प्रतिरोध तापमापी (Resistance thermometers या resistance temperature detectors (RTDs)) ताप मापन के लिए प्रयुक्त संवेदक (sensors) हैं। बहुत से प्रतिरोध तापमापी किसी सिरामिक या काच के टुकड़े पर महीन तार के अनेकों फेरे लपेटकर बनाये जाते हैं। RTD के लिए प्रयुक्त तार शुद्ध पदार्थ का बना होता है, जैसे प्लेटिनम, निकल या ताम्र। इस पदार्थ का प्रतिरोध/ताप सम्बन्ध बहुत रैखिक होता है।
RTD की यथार्थता ( accuracy) तथा पुनरावर्तनीयता (repeatability) श्रेष्ठतर होती है। इस कारण 600 °C से कम ताप पर तापयुग्मों के स्थान पर इनका प्रचलन बढ़ रहा है।
प्रतिरोध तापमापी के कार्य करने का आधार यह है कि ताप बढने पर प्रतिरोध भी बढता है। ताप के साथ प्रतिरोध का सम्बन्ध निम्नलिखित सरलीकृत रूप में लिखा जा सकता है-
जहाँ:
प्रतिरोध का मान, ताप पर
ताप परिवर्तन, के सापेक्ष (
चालक के पदार्थ का विशिष्ट ताप गुणांक 0 °C पर,
Pt100 (प्लेटिनम RTD जिसका R = 100 Ω , 0 °C पर) एक सर्वसामान्य आरटीडी है। नीचे की सारणी में विभिन्न ताप पर इसके प्रतिरोध का मान दिया गया है। इस संसूचक (सेन्सर) के लिये α = 0.00385 K-1।
ताप (°C))
0
20
30
40
60
80
100
प्रतिरोध ()
100
107.79
111.55
115.54
123.1
130.87
138.50
RTD के रचना के लिये प्रायः ताँबा, निकल, प्लेटिनम आदि का उपयोग होता है। नीचे की सारणी में इनमें से कुछ पदार्थों के गुण दिये गये हैं-