"विद्यार्थी दिवस (महाराष्ट्र)": अवतरणों में अंतर

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==निर्णय==
==निर्णय==
सतारा के प्रवर्तन संगठन के अध्यक्ष अरुण जावले ने 7 नवंबर को राज्य शालाप्रवेश दिवस के रूप में घोषित करने की माँग महाराष्ट्र के सामजिक न्याय मंत्री [[राजकुमार बडोले]] और शिक्षा मंत्री [[विनोद तावडे]] के समक्ष उठाई थी। उनकी माँग पर दोनों ही मंत्रियों ने आंबेडकर के शाला में प्रवेश दिवस 7 नवंबर को “विद्यार्थी दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
सतारा के प्रवर्तन संगठन के अध्यक्ष अरुण जावले ने 7 नवंबर को राज्य शालाप्रवेश दिवस के रूप में घोषित करने की माँग महाराष्ट्र के सामजिक न्याय मंत्री [[राजकुमार बडोले]] और शिक्षा मंत्री [[विनोद तावडे]] के समक्ष उठाई थी। उनकी माँग पर दोनों ही मंत्रियों ने आंबेडकर के शाला में प्रवेश दिवस 7 नवंबर को “विद्यार्थी दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।<ref>http://www.vobnews24.com/learn-the-truth-behind-student-day-celebrations/</ref><ref>https://hindi.firstpost.com/india/maharashtra-government-mark-students-day-in-educational-institutions-bhimrao-ramji-ambedkar-pm-65284.html</ref><ref>http://www.maharashtratoday.in/govt-celebrate-baba-sahebs-admission-day-as-student-day/</ref>


==सन्दर्भ==
==सन्दर्भ==

09:43, 10 अप्रैल 2018 का अवतरण

पढते समय आंबेडकर

भीमराव आंबेडकर के विद्यालय प्रवेश दिवस 7 नवंबर को विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 'विद्यार्थी दिवस' मनाने का निर्णय महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 27 अक्तुबर 2017 को लिया गया गया है।[1][2] इस दिन विद्यालयों एवं कनिष्ठ महाविद्यालयों में भीमराव आंबेडकर के जीवन पर आधारित व्याख्यान, निबंध, प्रतियोगितायें, क्विज कॉम्पिटिशन, कविता पाठ सहित विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।[3][4]

उद्देश

आंबेडकर ने सतारा के प्रतापसिंह हाईस्कूल, राजवाड़ा चौक, जिला-सतारा में 7 नवंबर 1900 के दिन प्रथम बार स्कूल में प्रवेश लिया था। इसी दिन से उनके शैक्षणिक जीवन की शुरुआत हुई थी, उस समय उन्हें 'भीमा' कहकर बुलाया जाता था। स्कूल में उस समय उनका नाम रजिस्टर में क्रमांक- 1914 पर अंकित था। जिसके सामने आज भी बालक भीमराव के हस्ताक्षर मौजूद हैं। इस ऐतिहासिक दस्तावेज़ को स्कूल प्रशासन ने सम्मान और गर्व के साथ सहेज रखा है। इस घटना के स्मरण के रूप में और विद्यार्थीओं को ‘केवळ शिक्षा ही उन्नती का एकमात्र साधन है, और इसके कठीन परिश्रम की जानकारी मिलने हेतू’ महाराष्ट्र सरकारने यह दिवस को विद्यार्थी दिवस ठहराया.[5]

निर्णय

सतारा के प्रवर्तन संगठन के अध्यक्ष अरुण जावले ने 7 नवंबर को राज्य शालाप्रवेश दिवस के रूप में घोषित करने की माँग महाराष्ट्र के सामजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले और शिक्षा मंत्री विनोद तावडे के समक्ष उठाई थी। उनकी माँग पर दोनों ही मंत्रियों ने आंबेडकर के शाला में प्रवेश दिवस 7 नवंबर को “विद्यार्थी दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।[6][7][8]

सन्दर्भ