"ग्रिगोरी रास्पुतिन": अवतरणों में अंतर
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⚫ | '''ग्रिगोरी रास्पुतिन''' (१७९० माघ १ - १८३९ पौष २२) [[रूसी साम्राज्य]] के राजगुरु थे। जब [[त्सार]] [[निकोलस द्वितीय]] को [[प्रथम विश्व युद्ध]] के समय युद्धक्षेत्र पर रवाना होना पड़ा, तो उन्होंने रूसी राजपाट आचार्य रास्पुतिन के हाथों में सौंप दिया। इस तरह राजधानी [[सेंट पीटर्सबर्ग]] में गुरुदेव सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए। इस कारण कुछ ईर्षालु षड़यंत्रकारियों ने उनकी हत्या कर दी। |
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गुरुदेव रास्पुतिन में महिलाओं को आकर्षित करने की असामान्य शक्ति थी। कहा जाता है कि सेंट पीटर्सबर्ग [[संग्रहालय]] में संरक्षित उनका [[शिश्न]] २९ सेंटीमीटर (११.८ इंच) लंबा है।<ref>पुरूष करेंगे ईर्ष्या, महिलाएं करेंगी प्यार, कुछ ऐसा था इनका 'चमत्कार' - दैनिक भास्कर (Jan 12, 2012)</ref> |
गुरुदेव रास्पुतिन में महिलाओं को आकर्षित करने की असामान्य शक्ति थी। कहा जाता है कि सेंट पीटर्सबर्ग [[संग्रहालय]] में संरक्षित उनका [[शिश्न]] २९ सेंटीमीटर (११.८ इंच) लंबा है।<ref>पुरूष करेंगे ईर्ष्या, महिलाएं करेंगी प्यार, कुछ ऐसा था इनका 'चमत्कार' - दैनिक भास्कर (Jan 12, 2012)</ref> |
13:49, 29 दिसम्बर 2016 का अवतरण
ग्रिगोरी रास्पुतिन | |
---|---|
जन्म |
21 जनवरी 1869 Pokrovskoe, Siberia, Russian Empire |
मौत |
30 दिसम्बर 1916 Petrograd, Russian Empire | (उम्र 47)
मौत की वजह | Assassination |
पेशा | Peasant, pilgrim, healer, adviser |
धर्म | Russian Orthodox |
जीवनसाथी | Praskovia Fedorovna Dubrovina |
बच्चे | Mikhail, Anna, Grigori, Dmitri, Matryona, Varvara, Paraskeva |
माता-पिता | Efim Vilkin Rasputin & Anna Parshukova |
ग्रिगोरी रास्पुतिन (१७९० माघ १ - १८३९ पौष २२) रूसी साम्राज्य के राजगुरु थे। जब त्सार निकोलस द्वितीय को प्रथम विश्व युद्ध के समय युद्धक्षेत्र पर रवाना होना पड़ा, तो उन्होंने रूसी राजपाट आचार्य रास्पुतिन के हाथों में सौंप दिया। इस तरह राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग में गुरुदेव सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए। इस कारण कुछ ईर्षालु षड़यंत्रकारियों ने उनकी हत्या कर दी।
गुरुदेव रास्पुतिन में महिलाओं को आकर्षित करने की असामान्य शक्ति थी। कहा जाता है कि सेंट पीटर्सबर्ग संग्रहालय में संरक्षित उनका शिश्न २९ सेंटीमीटर (११.८ इंच) लंबा है।[1]
सन्दर्भ
- ↑ पुरूष करेंगे ईर्ष्या, महिलाएं करेंगी प्यार, कुछ ऐसा था इनका 'चमत्कार' - दैनिक भास्कर (Jan 12, 2012)