"ग्रिगोरी रास्पुतिन": अवतरणों में अंतर

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
infobox
image
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{Redirect|Rasputin}}
{{Redirect|रास्पुतिन}}
{{Eastern Slavic name|Yefimovich|Rasputin}}
{{Eastern Slavic name|Yefimovich|Rasputin}}
{{Use dmy dates|date=October 2014}}
{{Infobox person
{{Infobox person
|image=File:Grigori Rasputin 1916.jpg
|image=Grigori Rasputin 1916.jpg
|caption=
|caption=
|birth_name=<!--Grigori Yefimovich Rasputin-->
|birth_name=<!--Grigori Yefimovich Rasputin-->
पंक्ति 28: पंक्ति 27:
|parents = Efim Vilkin Rasputin & Anna Parshukova}}
|parents = Efim Vilkin Rasputin & Anna Parshukova}}


'''ग्रिगोरी रास्पुतिन''' (१७९० माघ १ - १८३९ पौष २२) [[रूसी साम्राज्य]] के राजगुरु थे। जब [[त्सार]] [[निकोलस द्वितीय]] को [[प्रथम विश्व युद्ध]] के समय युद्धक्षेत्र पर रवाना होना पड़ा, तो उन्होंने रूसी राजपाट आचार्य रास्पुतिन के हाथों में सौंप दिया। इस तरह राजधानी [[सेंट पीटर्सबर्ग]] में गुरुदेव सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए। इस कारण कुछ ईर्षालु षड़यंत्रकारियों ने उनकी हत्या कर दी।
[[चित्र:Rasputin_near_1914.jpg|अंगूठाकार|आचार्य रास्पुतिन]]
[[चित्र:Rasputin_near_1914.jpg|अंगूठाकार|आचार्य रास्पुतिन]]

'''ग्रिगोरी रास्पुतिन''' (१७९० माघ १ - १८३९ पौष २२) [[रूसी साम्राज्य]] के राजगुरु थे। जब [[त्सार]] [[निकोलस द्वितीय]] को [[प्रथम विश्व युद्ध]] के समय युद्धक्षेत्र पर रवाना होना पड़ा, तो उन्होंने रूसी राजपाट आचार्य रास्पुतिन के हाथों में सौंप दिया। इस तरह राजधानी [[सेंट पीटर्सबर्ग]] में गुरुदेव सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए। इस कारण कुछ ईर्षालु षड़यंत्रकारियों ने उनकी हत्या कर दी।


गुरुदेव रास्पुतिन में महिलाओं को आकर्षित करने की असामान्य शक्ति थी। कहा जाता है कि सेंट पीटर्सबर्ग [[संग्रहालय]] में संरक्षित उनका [[शिश्न]] २९ सेंटीमीटर (११.८ इंच) लंबा है।<ref>पुरूष करेंगे ईर्ष्या, महिलाएं करेंगी प्यार, कुछ ऐसा था इनका 'चमत्कार' - दैनिक भास्कर (Jan 12, 2012)</ref>
गुरुदेव रास्पुतिन में महिलाओं को आकर्षित करने की असामान्य शक्ति थी। कहा जाता है कि सेंट पीटर्सबर्ग [[संग्रहालय]] में संरक्षित उनका [[शिश्न]] २९ सेंटीमीटर (११.८ इंच) लंबा है।<ref>पुरूष करेंगे ईर्ष्या, महिलाएं करेंगी प्यार, कुछ ऐसा था इनका 'चमत्कार' - दैनिक भास्कर (Jan 12, 2012)</ref>

13:49, 29 दिसम्बर 2016 का अवतरण

ग्रिगोरी रास्पुतिन
जन्म 21 जनवरी 1869
Pokrovskoe, Siberia, Russian Empire
मौत 30 दिसम्बर 1916(1916-12-30) (उम्र 47)
Petrograd, Russian Empire
मौत की वजह Assassination
पेशा Peasant, pilgrim, healer, adviser
धर्म Russian Orthodox
जीवनसाथी Praskovia Fedorovna Dubrovina
बच्चे Mikhail, Anna, Grigori, Dmitri, Matryona, Varvara, Paraskeva
माता-पिता Efim Vilkin Rasputin & Anna Parshukova

ग्रिगोरी रास्पुतिन (१७९० माघ १ - १८३९ पौष २२) रूसी साम्राज्य के राजगुरु थे। जब त्सार निकोलस द्वितीय को प्रथम विश्व युद्ध के समय युद्धक्षेत्र पर रवाना होना पड़ा, तो उन्होंने रूसी राजपाट आचार्य रास्पुतिन के हाथों में सौंप दिया। इस तरह राजधानी सेंट पीटर्सबर्ग में गुरुदेव सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए। इस कारण कुछ ईर्षालु षड़यंत्रकारियों ने उनकी हत्या कर दी।

आचार्य रास्पुतिन

गुरुदेव रास्पुतिन में महिलाओं को आकर्षित करने की असामान्य शक्ति थी। कहा जाता है कि सेंट पीटर्सबर्ग संग्रहालय में संरक्षित उनका शिश्न २९ सेंटीमीटर (११.८ इंच) लंबा है।[1]

सन्दर्भ

  1. पुरूष करेंगे ईर्ष्या, महिलाएं करेंगी प्यार, कुछ ऐसा था इनका 'चमत्कार' - दैनिक भास्कर (Jan 12, 2012)