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लहजा (भाषाविज्ञान)

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भाषाविज्ञान में लहजा (अंग्रेज़ी: accent, एक्सेंट) बोलचाल में उच्चारण के उस तरीक़े को कहते हैं जिसका किसी व्यक्ति, स्थान, समुदाय या देश से विशेष सम्बन्ध हो। उदहारण के तौर पर कुछ दक्षिण-पूर्वी हिंदी क्षेत्र के ग्रामीण स्थानों में लोग 'श' की जगह पर 'स' बोलते हैं, जिसकी वजह से वह 'शहर' और 'अशोक' की जगह 'सहर' और 'असोक' बोलतें हैं - इसे उस क्षेत्र का देहाती लहजा कहा जा सकता है। व्यक्तिगत स्तर पर तुतलाने को भी एक बोलने का लहजा कहा जा सकता है।[1]

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. Dialogue Analysis IX: Dialogue in Literature and the Media, Anne Betten et al (editors), pp. 354, Walter de Gruyter, 2005, ISBN 9783110946055, ... (1) distinctive manner of usually oral expression: as the inflection, tone, or choice of words associated with a particular situation, event, emotion, or attitude, or taken to be unique or highly characteristic of an individual, and (2) speech habits typical of the natives or residents of a region or any other group ...