङ्ग की कथा, दशरथ का यज्ञ, राम जन्म, विश्वामित्र का आगमन, वेदवती की कथा, सीता जन्म, धनुभंग, सीताविवाह की कथा हैं।
  • कडवुं २८ में परशुराम का आगमन तथा उनकी माता का हत्या की कहानी हैं।

अयोध्याकाण्ड

  • राम बचपन में मंथरा को लात मारते हैं उसकी कथा
  • राम वनवास
  • भरतमिलन और भरत का पुनः अयोध्या लोटना
  • जयंत की कथा

अरण्यकाण्ड

  • शूर्पणखा के आने से सीताहरण की कथा
  • राम का चक्रवाक पक्षियों को शाप देना की वे रात्रि मे अलग हो जाएगें।
  • राम का शबरी से मिलना
  • कडवुं १४ से १९ हरिश्चंद्र की कथा है जो संभवत किसी ऋषि द्वारा राम को सुनाया गया होगा

किष्किंधाकाण्ड

  • इसमें १७ कडवे हैं जो राम सुग्रीव की मित्रता , राम की परीक्षा हेतु सुग्रीव द्वारा राम को 'अगस्ति पर्वत' उठाने को कहना, राम द्वारा उसे उठाना, सीता की खोज हेतु वानरों का प्रयाण, राम का हनुमान को मुद्रिका देना की कथा बताते हैं।

सुंदरकाण्ड

  • हनुमान का लंका जाकर सीता की खबर लाने की कथा हैं।
  • हनुमान के लौटने पर जाम्बवान गरुड़ के माता की कथा कहते है।
  • रावण द्वारा विभीषण के त्याग की कथा है।
  • ऋषि मातंग द्वारा नल को पथ्थर तेरने का वरदान
  • रावण राम का कटा मस्तिष्क सीता को दिखाता है।
  • अंगद का रावण की सभा मे जाना और माया सीता से मिलने की कथा

युद्धकाण्ड

  • इसमें सभी रामायण अनुसार है केवल जब मेधनाद सर्पास्त्र छोडता है तब नारद आकर राम से गरुड़ के आह्वान का सूचन देते हैं।

उत्तरकाण्ड

  • इसमें अगस्त्य द्वारा रावण का चरित्र वर्णित किया गया है।
  • इसमें केवल सीता का भूमिप्रवेश और राम के स्वर्गगमन की कथा नहीं हैं।