"श्वेत पटल": अवतरणों में अंतर

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नेत्र के सबसे ऊपरी परत को दृढ़ पटल कहते हैं। जो श्वेत रंग का होता है। इसलिए इसे श्वेत पटल भी कहते हैं।
नेत्र के सबसे ऊपरी परत को दृढ़ पटल कहते हैं। जो श्वेत रंग का होता है। इसलिए इसे श्वेत पटल भी कहते हैं।


कार्निया 👁‍🗨 दृढ़ पटल के अगले भाग को कॉर्निया कहते हैं। जो पारदर्शी झिल्ली का बना होता है। जिससे प्रकाश नेत्र के अंदर आसानी से प्रवेश कर जाता है। इसलिए इस भाग को मानव नेत्र का खिड़की भी कहते हैं। जो काला और भुरा रंग का होता है।
कार्निया दृढ़ पटल के अगले भाग को कॉर्निया कहते हैं। जो पारदर्शी झिल्ली का बना होता है। जिससे प्रकाश नेत्र के अंदर आसानी से प्रवेश कर जाता है। इसलिए इस भाग को मानव नेत्र का खिड़की भी कहते हैं। जो काला और भुरा रंग का होता है।

आइरिस ➡कॉर्निया के आंतरिक हिस्से को आइरिश कहते हैं। जो प्रकाश को नियंत्रित करता है। यह कम प्रकाश में फैलता है तथा अधिक प्रकाश में सिकुड़ता है।

कोरायड ➡ दृढ़ पटल के आंतरिक हिस्से को कोरायड कहते हैं। जो भूरे रंग का होता है। यह नेत्र के अंदर प्रकाश के अपवर्तन को रोकता है।

13:33, 25 नवम्बर 2017 का अवतरण

नेत्र के सबसे ऊपरी परत को दृढ़ पटल कहते हैं। जो श्वेत रंग का होता है। इसलिए इसे श्वेत पटल भी कहते हैं।

कार्निया ➡ दृढ़ पटल के अगले भाग को कॉर्निया कहते हैं। जो पारदर्शी झिल्ली का बना होता है। जिससे प्रकाश नेत्र के अंदर आसानी से प्रवेश कर जाता है। इसलिए इस भाग को मानव नेत्र का खिड़की भी कहते हैं। जो काला और भुरा रंग का होता है।

आइरिस ➡कॉर्निया के आंतरिक हिस्से को आइरिश कहते हैं। जो प्रकाश को नियंत्रित करता है। यह कम प्रकाश में फैलता है तथा अधिक प्रकाश में सिकुड़ता है।

कोरायड ➡ दृढ़ पटल के आंतरिक हिस्से को कोरायड कहते हैं। जो भूरे रंग का होता है। यह नेत्र के अंदर प्रकाश के अपवर्तन को रोकता है।