"सदस्य:Abeytom/गैलिलियो का झुकी मीनार प्रयोग": अवतरणों में अंतर

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==प्रयोग की प्रक्रिया==
==प्रयोग की प्रक्रिया==
गलिलियो ने इस प्रयोग केलिए दो।इस प्रयोग मे उन्होने दो गेंदों के उपयोग की है,एक भारी गेंद और हल्के गेंद , उन्होने ये दोनों गेंदों को झुकी मीनार की उपरि मन्ज़िल से गिरा।उसने पता लगाया की दोनों गेंदों एक हि समय मे ज़मिन को छुआ।उन्होने यह प्रयोग से ये खोजा की किसी भी वस्तू किसी भी बडे या छोटे है,वज़न अलग भी हो वो एक ही समय मे ज़मिन को छुयेगा । उनके इस प्रयोग भौतिक विय्ग्यानिको मे खल्बलि मच गयी। उन्होने यह साबित कर दिय कि अगर दो वस्तु एक हि प्रदर्थ के है तो उनका त्वरण भी एक होग निरपेक्ष उनके वज़न के।
गलिलियो ने इस प्रयोग केलिए दो।इस प्रयोग मे उन्होने दो गेंदों के उपयोग की है,एक भारी गेंद और हल्के गेंद , उन्होने ये दोनों गेंदों को झुकी मीनार की उपरि मन्ज़िल से गिरा।उसने पता लगाया की दोनों गेंदों एक हि समय मे ज़मिन को छुआ।उन्होने यह प्रयोग से ये खोजा की किसी भी वस्तू किसी भी बडे या छोटे है,वज़न अलग भी हो वो एक ही समय मे ज़मिन को छुयेगा । उनके इस प्रयोग भौतिक विय्ग्यानिको मे खल्बलि मच गयी। उन्होने यह साबित कर दिय कि अगर दो वस्तु एक हि प्रदर्थ के है तो उनका त्वरण भी एक होग निरपेक्ष उनके वज़न के।

galileofallingbodies.html

09:29, 8 सितंबर 2016 का अवतरण

गेलिलियो गेलिलि

गैलिलियो

गैलिलियो [1] (१५ फरवरी १५६४- ८ जनवरी १६४२) सत्रहवीं सदी के एक इतालवी खगोलशास्त्री,भौतिक विज्ञानी,इंजीनियर,दार्शनिक,और गणितज्ञ थे। उनको विज्ञान का पिता' बुलाया जाता था। उन्होंने विज्ञान के क्शेत्र मे अनेक योगदान दिये है।उनके उपलब्धीयों में से एक महत्वपूर्ण उपलब्धी है झुकी मीनार का प्रयोग जिसमें वो कामियाब रहे।

वर्णन

यह प्रयोग डेलफट में १६ वी शताब्दी में निदरलेन्ड्स में किया गया था। जॉन कोरनेट्स डी ग्रूट (हुगो कोरनेटस डी ग्रूट के पिता) ने ये प्रयोग निउवे केर्क के ऊपर से संचालित किया। गणितज्ञ और भौतिकशास्त्री साइमन स्टीविन के पुस्तक में इस प्रयोग का वर्णन किया गया है। जिसका प्रकाशन १५८६ में हुआ था जो साइमन स्टीविन की पुस्तकें मील का पत्थर साबित हुई। सन १५८९ में गैलिलियो गेलिली ने असमान भार वाले दो गोलों को पीसा की झुकी हुई मीनार से गिराया। वह यह सिध्द करना चाहते थे की दोनों का नीचे गिरने का समय उनके भार पर निर्भर नहीं करता। ऐसा गेलिलीयो के एक शिष्य द्वारा लिखी गेलिलीयो की आत्मकथा में बताया गया है। इस तरीके से उनको पता चला की वस्तुएं अभिन्न त्वरण से गिरी, जिससे साबित हुआ कि उनकि भविष्यवाणी सत्य है,जबकि उस समय ही उन्होंने अरस्तु का गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत को असत्य सिद्ध हो गया।लेकिन अरस्तू का मानना था की भारी वस्तुऍं हल्की वस्तुओं से पहले धरती पर गिरती है। गैलीलियो अभी तक मुक्त गिरावट के अपने कानून के अंतिम संस्करण तैयार नहीं था। वह था, हालांकि, पहले के एक संस्करण है जो भविष्यवाणी की है कि एक ही सामग्री एक ही माध्यम के माध्यम से गिरने के शव एक ही गति।इस पर गिर जाएगा क्या अरस्तू सिखाया था के विपरीत था तैयार: कि भारी वस्तु, तेज हल्का लोगों की तुलना में गिर सीधे अनुपात में वजन।ये प्रयोग सच साबित करना से अरस्तु के सिद्धांत को असत्य कहा गया।

पीसा की झूकी मीनार

प्रयोग की प्रक्रिया

गलिलियो ने इस प्रयोग केलिए दो।इस प्रयोग मे उन्होने दो गेंदों के उपयोग की है,एक भारी गेंद और हल्के गेंद , उन्होने ये दोनों गेंदों को झुकी मीनार की उपरि मन्ज़िल से गिरा।उसने पता लगाया की दोनों गेंदों एक हि समय मे ज़मिन को छुआ।उन्होने यह प्रयोग से ये खोजा की किसी भी वस्तू किसी भी बडे या छोटे है,वज़न अलग भी हो वो एक ही समय मे ज़मिन को छुयेगा । उनके इस प्रयोग भौतिक विय्ग्यानिको मे खल्बलि मच गयी। उन्होने यह साबित कर दिय कि अगर दो वस्तु एक हि प्रदर्थ के है तो उनका त्वरण भी एक होग निरपेक्ष उनके वज़न के।

  1. http://www.biography.com/people/galileo-9305220