धौली, भुवनेश्वर
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धौली भुवनेश्वर के दक्षिण में राजमार्ग संख्या 203 पर स्थित है। यह वही स्थान है जहां अशोक कलिंग युद्ध के बाद पश्चात्ताप की अग्नि में जला था। इसी के बाद उसने बौद्ध धर्म अंगीकार कर लिया और जीवन भर अहिंसा के संदेश का प्रचार प्रसार किया। अशोक के प्रसिद्ध पत्थर स्तंभों में एक यहीं है। इस स्तंभ (257 ई.पू.) में अशोक के जीवन दर्शन का वर्णन किया गया है। यहां का शांति स्तूप भी घूमने लायक है जो कि धौली पहाड़ी के चोटी पर बना हुआ है। इस स्तूप में भगवान बुद्ध की मूर्त्ति तथा उनके जीवन से संबंधित विभिन्न घटनाओं की मूर्त्तियां स्थापित है। इस स्तूप से 'दया नदी' का विहंगम नजारा दिखता है।
प्रवेश शुल्क: नि:शुल्क। समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक। सभी दिन खुला हुआ।