जैन त्योहार
जैन समाज कई त्योहार मनाती है।इनके प्रमुख उत्सव तो अनाधिनिधन (जिसकी ना ही शुरुआत हो और ना ही अंत) होते हैं, पर कुछ पर्व तीर्थंकर,जिनवाणी और गुरुओं के होते हैं।
पर्यूषण पर्व
[संपादित करें]यह जैनों का सर्व प्रमुख उत्सव है। यह वर्ष मे भाद्रप्रद माह में मनाया जाता है। यह 8 दिवस का होता है। इन 8 दिनों मे जैन श्रावक श्राविका तप आराधना कर अपने कर्मों की निर्जरा करते है।
संवत्सरी महापर्व
[संपादित करें]इसमें जैन समाज पूरे वर्ष में किये गए पापों की क्षमायापना करते हैं। इसे भाद्रपद माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी व पंचमी को मनाते हैं।इसका उद्देश्य मात्र क्षमा मांगना व क्षमा करना है।
महावीर जयंती (जन्म कल्याणक)
[संपादित करें]इस दिन भगवान महावीर स्वामी का जन्म हुआ। यह चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिवस मनाई जाती है। इस दिन गुजरात,महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान में राजकीय अवकाश रहता है।
रक्षाबंधन
[संपादित करें]इस दिन जैन मुनि श्री विष्णु कुमार ने ७०० मुनियों के ऊपर से उपसर्ग दूर किया था। इसलिए इसका नाम रक्षाबंधन पड़ा।
दीपावली
[संपादित करें]इस दिन प्रातः भगवान महावीर स्वामी को निर्वाण की प्राप्ति हुई व गौतम गणधर को केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई।
जैन नववर्ष
[संपादित करें]कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकम से जैन नववर्ष का प्रथम दिन मानते हैं।
अन्य त्योहार
[संपादित करें]- पंच कल्याणक
- मोक्ष अष्टमी
- अक्षय तीजा
- नवपद ओली
- जैन धर्म के तीर्थ
- रक्षाबंधन(जैन धर्म)