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Mithilesh1989 (चर्चा | योगदान) |
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सरल रूप में '''वित्त''' (Finance) की परिभाषा 'धन या कोश (फण्ड) के प्रबन्धन' के रूप में की जाती है। किन्तु आधुनिक वित्त अनेकों वाणिज्यिक कार्यविधियों का एक समूह है।वित्त एक ऐसे समुह है जो दुनिया में इसका प्रयोग किया जाता है ।वित्त का अर्थ है रुपया से ।और वित्त देश के विकाश में काम करता है।वित्त एक ऐसे प्रक्रिया में होता है जो देश की सारी काम काज वित्त के द्वारा हि किया जाता है।किसी भी व्यापार या व्यवसाय को चलाने के लिए वित्त की आवश्यकता होती है। परन्तु वित्त एक ऐसे क्रिया के रुप में काम करती है। जो प्रबन्धन के द्वारा धन कि प्राप्ति के अनुसार होता है। और वित्त की सारी व्यवस्था सरकार को करनी परती है।वित्त को किसी भी काम काज के रुप में चलाया जाता है।सरकार कि सम्पूर्ण वित्त कि व्यवस्था करना पडता है और किसी भी समय वित्त का स्वरुप एक समान नहीं होता है। किसी भी आदमी के लिए वित्त कि बहुत जरुरी होता है।चाहे व्यवसाय हो या घर के परिवार को चलाने के लिए वित्त कि आवश्यकता होती है। अगर आप किसी भी क्षेत्र में जाने चाहते है तो सबसे पहले वित्त कि आवश्यकता होती है।और सारे संसार में वित्त की लेन देन होती है।वित्त एक ऐसी प्रक्रिया के रुप में काम करती है। जो कि भारत देश में हि नहीं बल्कि पुरे संसार में वित्त कि आवश्यकता होती है।किसी भी देश एक दुसरे कि वित्तीय सहायता भी करता है।किसी भी देश कि आर्थिक स्थिति में कमी या वृद्वि के कारण वित्तीय व्यवस्था को ध्यान में रख कर कोई काम किया जाता है।
== इन्हें भी देखें ==
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