गार्सां द तासी
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गार्सां द तासी (अंग्रेज़ी: Garcin de Tassy) का जन्म फ्रांस में हुआ था। हिन्दी (हिंदुई) तथा उर्दू (हिन्दुस्तानी) साहित्य का सर्वप्रथम इतिहास ग्रंथ "इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐंदूई ऐ ऐंदूस्तानी" इन्हीं का लिखा हुआ है। इसका पहला संस्करण दो भागों में १८३९ तथा १८४७ में प्रकाशित हुआ था। दूसरा परिवर्द्धित संस्करण तीन भागों में १८७०-७१ में प्रकाशित हुआ था।[1] इन्होंने अपनी रचना में केवल उर्दू के कवियों को स्थान दिया, इन्होंने कवियों को स्थान तो दिया परंतु कालक्रम नहीं दिया और का काल विभाजन भी नहीं किया। गार्सां द तासी ने भारत के लोकप्रिय उत्सवों का भी विवरण प्रस्तुत किया है। गार्सां द तासी हिन्दुस्तानी साहित्य के महत्त्व को स्वीकार करते हैं तथा उसे किसी अन्य भाषा से हीन नहीं समझते हैं।[2]
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ वार्ष्णेय, लक्ष्मीसागर (1953). हिंदुई साहित्य का इतिहास. इलाहाबाद: हिंदुस्तानी एकेडमी. पृ॰ 5 (प्रकाशकीय) – वाया विकिस्रोत. [स्कैन ]
- ↑ हरदेव बाहरी, हिन्दी साहित्य कोश, भाग २, सम्पादक डॉ॰ धीरेन्द्र वर्मा, ज्ञान मण्डल लिमिटेड वाराणसी, द्वितीय संस्करण १९८६, पृष्ठ-१२८