पॉडकास्ट
[1][2][3]प्यार वो महसूस है। जिसके अंदर खो जाने का दिल करता है। यही एक एहसास मैं आपको बताना चाहता हूँ।
शाम का समय था। मैं अपने दोस्त का इंतजार कर रहा था। स्टेशन के बाहर।
हमलोग का बाहर कही घूमने जाने का प्लान था और मैं जल्दी पहुँच गया था।
कुछ समझ नही आ रहा था की मैं क्या करूँ। मैं स्टेशन के पास जा के बैठ गया, तभी कुछ ऐसा हुआ कि मेरी जिन्दगी एक अलग मोड़ लेने वाली थी।
स्टेशन की तरफ मैं देख रहा था की मेरा दोस्त आया की नहीं तभी अचानक से मेरी नज़र एक लड़की पर पड़ी।
वो जो वक़्त था मैं पूरी तरह कुछ देर के लिए थम सा गया था। मैं सब भूल गया था की मैं कहा हूँ क्यों हूँ ?
बस मेरी आँखे उस लड़की की तरफ से हट ही नहीं रही थी और इस तरह से मैं उसे देखता ही जा रहा था ।
उसकी मासूम चेहरा, उसकी छोटी-छोटी आंखी, उसके मासूम सा चेहरे पे वो मासूम सी उसकी हंसी जैसे मानो कोई परी हो वो..उसे देख पहली नज़र मे मानो दिल को कुछ होने लगा था।
क्या वो प्यार था??
मुझे नहीं पता बस दिल बोल रहा था कि मेरा दोस्त कुछ देर बाद आये या ये वक़्त रुक जाए।
मुझे उसका नाम जानना था। उसके बारे में बहुत कुछ पता करने को दिल कर रहा था लेकिन कैसे करूँ ये समझ ही नहीं आ रहा था।
जब कुछ समझ नहीं आया तब मैंने बस भगवान से प्रार्थना किया की मुझे ये लड़की मेरी जिन्दगी में चाहिए।
वो जा रही थी। मेरी आँखों से दूर मुझे रोकना था उसे। उससे बातें करना था। उससे दोस्ती करनी थी और उसे अपने दिल की बात बतानी थी।
लेकिन कैसे ???
यही सवाल बस बार-बार मेरे मन में आ रहा था और मुझे बैचैन किये जा रहा था।
मैंने फिर सोच लिया कि मेरी आँखों से दूर होने से पहले मुझे इसका नाम पता चल जाये तो मैं इससे अपना बनूँगा और शायद भगवान् ने ही उसे भेजा होगा मेरे लिए ये मैं समझूंगा तभी भगवन ने चमत्कार कर दिया..पीछे से आवाज आया प्रिया मैं यहां हूँ।
फिर वो पीछे देखि तो मैंने देखा वहां से एक लड़की आवाज दी और वो उस क पास चली गयी..तभी मैं समझा उस लड़की का नाम प्रिया था।
मैं खुश हो गया और उस लड़की को मन किया जा के धन्यवाद बोल दू क्योंकि उसी के वजह से मुझे उस का नाम पता चला।
बस तभी मैंने ठान ली अब उसे अपना बनाना है, उसे अपनी जिन्दगी में लाना है।
फिर तभी मै उसके पिछे जाने लगा कि अचानक ही पीछे से एक हाथ आया।
पीछे देखा तो दोस्त आ गया था। अब मैं क्या करूँ समझ नहीं आ रहा था..मैं क्या बोलूँ उससे..कैसे मना करूँ उससे?..कैसे जाऊ मैं उस के पीछे ?
मैं इसी सोच में लगा रहा रहा तब तक वो मेरी आँखों से दूर जा चुकी थी दिल मानो रोने लगा था और तभी मानो ऐसा लगा कि जैसे सब कुछ एक सपना सा था बस और आँखे खुल गया तो सपना टूट गया।
मैं वहा से चला तो गया अपने दोस्त के साथ लेकिन पूरी रास्ते बस उसी के बारे में सोचता रहा।
मानो मेरा दिल अब उसके ख्याल से निकलने को तैयार ही नहीं था।
दूसरे दिन मैं कॉलेज लिए तैयार हो गया और मैं कॉलेज पंहुचा।
और बेंच पे जा क बैठ गया..तभी दोस्त ने बुलाया और कहा देख अपने कॉलेज में एक नई लड़की आयी है।
मेरा मन अभी भी बस उसी के
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Podcast". कैम्ब्रिज डिक्शनरी (ऑनलाइन संस्करण). अभिगमन तिथि 12 जनवरी 2024.
- ↑ "Definition of PODCAST". मेर्रियम-वेबस्टेर डिक्शनरी. अभिगमन तिथि 12 जनवरी 2024.
- ↑ "Podcast Definition & Meaning". ब्रितानिका डिक्शनरी.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- ब्लॉगिंग छोड़ें पॉडकास्टिंग करें
- अथ श्री पॉडकास्टिंग महापुराण
- पॉडकास्ट कैसे रिकॉर्ड करें - सचित्र टटोरियल
- पॉडकास्ट को इंटरनैट पर अपलोड करना तथा ब्लॉग पर प्रकाशित करना
- इंटरनैट पर दोस्तों से बातचीत कैसे रिकॉर्ड करें
- पॉडकास्ट को इंटरनैट पर अपलोड करना तथा ब्लॉग पर प्रकाशित करना
- अपने ब्लॉग पर अपनी आवाज कैसे डालें