विकिपीडिया:Mere Bolte Shabd

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(सदस्य वार्ता:Mere Bolte Shabd से अनुप्रेषित)

शायरी(२) मैं रूठूँ गर कभी तुमसे वजह बनना मनाने की मैं रोऊँ गर कभी ग़म से वजह बनना हँसाने की न जाने कौन सा तूफाँ ख़लल डालेगा कुर्वत में सहारा लू अगर मय का वजह बनना मयखाने की