पेल्टन टरबाइन
पेल्टन व्हील (Pelton wheel) अथवा पेल्टन टर्बाइन (Pelton Turbine) आवेग-वाली जल टरबाइन होती है जिसका अन्वेषण अमेरिकी अन्वेषक लेस्टर एलन पेल्टन ने 1870 के दशक में किया था।[1][2] पारंपरिक ओवरशॉट वॉटर व्हील की तरह पानी के मृत भार के विपरीत, पेल्टन व्हील चलते पानी के आवेग से ऊर्जा निकालता है। आवेग टरबाइनों के पहले के कई रूप मौजूद थे, लेकिन वे पेल्टन के डिज़ाइन की तुलना में कम कुशल थे। उन पहियों से निकलने वाले पानी की गति आमतौर पर अभी भी तेज़ होती है, जो पहियों पर लाई गई अधिकांश गतिशील ऊर्जा को अपने साथ बहा ले जाता है। पेल्टन की पैडल ज्यामिति को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया था कि जब रिम पानी के जेट की आधी गति पर चलता था, तो पानी बहुत कम गति के साथ पहिया छोड़ देता था; इस प्रकार उनके डिज़ाइन ने पानी की लगभग सारी आवेग ऊर्जा निकाल ली - जिससे एक बहुत ही कुशल टरबाइन बन गया।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "COW THAT ASSISTED SCIENCE". द साउथ ईस्टर्न टाइम्स (1661). दक्षिण ऑस्ट्रेलिया. 24 नवम्बर 1922. पृ॰ 6. अभिगमन तिथि 31 जनवरी 2023 – वाया नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया.
- ↑ "MINING INTELLIGENCE". लाउंसेस्टन एक्सामिनर. XLV (210). तस्मानिया, ऑस्ट्रेलिया. 22 अगस्त 1885. पृ॰ 3. अभिगमन तिथि 31 जनवरी 2023 – वाया नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ ऑस्ट्रेलिया.