किरण कार्निक
Kiran Karnik | |
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President NASSCOM
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पद बहाल 2001–2007 | |
पूर्वा धिकारी | Dewang Mehta |
उत्तरा धिकारी | Som Mittal |
Managing Director, Discovery Networks (India)
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पद बहाल 1995–2001 | |
Director, Consortium for Educational Communication
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पद बहाल 1991–2005 | |
जन्म | 16 मार्च 1947 Maharashtra |
राष्ट्रीयता | Indian |
किरण कार्निक (जन्म: 16 मार्च 1947) भारतीय आउटसोर्सिंग उद्योग के एक प्रमुख व्यक्तित्व और महत्वपूर्ण मार्गदर्शक हैं। वे नैसकॉम (NASSCOM) (द नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेस कंपनिज) के भूतपूर्व अध्यक्ष हैं और वर्तमान में इसके एक ट्रस्टी हैं। गंभीर अनियमितताओं और लेखा में धोखाधड़ी करने के लिए भारत सरकार द्वारा सत्यम कम्प्यूटर के बोर्ड को भंग कर देने के बाद, हाल ही में श्री कार्निक को सत्यम कंप्यूटर सर्विसेस बोर्ड के तीन सदस्यों में से एक सदस्य चुना गया और साथ ही उन्हें चेयरमैन भी बनाया गया। वर्तमान में वे भारतीय रिज़र्व बैंक के केंद्रीय निदेशक भी हैं।[1]
परिचय
[संपादित करें]किरण कार्निक ने सितंबर 2001 में नैसकॉम के अध्यक्ष पद को स्वीकार किया था। भारत के आईटी सॉफ्टवेयर और सेवा उद्योग के शीर्ष निकाय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में प्रतिनिधित्व करते हुए वे इस उद्योग के अलावा भारत की केंद्रीय और राज्य सरकारों के साथ मिलकर इस क्षेत्र की स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्नति के लिए नीतियों और रणनीतियों को तैयार करने में अपना बहुमूल्य योगदान देते हैं। इनके प्रमुख कार्यों में से एक है भारतीय सॉफ्टवेयर और सेवा उद्योग के लिए वैश्विक ब्रांड इक्विटी का निर्माण करना और उद्योग के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए नैसकॉम को अधिक सम्मलित संगठन के रूप में मजबूत करना।[2]
नैसकॉम में शामिल होने से पहले श्री कार्निक 1995 से 2001 तक भारत के डिस्कवरी नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रहे हैं। उन्होंने अगस्त 1995 में डिस्कवरी चैनल और 1999 में एनिमल प्लेनेट की दक्षिण एशिया में शुरूआत कराने में मुख्य भूमिका निभाई.[3]
इंडियन स्पेस रिसर्च ओर्गाइनाइजेशन (इसरो (ISRO)) से श्री कार्निक 20 से भी अधिक वर्षों तक जुड़े रहे। उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की विभिन्न संकल्पनाओं, योजना अनुप्रयोगों के कार्यान्वयन से संबंधित पदों पर कार्य किया, उन्होंने विकास के लिए संचार के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया। वे गंभीर रूप से संकल्पनाओं में शामिल थे और कई वर्षों से खेड़ा संचार परियोजना की देखरेख में संलग्न थे। उनके इन शुरूआती प्रयासों के लिए उन्हें व्यापक रूप से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त हुई, जिसमें ग्रामीण संचार के लिए पहला यूनेस्को (UNESCO) - IPDC पुरस्कार शामिल है। यूएसए सेटेलाइट इंस्ट्रकशनल टीवी एक्सपेरिमेंट (एसआईटीई) - जिसका सेटलाइट से सीधे प्रसारण (1975-76) का पहली बार बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया, के भारत प्रबंधन टीम के कार्निक एक प्रमुख सदस्य थे, जिसने ग्रामीण भारत के दूरस्थ भागों के लिए शिक्षा और विकास को मुहैय्या कराया. 1998 में, इंटरनेशनल एस्ट्रोनौटिकल फेडेरेशन द्वारा श्री कार्निक को अंतरिक्ष शिक्षा के लिए फ्रैंक मलिना मेडल से सम्मानित किया गया। 1983 से 1991 तक, श्री कार्निक डेवलपमेंट एंड एजुकेशनल कम्यूनिकेशनल यूनिट के निदेशक के रूप में पद पर बने रहे।
1991 में, श्री कार्निक कॉन्सॉर्टियम फॉर एजुकेशनल कम्यूनिकेशन (सीईसी) में इसके प्रथम निदेशक के रूप में शामिल हुए. सीईसी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्थापित एक शीर्ष निकाय है, जो कि विश्वविद्यालयों में मीडिया सेंटर के कामकाज का निर्देशांक और निगरानी करता है और कॉलेज के छात्रों के लिए शैक्षिक टीवी कार्यक्रमों के निर्माण और प्रसारण को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।
श्री कार्निक ने संयुक्त राष्ट्र के लिए न्यूयॉर्क और वियना में भी एक छोटी अवधि के लिए कार्य किया है और UNISPACE 82 के महासचिव के विशेष सहायक के रूप में सेवा की है। उन्होंने अफगानिस्तान में यूनेस्को (UNESCO) के लिए एक विस्तारित परामर्श कार्य को सम्पन्न किया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन, विश्व बैंक, यूएन इंस्टीट्यूट फॉर डिसरामासेंट रिसर्च और फोर्ड फाउंडेशन में एक सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। प्रसार भारती समीक्षा समिति के अलावा वे सरकार की कई अन्य समितियों के साथ शामिल हैं।
शिक्षा
[संपादित करें]कार्निक ने बड़ी संख्या में किताबें लिखी/संपादित की हैं और कभी-कभी प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता में मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक स्तर में भौतिकी में एक ऑनर्स डिग्री और उसके बाद इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेनेजमेंट, अहमदाबाद से स्नातकोत्तर की पढ़ाई शामिल है।[4]
सम्मान
[संपादित करें]- 1998 में, इंटरनेशनल एस्ट्रोनौटिकल फेडेरेशन द्वारा श्री कार्निक को अंतरिक्ष शिक्षा के लिए फ्रैंक मलिना मेडल से सम्मानित किया गया।
- 2007 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 22 अप्रैल 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जून 2014.
- ↑ "Mr Kiran Karnik". Reserve Bank Information Technology Private Limited (ReBIT) (अंग्रेज़ी में). मूल से 11 जनवरी 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2021-01-09.
- ↑ "Kiran Karnik" (PDF). rbidocs.rbi.org.in.
- ↑ "KIRAN KARNIK". www.intgovforum.org. मूल से 11 जनवरी 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2021-01-09.