उर्दू वर्णमाला
उर्दू वर्णमाला को उर्दू के लिये दायें-से-बायें वर्णमाला का प्रयोग किया जाता है। यह फ़ारसी वर्णमाला का एक संशोधित रूप है। जो स्वयं अरबी वर्णमाला से व्युत्पन्न है। उर्दू वर्णमाला में 39 या 40 अलग-अलग अक्षर होते हैं। जिनमें कोई अलग अक्षर नहीं होता है और यह आमतौर पर सुलेखन नास्तलीक लिपि में लिखी जाती है। जबकि अरबी आमतौर पर नास्ख शैली में लिखी जाती है।
आमतौर पर, रोमन वर्णमाला (जिसे रोमन उर्दू कहा जाता है) में उर्दू का लिप्यन्तरण में कई ध्वन्यात्मक तत्त्व छूट जाते हैं। जिनका अंग्रेजी या अन्य भाषाओं में कोई समकक्ष नहीं है, जो आमतौर पर रोमन लिपि में लिखी जाती है।
इतिहास
[संपादित करें]मानक उर्दू लिपि फ़ारसी-अरबी लिपि का एक संशोधित संस्करण है और इसकी उत्पत्ति 13 वीं शताब्दी में ईरान में हुई थी। यह फ़ारसी-अरबी लिपि की नास्तलिक शैली के विकास से निकटता से सम्बन्धित है।
1911 में उर्दू टाइपराइटर के आविष्कार के पश्चात भी, उर्दू समाचार पत्रों ने 1980 के दशक के अन्त तक कातिब या खुश-नवीस के रूप में जाने जाने वाले सुलेखकों द्वारा हस्तलिखित लिपियों के प्रिण्ट प्रकाशित करना जारी रखा। पाकिस्तानी राष्ट्रीय समाचार पत्र डेली जंग नास्तलिक कम्प्यूटर आधारित रचना का उपयोग करने वाला प्रथम उर्दू समाचार पत्र था। कम्प्यूटर और इण्टरनेट पर अधिक परिष्कृत और उपयोगकर्ता के अनुकूल उर्दू समर्थित प्रोग्राम विकसित करने के प्रयास चल रहे हैं। आजकल, लगभग सभी उर्दू समाचार पत्र और पत्रिकाएँ उर्दू सॉफ़्टवेयर प्रोग्राम वाले कम्प्यूटर पर तैयार की जाती हैं।