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'''करबला''' [[ईराक]] का एक प्रमुख शहर हे यहा पर इमाम हुसैन ने अपने नाना मुह्म्मद स्० के सिधान्तो कि रक्षा के लिए बहुत बडा बलिदान दिया था । इस स्थान पर आपको और पुरे घर को यजिद नामक व्य्कति के आदेश पर शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और इस्लाम धर्म में अपने अनुसार बुराईया लाना चाह्ता था ।
'''करबला''' [[ईराक]] का एक प्रमुख शहर है । यहा पर इमाम [[हुसैन]] ने अपने नाना [[मुह्म्मद]] स्० के सिधान्तो की रक्षा के लिए बहुत बडा बलिदान दिया था । इस स्थान पर आपको और आपके लगभग पूरे परिवार और अनुयायियों को यजिद नामक व्यक्ति के आदेश पर सन् 680 (हिजरी 58) में शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और [[इस्लाम धर्म]] में अपने अनुसार सांसारिक विलासिता जैसी बुराईयाँ लाना चाह्ता था ।


करबला शिया इस्लाम में मक्का के बाद दूसरी सबसे प्रमुख जगह है । कई शिया अपने मक्का की यात्रा करबला से शुरु करते हैं । इस स्थान पर इमाम हुसैन का मक़बरा भी है जहाँ सुनहले रंग की गुम्बद बहुत आकर्षक है । इसे 1801 में [[वहाबी|वहाबियों]] ने नष्ट भी किया था पर फ़ारस (ईरान) के लोगों द्वारा दिए गए दान से यह फ़िर से बनाया गया । <ref>{{cite url| title=कर्बला |url = http://www.encyclopedia.com/doc/1E1-Karbala.html }}</ref>

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==संदर्भ ==
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[[श्रेणी:इस्लाम धर्म]]
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22:46, 17 नवम्बर 2008 का अवतरण

करबला ईराक का एक प्रमुख शहर है । यहा पर इमाम हुसैन ने अपने नाना मुह्म्मद स्० के सिधान्तो की रक्षा के लिए बहुत बडा बलिदान दिया था । इस स्थान पर आपको और आपके लगभग पूरे परिवार और अनुयायियों को यजिद नामक व्यक्ति के आदेश पर सन् 680 (हिजरी 58) में शहीद किया गया था जो उस समय शासन करता था और इस्लाम धर्म में अपने अनुसार सांसारिक विलासिता जैसी बुराईयाँ लाना चाह्ता था ।

करबला शिया इस्लाम में मक्का के बाद दूसरी सबसे प्रमुख जगह है । कई शिया अपने मक्का की यात्रा करबला से शुरु करते हैं । इस स्थान पर इमाम हुसैन का मक़बरा भी है जहाँ सुनहले रंग की गुम्बद बहुत आकर्षक है । इसे 1801 में वहाबियों ने नष्ट भी किया था पर फ़ारस (ईरान) के लोगों द्वारा दिए गए दान से यह फ़िर से बनाया गया । [1]

इमाम हुसैन (हुसैन बिन अली) के इस बलिदान को शिया मुस्लिम मुहर्रम के रूप में आज भी याद करते हैं । [2]

संदर्भ

  1. साँचा:Cite url
  2. साँचा:Cite url