"मेज नदी": अवतरणों में अंतर
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मेज नदी |
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भीलवाडा की माण्डलगढ़ तहसील से निकलकर बूँदी जिले में बहती हुई कोटा के पास भैंस खाना के पास बूँदी की सीमा पर चम्बल में मिल जाती है। बाजन, कुरान व मांगली इसकी सहायक नदियां है। घोडा पछाड़ नदी मांगली की सहायक नदी है। जो बिजौलिया की झील से निकलकर मांगली नदी में मिलती है। यह नदी बारहमासी है। खटकड़ तथा झालीजी का बराना के पास से होकर गुजरती हैं। |
भीलवाडा की माण्डलगढ़ तहसील से निकलकर बूँदी जिले में बहती हुई कोटा के पास भैंस खाना के पास बूँदी की सीमा पर चम्बल में मिल जाती है। बाजन, कुरान व मांगली इसकी सहायक नदियां है। घोडा पछाड़ नदी मांगली की सहायक नदी है। जो बिजौलिया की झील से निकलकर मांगली नदी में मिलती है। यह नदी बारहमासी है। खटकड़ तथा झालीजी का बराना के पास से होकर गुजरती हैं। |
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मांगली नदी पर ही बूंदी जिले में भीमलत जलप्रपात बना हुआ़ है। इस नदी पर बुंदी में गुड्डा बांध बना हुआ हैं। इस नदी के किनारे सर्वादिक गुर्जर जाति निवास करती है । इस नदी के किनारे देव नारायण मंदिर भी बना हुआ है । यह नदी चावड़िया से होकर गुजरती है जहा गुर्जर { लावड़ा } निवास करते है. ऐतिहासिक गांव नेहड़ी के देवनारायण मंदिर जी का मंदिर मेज नदी के किनारे पर स्थित है। इसी नदी पर गुढ़ा बांध बना हुआ है जो नहरों के माध्यम से हिंडोली में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाता है। |
मांगली नदी पर ही बूंदी जिले में भीमलत जलप्रपात बना हुआ़ है। इस नदी पर बुंदी में गुड्डा बांध बना हुआ हैं। इस नदी के किनारे सर्वादिक गुर्जर जाति निवास करती है । इस नदी के किनारे देव नारायण मंदिर भी बना हुआ है । यह नदी चावड़िया से होकर गुजरती है जहा गुर्जर { लावड़ा } निवास करते है. ऐतिहासिक गांव नेहड़ी के देवनारायण मंदिर जी का मंदिर मेज नदी के किनारे पर स्थित है। इसी नदी पर गुढ़ा बांध बना हुआ है जो नहरों के माध्यम से हिंडोली में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाता है। और रामेश्वर हूंण भी वही पर निवास करते हैं। |
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[[श्रेणी:चम्बल नदी]] |
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[[श्रेणी:राजस्थान की नदियाँ]] |
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19:41, 1 अगस्त 2023 का अवतरण
मेज नदी भीलवाडा की माण्डलगढ़ तहसील से निकलकर बूँदी जिले में बहती हुई कोटा के पास भैंस खाना के पास बूँदी की सीमा पर चम्बल में मिल जाती है। बाजन, कुरान व मांगली इसकी सहायक नदियां है। घोडा पछाड़ नदी मांगली की सहायक नदी है। जो बिजौलिया की झील से निकलकर मांगली नदी में मिलती है। यह नदी बारहमासी है। खटकड़ तथा झालीजी का बराना के पास से होकर गुजरती हैं। मांगली नदी पर ही बूंदी जिले में भीमलत जलप्रपात बना हुआ़ है। इस नदी पर बुंदी में गुड्डा बांध बना हुआ हैं। इस नदी के किनारे सर्वादिक गुर्जर जाति निवास करती है । इस नदी के किनारे देव नारायण मंदिर भी बना हुआ है । यह नदी चावड़िया से होकर गुजरती है जहा गुर्जर { लावड़ा } निवास करते है. ऐतिहासिक गांव नेहड़ी के देवनारायण मंदिर जी का मंदिर मेज नदी के किनारे पर स्थित है। इसी नदी पर गुढ़ा बांध बना हुआ है जो नहरों के माध्यम से हिंडोली में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाता है। और रामेश्वर हूंण भी वही पर निवास करते हैं।