"सैन्य न्यायालय": अवतरणों में अंतर
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- यह एक तरह की कोर्ट होती है। जो खास आर्मी कर्मचारियों के लिए होती है। इसका काम आर्मी में अनुशासन तोड़ने या अन्य अपराध करने वाले आर्मी मैन पर केस चलाना, उसकी सुनवाई करना और सजा सुनाना होता है। ये ट्रायल मिलिट्री लॉ के तहत होता है। इस लॉ में 70 तरह के क्राइम को लेकर सजा का प्रावधान है।ये न्यायालय उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है,अर्थात इसके फैसले की उच्चतम न्यायालय में अपील नही की जा सकती है। |
- यह एक तरह की कोर्ट होती है। जो खास आर्मी कर्मचारियों के लिए होती है। इसका काम आर्मी में अनुशासन तोड़ने या अन्य अपराध करने वाले आर्मी मैन पर केस चलाना, उसकी सुनवाई करना और सजा सुनाना होता है। ये ट्रायल मिलिट्री लॉ के तहत होता है। इस लॉ में 70 तरह के क्राइम को लेकर सजा का प्रावधान है।ये न्यायालय उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है,अर्थात इसके फैसले की उच्चतम न्यायालय में अपील नही की जा सकती है। |
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बकवास है ये सब |
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==इन्हें भी देखें== |
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17:43, 30 सितंबर 2020 का अवतरण
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सैन्य न्यायालय (court-martial) सशस्त्र सेनाओं से सम्बन्धित व्यक्तियों द्वारा किये गये अपराधों के परीक्षण के लिये गठित न्यायालय होते हैं। इसके अतिरिक्त ये न्यायालय युद्धबन्दियों द्वारा किये गये युद्ध अपराधों का परीक्षण भी कर सकते हैं।
- यह एक तरह की कोर्ट होती है। जो खास आर्मी कर्मचारियों के लिए होती है। इसका काम आर्मी में अनुशासन तोड़ने या अन्य अपराध करने वाले आर्मी मैन पर केस चलाना, उसकी सुनवाई करना और सजा सुनाना होता है। ये ट्रायल मिलिट्री लॉ के तहत होता है। इस लॉ में 70 तरह के क्राइम को लेकर सजा का प्रावधान है।ये न्यायालय उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र से बाहर है,अर्थात इसके फैसले की उच्चतम न्यायालय में अपील नही की जा सकती है। बकवास है ये सब