दुरुपयोग फ़िल्टर लॉग

लॉग प्रविष्टि 1,79,479 के लिए विवरण

20:34, 16 जनवरी 2021: 2401:4900:44d5:56b5:15d9:2a71:5f45:9c2d (वार्ता) द्वारा दुर्गापुर इस्पात कारखाना पर किये कार्य "edit" को दुरुपयोग फ़िल्टर फ़िल्टर 9 ने पकड़ा। फ़िल्टर द्वारा उठाया गया कदम: चेतावनी; फ़िल्टर विवरण: Adding email address (परीक्षण)

सम्पादन में किये बदलाव

आधुनिकीकरण के बाद अब दुर्गापुर में इस्पात निर्माण के लिए अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। जिन यूनिटों का आधुनिकीकरण किया गया है उनमें उत्पादकता में सुधार, ऊर्जा की खपत में काफी कमी तथा बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार हो रहे हैं। दुर्गापुर इस्पात कारखाने का सम्पूर्ण इस्पात निर्माण कॉम्प्लेक्स तथा ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल, मर्चेन्ट मिल, स्केल्प मिल, सेक्शन मिल और व्हील एवं एक्सल संयंत्र सहित सम्पूर्ण मिल क्षेत्र आईएसओ: 9002 गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रमाणीकरण के अन्तर्गत आता है।
आधुनिकीकरण के बाद अब दुर्गापुर में इस्पात निर्माण के लिए अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। जिन यूनिटों का आधुनिकीकरण किया गया है उनमें उत्पादकता में सुधार, ऊर्जा की खपत में काफी कमी तथा बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार हो रहे हैं। दुर्गापुर इस्पात कारखाने का सम्पूर्ण इस्पात निर्माण कॉम्प्लेक्स तथा ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल, मर्चेन्ट मिल, स्केल्प मिल, सेक्शन मिल और व्हील एवं एक्सल संयंत्र सहित सम्पूर्ण मिल क्षेत्र आईएसओ: 9002 गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रमाणीकरण के अन्तर्गत आता है।


आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।
आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।स्थान

230 27’ उत्तर और 880 29’ पूर्व में स्थापित यह कारखाना कोलकाता से 158 किलोमीटर दूरी पर दामोदर नदी के किनारे स्थित है। मुख्य कोलकाता-दिल्ली रेलवे लाइन और ग्रांड ट्रंक रोड दुर्गापुर से होकर गुजरती हैं।

पर्यावरण नियंत्रण

दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने सदैव से ही स्वस्थ तथा स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने के लिए निरन्तर प्रयास किए हैं। इसकी यूनिटों में आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण सुविधाएं उपलब्ध हैं और तरल व गैस निकासी मानकों के अनुरूप हैं।

इस्पात कारखाने ने पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखने के लिए व्यापक वन लगाने का कार्यक्रम हाथ में लिया है। लगभग 3,266 एकड़ जमीन में 14 लाख पेड़ लगाए गए हैं। युवा पीढ़ी में पर्यावरण के सम्बन्ध में चेतना जागृत करने के उद्देश्य से दुर्गापुर इस्पात कारखाने के स्कूलों में पर्यावरण क्लब बनाए गए हैं।

मानव संसाधन विकास केन्द्र

दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने अपने कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण तथा विकास के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सदैव अधिकतम महत्व दिया है। इसके मानव संसाधन विकास केन्द्र में वैद्युत तथा इलेक्ट्रानिक प्रयोगशाला, हाइड्रालिक तथा न्यूमेटिक प्रयोगशाला व कर्मचारियों के प्रशिक्षण तथा विकास तथा कार्यशालाएं हैं।

संचार

जनसम्पर्क विभाग अंग्रेजी, बांग्ला और हिन्दी में कर्मचारियों को कम्पनी के कार्यों के बारे में पूरी सूचना देने के लिए मासिक गृह पत्रिकाएं प्रकाशित करता है। कारखाने में अपना टीवी स्टूडियो भी है जिसमें सभी आधुनिकी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस स्टूडियो से कारखाने और नगरी की गतिविधियों के विशेष पहलुओ से सम्बन्धित कार्यक्रम तथा समाचार प्रसारित किए जाते हैं।

दुर्गापुर - चहल पहल भरी नगरी

दुर्गापुर कोलकाता-नई दिल्ली मुख्य रेल लाइन पर स्थित है। यह क्षेत्र की सबसे अधिक चहल पहल भरी नगरी के रूप में उभर रहा है। जहां कभी एक अन्जान सी बस्ती थी, आज उसकी जगह शैक्षणिक संस्थानों, आधुनिक शॉपिंग मॉल, नए ढंग के सिनेमाघर आदि ने ली है। लोगों के सोचने के ढंग में परिवर्तन आ रहा है और इसी के साथ उनके जीवन और रहन सहन में भी बदलाव देखा जा सकता है। आज वे गुणवत्ता की मांग कर रहे हैं। बाजारों में जाने-माने ब्राण्ड अपनी जगह बना रहे हैं। दुर्गापुर तेजी से इस पूरे क्षेत्र का केन्द्र बिन्दु बन कर उभर रहा है। बड़े कारोबारी और उद्यमी नगर में प्रवेश कर रहे हैं तथा यहां के निवासियों के दृष्टिकोण तथा रहन सहन के ढंग में परिवर्तन स्पष्ट देखा जा सकता है।

सम्पर्क करें :

दुर्गापुर इस्पात कारखाना
बी.आर. कानूनगो
उप महाप्रबंधक (संचार) एवं संचार प्रमुख
ई-मेल:dspcoc@gmail.com
टेलीफोन : 91 - 0343 - 2574368/2574318 (टेलीफेक्स)

कार्य के प्राचल

प्राचलमूल्य
सदस्य की सम्पादन गिनती (user_editcount)
null
सदस्यखाते का नाम (user_name)
'2401:4900:44D5:56B5:15D9:2A71:5F45:9C2D'
समय जब ई-मेल पते की पुष्टि की गई थी (user_emailconfirm)
null
सदस्य खाते की आयु (user_age)
0
समूह (अंतर्निहित जोड़कर) जिसमें सदस्य है (user_groups)
[ 0 => '*' ]
अधिकार जो सदस्य रखता है (user_rights)
[ 0 => 'createaccount', 1 => 'read', 2 => 'edit', 3 => 'createpage', 4 => 'createtalk', 5 => 'writeapi', 6 => 'viewmywatchlist', 7 => 'editmywatchlist', 8 => 'viewmyprivateinfo', 9 => 'editmyprivateinfo', 10 => 'editmyoptions', 11 => 'abusefilter-log-detail', 12 => 'centralauth-merge', 13 => 'abusefilter-view', 14 => 'abusefilter-log', 15 => 'vipsscaler-test' ]
Whether the user is editing from mobile app (user_app)
false
सदस्य मोबाइल इंटरफ़ेस की मदद से संपादित कर रहे हैं या नहीं (user_mobile)
true
पृष्ठ आइ॰डी (page_id)
1239567
पृष्ठ नामस्थान (page_namespace)
0
पृष्ठ शीर्षक (बिना नामस्थान) (page_title)
'दुर्गापुर इस्पात कारखाना'
पूर्ण पृष्ठ शीर्षक (page_prefixedtitle)
'दुर्गापुर इस्पात कारखाना'
पृष्ठ पर योगदान देने वाले अंतिम दस सदस्य (page_recent_contributors)
[ 0 => '2401:4900:44D5:56B5:15D9:2A71:5F45:9C2D', 1 => 'रोहित साव27', 2 => '103.203.39.72' ]
Page age (in seconds) (page_age)
2522165
कार्य (action)
'edit'
सम्पादन सारांश/कारण (summary)
''
Old content model (old_content_model)
'wikitext'
New content model (new_content_model)
'wikitext'
पुराने पृष्ठ विकिलेख, सम्पादन से पहले (old_wikitext)
'{{स्रोतहीन|date=दिसम्बर 2020}} दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (पश्चिम बंगाल) द्वितीय पंचवर्षीय योजना केे अंतर्गत युनाइटेड किंगडम केे सहयोग से स्थापित किया गयाा था। ये दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-61) के बीच हुआ। दुर्गापुर इस्पात कारखाना 1950 के अन्तिम वर्षों में 10 लाख टन कच्चे इस्पात प्रति वर्ष की क्षमता से स्थापित किया गया था। बाद में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1970 के वर्षों में 16 लाख टन कर दी गई। 1990 के प्रारम्भिक वर्षों में कारखाने के आधुनिकीकरण का एक विशाल कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया जिससे इसकी क्षमता 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चे इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात की हो गई। यह सम्पूर्ण कारखाना आईएसओ 9001: 2000 गुणवत्ता प्रबन्धन प्रणाली से प्रमाणित है। दुर्गापुर इस्पात कारखाना आधुनिकीकरण के बाद अब दुर्गापुर में इस्पात निर्माण के लिए अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। जिन यूनिटों का आधुनिकीकरण किया गया है उनमें उत्पादकता में सुधार, ऊर्जा की खपत में काफी कमी तथा बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार हो रहे हैं। दुर्गापुर इस्पात कारखाने का सम्पूर्ण इस्पात निर्माण कॉम्प्लेक्स तथा ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल, मर्चेन्ट मिल, स्केल्प मिल, सेक्शन मिल और व्हील एवं एक्सल संयंत्र सहित सम्पूर्ण मिल क्षेत्र आईएसओ: 9002 गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रमाणीकरण के अन्तर्गत आता है। आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।'
नया पृष्ठ विकिलेख, सम्पादन के बाद (new_wikitext)
'{{स्रोतहीन|date=दिसम्बर 2020}} दुर्गापुर इस्पात संयंत्र (पश्चिम बंगाल) द्वितीय पंचवर्षीय योजना केे अंतर्गत युनाइटेड किंगडम केे सहयोग से स्थापित किया गयाा था। ये दूसरी पंचवर्षीय योजना (1956-61) के बीच हुआ। दुर्गापुर इस्पात कारखाना 1950 के अन्तिम वर्षों में 10 लाख टन कच्चे इस्पात प्रति वर्ष की क्षमता से स्थापित किया गया था। बाद में इसकी क्षमता बढ़ाकर 1970 के वर्षों में 16 लाख टन कर दी गई। 1990 के प्रारम्भिक वर्षों में कारखाने के आधुनिकीकरण का एक विशाल कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया जिससे इसकी क्षमता 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चे इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात की हो गई। यह सम्पूर्ण कारखाना आईएसओ 9001: 2000 गुणवत्ता प्रबन्धन प्रणाली से प्रमाणित है। दुर्गापुर इस्पात कारखाना आधुनिकीकरण के बाद अब दुर्गापुर में इस्पात निर्माण के लिए अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। जिन यूनिटों का आधुनिकीकरण किया गया है उनमें उत्पादकता में सुधार, ऊर्जा की खपत में काफी कमी तथा बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार हो रहे हैं। दुर्गापुर इस्पात कारखाने का सम्पूर्ण इस्पात निर्माण कॉम्प्लेक्स तथा ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल, मर्चेन्ट मिल, स्केल्प मिल, सेक्शन मिल और व्हील एवं एक्सल संयंत्र सहित सम्पूर्ण मिल क्षेत्र आईएसओ: 9002 गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रमाणीकरण के अन्तर्गत आता है। आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।स्थान 230 27’ उत्तर और 880 29’ पूर्व में स्थापित यह कारखाना कोलकाता से 158 किलोमीटर दूरी पर दामोदर नदी के किनारे स्थित है। मुख्य कोलकाता-दिल्ली रेलवे लाइन और ग्रांड ट्रंक रोड दुर्गापुर से होकर गुजरती हैं। पर्यावरण नियंत्रण दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने सदैव से ही स्वस्थ तथा स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने के लिए निरन्तर प्रयास किए हैं। इसकी यूनिटों में आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण सुविधाएं उपलब्ध हैं और तरल व गैस निकासी मानकों के अनुरूप हैं। इस्पात कारखाने ने पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखने के लिए व्यापक वन लगाने का कार्यक्रम हाथ में लिया है। लगभग 3,266 एकड़ जमीन में 14 लाख पेड़ लगाए गए हैं। युवा पीढ़ी में पर्यावरण के सम्बन्ध में चेतना जागृत करने के उद्देश्य से दुर्गापुर इस्पात कारखाने के स्कूलों में पर्यावरण क्लब बनाए गए हैं। मानव संसाधन विकास केन्द्र दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने अपने कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण तथा विकास के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सदैव अधिकतम महत्व दिया है। इसके मानव संसाधन विकास केन्द्र में वैद्युत तथा इलेक्ट्रानिक प्रयोगशाला, हाइड्रालिक तथा न्यूमेटिक प्रयोगशाला व कर्मचारियों के प्रशिक्षण तथा विकास तथा कार्यशालाएं हैं। संचार जनसम्पर्क विभाग अंग्रेजी, बांग्ला और हिन्दी में कर्मचारियों को कम्पनी के कार्यों के बारे में पूरी सूचना देने के लिए मासिक गृह पत्रिकाएं प्रकाशित करता है। कारखाने में अपना टीवी स्टूडियो भी है जिसमें सभी आधुनिकी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस स्टूडियो से कारखाने और नगरी की गतिविधियों के विशेष पहलुओ से सम्बन्धित कार्यक्रम तथा समाचार प्रसारित किए जाते हैं। दुर्गापुर - चहल पहल भरी नगरी दुर्गापुर कोलकाता-नई दिल्ली मुख्य रेल लाइन पर स्थित है। यह क्षेत्र की सबसे अधिक चहल पहल भरी नगरी के रूप में उभर रहा है। जहां कभी एक अन्जान सी बस्ती थी, आज उसकी जगह शैक्षणिक संस्थानों, आधुनिक शॉपिंग मॉल, नए ढंग के सिनेमाघर आदि ने ली है। लोगों के सोचने के ढंग में परिवर्तन आ रहा है और इसी के साथ उनके जीवन और रहन सहन में भी बदलाव देखा जा सकता है। आज वे गुणवत्ता की मांग कर रहे हैं। बाजारों में जाने-माने ब्राण्ड अपनी जगह बना रहे हैं। दुर्गापुर तेजी से इस पूरे क्षेत्र का केन्द्र बिन्दु बन कर उभर रहा है। बड़े कारोबारी और उद्यमी नगर में प्रवेश कर रहे हैं तथा यहां के निवासियों के दृष्टिकोण तथा रहन सहन के ढंग में परिवर्तन स्पष्ट देखा जा सकता है। सम्पर्क करें : दुर्गापुर इस्पात कारखाना बी.आर. कानूनगो उप महाप्रबंधक (संचार) एवं संचार प्रमुख ई-मेल:dspcoc@gmail.com टेलीफोन : 91 - 0343 - 2574368/2574318 (टेलीफेक्स)'
सम्पादन से हुए बदलावों का एकत्रित अंतर देखिए (edit_diff)
'@@ -6,3 +6,31 @@ आधुनिकीकरण के बाद अब दुर्गापुर में इस्पात निर्माण के लिए अति आधुनिक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। जिन यूनिटों का आधुनिकीकरण किया गया है उनमें उत्पादकता में सुधार, ऊर्जा की खपत में काफी कमी तथा बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार हो रहे हैं। दुर्गापुर इस्पात कारखाने का सम्पूर्ण इस्पात निर्माण कॉम्प्लेक्स तथा ब्लूमिंग एवं बिलेट मिल, मर्चेन्ट मिल, स्केल्प मिल, सेक्शन मिल और व्हील एवं एक्सल संयंत्र सहित सम्पूर्ण मिल क्षेत्र आईएसओ: 9002 गुणवत्ता विश्वसनीयता प्रमाणीकरण के अन्तर्गत आता है। -आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है। +आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।स्थान + +230 27’ उत्तर और 880 29’ पूर्व में स्थापित यह कारखाना कोलकाता से 158 किलोमीटर दूरी पर दामोदर नदी के किनारे स्थित है। मुख्य कोलकाता-दिल्ली रेलवे लाइन और ग्रांड ट्रंक रोड दुर्गापुर से होकर गुजरती हैं। + +पर्यावरण नियंत्रण + +दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने सदैव से ही स्वस्थ तथा स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने के लिए निरन्तर प्रयास किए हैं। इसकी यूनिटों में आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण सुविधाएं उपलब्ध हैं और तरल व गैस निकासी मानकों के अनुरूप हैं। + +इस्पात कारखाने ने पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखने के लिए व्यापक वन लगाने का कार्यक्रम हाथ में लिया है। लगभग 3,266 एकड़ जमीन में 14 लाख पेड़ लगाए गए हैं। युवा पीढ़ी में पर्यावरण के सम्बन्ध में चेतना जागृत करने के उद्देश्य से दुर्गापुर इस्पात कारखाने के स्कूलों में पर्यावरण क्लब बनाए गए हैं। + +मानव संसाधन विकास केन्द्र + +दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने अपने कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण तथा विकास के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सदैव अधिकतम महत्व दिया है। इसके मानव संसाधन विकास केन्द्र में वैद्युत तथा इलेक्ट्रानिक प्रयोगशाला, हाइड्रालिक तथा न्यूमेटिक प्रयोगशाला व कर्मचारियों के प्रशिक्षण तथा विकास तथा कार्यशालाएं हैं। + +संचार + +जनसम्पर्क विभाग अंग्रेजी, बांग्ला और हिन्दी में कर्मचारियों को कम्पनी के कार्यों के बारे में पूरी सूचना देने के लिए मासिक गृह पत्रिकाएं प्रकाशित करता है। कारखाने में अपना टीवी स्टूडियो भी है जिसमें सभी आधुनिकी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस स्टूडियो से कारखाने और नगरी की गतिविधियों के विशेष पहलुओ से सम्बन्धित कार्यक्रम तथा समाचार प्रसारित किए जाते हैं। + +दुर्गापुर - चहल पहल भरी नगरी + +दुर्गापुर कोलकाता-नई दिल्ली मुख्य रेल लाइन पर स्थित है। यह क्षेत्र की सबसे अधिक चहल पहल भरी नगरी के रूप में उभर रहा है। जहां कभी एक अन्जान सी बस्ती थी, आज उसकी जगह शैक्षणिक संस्थानों, आधुनिक शॉपिंग मॉल, नए ढंग के सिनेमाघर आदि ने ली है। लोगों के सोचने के ढंग में परिवर्तन आ रहा है और इसी के साथ उनके जीवन और रहन सहन में भी बदलाव देखा जा सकता है। आज वे गुणवत्ता की मांग कर रहे हैं। बाजारों में जाने-माने ब्राण्ड अपनी जगह बना रहे हैं। दुर्गापुर तेजी से इस पूरे क्षेत्र का केन्द्र बिन्दु बन कर उभर रहा है। बड़े कारोबारी और उद्यमी नगर में प्रवेश कर रहे हैं तथा यहां के निवासियों के दृष्टिकोण तथा रहन सहन के ढंग में परिवर्तन स्पष्ट देखा जा सकता है। + +सम्पर्क करें : + +दुर्गापुर इस्पात कारखाना +बी.आर. कानूनगो +उप महाप्रबंधक (संचार) एवं संचार प्रमुख +ई-मेल:dspcoc@gmail.com +टेलीफोन : 91 - 0343 - 2574368/2574318 (टेलीफेक्स) '
नया पृष्ठ आकार (new_size)
9348
पुराना पृष्ठ आकार (old_size)
3581
संपादन में आकार बदलाव (edit_delta)
5767
सम्पादन में जोड़ी गई लाइनें (added_lines)
[ 0 => 'आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।स्थान', 1 => '', 2 => '230 27’ उत्तर और 880 29’ पूर्व में स्थापित यह कारखाना कोलकाता से 158 किलोमीटर दूरी पर दामोदर नदी के किनारे स्थित है। मुख्य कोलकाता-दिल्ली रेलवे लाइन और ग्रांड ट्रंक रोड दुर्गापुर से होकर गुजरती हैं।', 3 => '', 4 => 'पर्यावरण नियंत्रण', 5 => '', 6 => 'दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने सदैव से ही स्वस्थ तथा स्वच्छ पर्यावरण बनाए रखने के लिए निरन्तर प्रयास किए हैं। इसकी यूनिटों में आवश्यक प्रदूषण नियंत्रण सुविधाएं उपलब्ध हैं और तरल व गैस निकासी मानकों के अनुरूप हैं।', 7 => '', 8 => 'इस्पात कारखाने ने पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखने के लिए व्यापक वन लगाने का कार्यक्रम हाथ में लिया है। लगभग 3,266 एकड़ जमीन में 14 लाख पेड़ लगाए गए हैं। युवा पीढ़ी में पर्यावरण के सम्बन्ध में चेतना जागृत करने के उद्देश्य से दुर्गापुर इस्पात कारखाने के स्कूलों में पर्यावरण क्लब बनाए गए हैं। ', 9 => '', 10 => 'मानव संसाधन विकास केन्द्र', 11 => '', 12 => 'दुर्गापुर इस्पात कारखाने ने अपने कर्मचारियों को पर्याप्त प्रशिक्षण तथा विकास के अवसर उपलब्ध कराने के लिए सदैव अधिकतम महत्व दिया है। इसके मानव संसाधन विकास केन्द्र में वैद्युत तथा इलेक्ट्रानिक प्रयोगशाला, हाइड्रालिक तथा न्यूमेटिक प्रयोगशाला व कर्मचारियों के प्रशिक्षण तथा विकास तथा कार्यशालाएं हैं। ', 13 => '', 14 => 'संचार', 15 => '', 16 => 'जनसम्पर्क विभाग अंग्रेजी, बांग्ला और हिन्दी में कर्मचारियों को कम्पनी के कार्यों के बारे में पूरी सूचना देने के लिए मासिक गृह पत्रिकाएं प्रकाशित करता है। कारखाने में अपना टीवी स्टूडियो भी है जिसमें सभी आधुनिकी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस स्टूडियो से कारखाने और नगरी की गतिविधियों के विशेष पहलुओ से सम्बन्धित कार्यक्रम तथा समाचार प्रसारित किए जाते हैं। ', 17 => '', 18 => 'दुर्गापुर - चहल पहल भरी नगरी', 19 => '', 20 => 'दुर्गापुर कोलकाता-नई दिल्ली मुख्य रेल लाइन पर स्थित है। यह क्षेत्र की सबसे अधिक चहल पहल भरी नगरी के रूप में उभर रहा है। जहां कभी एक अन्जान सी बस्ती थी, आज उसकी जगह शैक्षणिक संस्थानों, आधुनिक शॉपिंग मॉल, नए ढंग के सिनेमाघर आदि ने ली है। लोगों के सोचने के ढंग में परिवर्तन आ रहा है और इसी के साथ उनके जीवन और रहन सहन में भी बदलाव देखा जा सकता है। आज वे गुणवत्ता की मांग कर रहे हैं। बाजारों में जाने-माने ब्राण्ड अपनी जगह बना रहे हैं। दुर्गापुर तेजी से इस पूरे क्षेत्र का केन्द्र बिन्दु बन कर उभर रहा है। बड़े कारोबारी और उद्यमी नगर में प्रवेश कर रहे हैं तथा यहां के निवासियों के दृष्टिकोण तथा रहन सहन के ढंग में परिवर्तन स्पष्ट देखा जा सकता है। ', 21 => '', 22 => 'सम्पर्क करें :', 23 => '', 24 => 'दुर्गापुर इस्पात कारखाना', 25 => 'बी.आर. कानूनगो', 26 => 'उप महाप्रबंधक (संचार) एवं संचार प्रमुख', 27 => 'ई-मेल:dspcoc@gmail.com', 28 => 'टेलीफोन : 91 - 0343 - 2574368/2574318 (टेलीफेक्स)' ]
सम्पादन में हटाई गई लाइनें (removed_lines)
[ 0 => 'आधुनिकीकृत यूनिटों के सफलतापूर्वक चालू हो जाने के पश्चात दुर्गापुर इस्पात कारखाना अब 20 लाख 88 हजार टन तप्त धातु, 18 लाख टन कच्चा इस्पात और 15 लाख 86 हजार टन विक्रेय इस्पात का प्रति वर्ष उत्पादन करने के लिए तैयार है।' ]
Whether or not the change was made through a Tor exit node (tor_exit_node)
false
Database name of the wiki (wiki_name)
'hiwiki'
बदलाव की Unix timestamp (timestamp)
1610829293