विष्णुप्रसाद राभा

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विष्णुप्रसाद राभा
जन्म 31 जनवरी 1909
ढाका, बंगाल प्रेसिडेन्सी, ब्रितानी भारत
मौत जून 20, 1969(1969-06-20) (उम्र 60)
तेजपुर, असम
पेशा अभिनेता
चित्रकार
नृत्यकार
विधानसभा के पूर्व सदस्य
संगीतकार
कवि
नाटककार
लेखक
स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी
साम्यवादी क्रान्तिकारी
कार्यकाल 1909–1969
उल्लेखनीय कार्य {{{notable_works}}}
विष्णुप्रसाद राभा के शब्द प्रदर्शित करती हुई मूर्तिकला

विष्णुप्रसाद राभा (असमिया: বিষ্ণুপ্ৰসাদ ৰাভা) असम के एक प्रसिद्ध साहित्यकार एवं संस्कृतिकर्मी थे। वे 'लोक संस्कृति आन्दोलन' के पक्षधर थे और इसलिए उन्होने शास्त्रीय एवं लोक संस्कृति पर बहुत ध्यान दिया। स्थानीय लोग उन्हें 'कलागुरु' कहते हैं।

वे एक मेधावी विद्यार्थी थे किन्तु भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेने के कारण उनकी शिक्षा अधूरी रह गयी। ब्रितानी पुलिस ने उन्हें बहुत सारी यातनाएँ दीं।

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में उनके नटरा नृत्य पर मुग्ध होकर तत्कालीन उपकुलपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने बिष्णुप्रसाद राभा को 'कलागुरु' की उपाधि दी थी।

आरम्भिक जीवन[संपादित करें]

कलागुरु, रूपकुँवर तथा नटसूर्य की प्रतिमा (गौहाटी)
विष्णुप्रसाद द्वारा रचित शंकरदेव का चित्र