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== इन्हें भी देखें==
https://khojohindime.com/computer-kya-hai/ कंप्यूटर क्या है , इसका इतिहास क्या है , जाने पूरा विस्तार से ...]
* [[माइक्रोप्रोसेसर]]
* [[सॉफ्टवेयर]]
* [[प्रोग्रामन भाषाएँ]] (Programming languages)
* [[प्रचालन तंत्र]] (आपरेटिंग सिस्टम)
* [[एनालॉग संगणक]]
* [[क्रमानुदेशन]] (प्रोग्रामिंग)
* [[संगणक विज्ञान]]

== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.tiiciiitm.com/profanurag/epustak/epustak/places/cp.php कम्प्यूटर परिचय] (अटल विहारी वाजपेयी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, ग्वालियर)
* [http://www.mgahv.in/Pdf/Gen/Intro_to_computer_24_04_15.Pdf कम्प्यूटर से संबंधित सामान्य ज्ञान] (महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय)
* [https://hi.wikibooks.org/wiki/प्रश्नसमुच्चय-१० कम्प्यूट्र सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी]
* [http://books.google.co.in/books?id=XiNQArOSB60C&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान एवं यूसर गाइड] (गूगल पुस्तक ; लेखक - राम बंसल विज्ञानाचार्य)
* [http://books.google.co.in/books?id=USyHd_nt_kIC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=true कम्प्यूटर कोश] (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ राजेश्वर गंगवार)
* [https://hi.wiktionary.org/wiki/कम्प्यूटर_शब्दावली_(अंग्रेजी-हिन्दी) कम्प्यूटर शब्दावली (अंग्रेजी-हिन्दी)]

[[श्रेणी:कंप्यूटर]]
[[श्रेणी:संगणक अभियान्त्रिकी]]
[[श्रेणी:तकनीकी और अभियान्त्रिकी]]

कार्य के प्राचल

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'[[चित्र:Computer home station.jpg|thumb|right|250px|घर में मेज पर रखा हुआ एक [[व्यक्तिगत संगणक|निजी संगणक]]]] {{ज्ञानसन्दूक|title = आधुनिक संगणक |image = <div style="white-space:nowrap;"> [[File:Acer Aspire 8920 Gemstone by Georgy.JPG|x81px|लैपटॉप]][[File:Columbia Supercomputer - NASA Advanced Supercomputing Facility.jpg|x81px|नासा की एक प्रयोगशाला मे रखा हुआ कोलम्बिया सुपर संगणक]][[File:Intertec Superbrain.jpg|x81px]]<br />[[File:2010-01-26-technikkrempel-by-RalfR-05.jpg|x79px]][[File:Thinking Machines Connection Machine CM-5 Frostburg 2.jpg|x79px]][[File:G5 supplying Wikipedia via Gigabit at the Lange Nacht der Wissenschaften 2006 in Dresden.JPG|x79px]]<br />[[File:DM IBM S360.jpg|x77px]][[File:Acorn BBC Master Series Microcomputer.jpg|x77px]][[File:Dell PowerEdge Servers.jpg|x77px]]}} '''कंप्यूटर''' (अन्य नाम - '''संगणक''', '''कंप्यूटर''', '''परिकलक'''<ref name = "HindiName">[http://computerhindi.blogspot.com/2009/02/21.html वैज्ञानिक तथा तकनीकी शव्दावली आयोग द्वारा जारी आधिकारिक सूचना प्रौद्योगिकी शब्दावली]</ref>) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे [[अंकगणित|अंक गणितीय]], तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक [[कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा]] की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और [[विद्युत कोष]] (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि [[सुवाह्य संगणक]], टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई ([[सीपीयू ]]) और सूचना भन्डारण के लिए [[संगणक स्मृति|स्मृति]] होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। [[एकीकृत परिपथ]] पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। <ref>पुराने संगणक जैसे की [[Colossus computer|कोलोसस]] और [[एनिअक]] प्रति छ्ण ५ से १०० क्रिया कलाप कर सकता था। एक आधुनिक “[[उत्पाद|बिकने वाला]]” [[माइक्रोप्रोसेसर]] (२००७ तक) प्रति छ्ण अरबों क्रिया कलाप कर सकते है, और इनमे से अधिकतर कार्य पहले के संगणकों के द्वारा किये जाने वाले कार्यो की तुलना में कही ज्यादा कठिन और उपयोगी होते हैं। {{cite web |url=http://www.intel.com/cd/channel/reseller/asmo-na/eng/products/mobile/processors/core2duo_m/feature/index.htm |title=Intel Core2 Duo Mobile Processor: Features |प्रकाशक=Intel Corporation |accessdate=20 June 2009}}</ref> सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि [[मोबाइल फ़ोन]] में भी समा सकते है और [[मोबाइल कम्प्यूटिंग|मोबाइल संगणक]] एक छोटी सी [[विद्युत कोष]] (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में [[व्यक्तिगत संगणक]] [[सूचना प्रौद्योगिकी]] युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, [[वायुयान]] व खिलौनों से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। [[File:Personal Computer 774.JPG|thumb|पर्सनल कंप्यूटर ७७४ ]] ==शब्द व्युत्पत्ति== '''कंप्यूटर''' शब्द का प्रथम प्रयोग वर्ष १६१३ में अंग्रेज लेखक रिचर्ड ब्रेथवेट की पुस्तक '"द यंग मैन ग्लीनिंग्स"' में पाया गया। ''मैंने समय के सबसे सही '''कम्प्यूटरों''' को और धरा पे जन्मे सर्वोत्तम अंक गणितज्ञ को पढ़ा है।'' <ref>''I haue read the truest computer of Times, and the best Arithmetician that euer breathed, and he reduceth thy dayes into a short number.'' [[:en: Computer#Etymology|अंग्रेजी version]] {{cite web|url=http://courses.ischool.berkeley.edu/i103/f07/slides/HofI07_Computers.pdf|title=द यंग मैन ग्लीनिंग्स|author=रिचर्ड ब्रेथवेट|publisher = अज्ञात|accessdate=22 February 2015}}</ref> यह उस व्यक्ति के बारे में बताता है जो गणनाएँ (computations) करता था, तभी से यह शब्द २०वी शताब्दी के मध्य तक इस सन्दर्भ में हूबहू प्रयोग होता आ रहा है। उन्नीसवी शताब्दी के अंत से इस शब्द ने और ज्यादा व्यवहारिक रूप ले लिया, यानी कि वो यन्त्र जो गणनाएँ करता है। '''संगणक''' व '''अभिकलित्र''' नाम <ref name="HindiName"/> भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी किये गए हैं। == इतिहास== {{मुख्य | संगणन हार्डवेयर का इतिहास}} === बीसवीं शताब्दी से पहले के संगणक उपकरण === [[चित्र:Os_d%27Ishango_IRSNB.JPG|thumb|right|100px|इशांगो कि हड्डी यांत्रिक रेखीय संगणक|यांत्रिक रेखीय (एनालॉग) संगणकों का प्रादुर्भाव प्रथम शताब्दी में होना शुरू हो गया था जिन्हे बाद में मध्यकालीन युग में खगोल शास्त्रीय गणनाओ के लिए इस्तेमाल भी किया गया। यांत्रिक रेखीय संगणकों को [[द्वितीय विश्व युद्ध|द्धितीय विश्व युद्ध]] के दौरान विशेषीकृत सैन्य कार्यो में उपयोग किया गया। इसी समय के दौरान पहले विद्दुतीय [[डिजिटल सर्किट|अंकीय परिपथ]] वाले संगणको का विकास हुआ। प्रारम्भ में वो एक बड़े कमरे के आकार के होते थे और आज के आधुनिक सैकड़ों [[व्यक्तिगत संगणक|निजी संगणकों]] <ref>१९४६ में , ENIAC को लगभग १७४ किलोवॉट बिजली की जरूरत होतो थी। इसकी तुलना में, एक आधुनिक [[लैपटॉप]] संगणक को लगभग ३० वॉट बिजली की जरूरत होती है मतलब लगभग ६००० गुना कम। {{cite web|url=http://www.upenn.edu/computing/provider/docs/hardware/powerusage.html|title=ऍप्रोक्सिमेट डेस्कटॉप & नोटबुक पॉवर यूज़ेज|publisher: पेंसिलवेनिया विश्वविद्दालय|accessdate=20 June 2009}}</ref> के बराबर बिजली का उपभोग करते थे। पहली इलेक्ट्रॉनिक अंकीय संगणक यूनाइटेड किंगडम और [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में 1940 और 1945 के बीच विकसित किया गया। गणनाएँ करने के लिये यन्त्रो का इस्तेमाल हज़ारो वर्षो से होता आ रहा है खासकर उग्लियो से गिनती करने वाले उपकरणो का। शुरुवाती गणन यन्त्र सम्भवत: मिलान छड़ी|वो लकड़ी जिस पर गिनती के लिये दांत खोदे गये हो या [[:en:Tally stick|मिलान छड़ी]] का एक रूप थी। बाद में [[उर्वर अर्धचंद्र|मध्य पूर्व में उपजाऊ भूमि के एक भौगोलिक क्षेत्र]] जो कि आकार में अर्द्ध चंद्र जैसा दिखता है में अभिलिेखो को रखने के लिए ''कॅल्क्युली'' (मिटटी के गोले, शंकु) का इस्तेमाल होता रहा जो की अधपके और खोखले मिटटी के बर्तनो में रखा होता था। इनका उपयोग सामान की गिनती (अधिकतर पशुधन व अनाज) दर्शाने के लिए किया जाता था। <ref>[http://sites.utexas.edu/dsb/ डेनिस स्क्मान्त-बेस्सेरत|1981] के अनुसार, इन मिट्टी के बर्तनो में निशान होते थे जिनका कुल जोड स्थानान्तरित हो रहे सामान की गिनती होती थी। इस तरह से ये बर्तन किसी बही-खाते का काम करते थे। इन बर्तनो को खुल्कर टूटने से बचाने के लिए पहले निशान कि छाप बर्तन के बाहर बना दी जाती थी, फिर गिनती के लिए छाप के आकार को उस शैली के मोहर पर निकाल लिया जाता था और अंत में निकाले हुए चिन्हों को क्रमानुसार संख्याओं के तरह उपयोग किया जाता था। यही अंक अन्तत: संख्या के रूप मे साम्ने आए। अंततोगत्वा ([http://www.laits.utexas.edu/ghazal/Chap1/dsb/chapter1.html स्क्मान्त-बेस्सेरत के आकलन के अनुसार इसे ४००० वर्ष लगे।]) गिनती की संख्या बताने के लिए जितने चिन्हों की जरूरत होती थी वो बर्तनों के बाहर बने होते थे, और मिट्टी के ये बर्तन बाद मे गिनती के चिन्ह बने हुए मिट्टी की गोलियो के रूप मे विकसित हुए।</ref><ref>{{Citation|first=एलेनॉर|last=रौब्सन|year=२००८|title= प्राचीन इराक में गणित {{en}}|publisher=|isbn=978-0-691-09182-2}}. p.5: इराक़ में प्राथमिक लेखा पद्धति के साथ उत्पाद विशिश्ट की गणना प्रतिरूप प्रणाळी के लिए ३२००–३००० ईसा पूर्व में कॅल्क्युली का उपयोग। संतुलित लेखा-बही ३०००–२३५० ईसा पूर्व तक प्रयोग होना शुरु हो गई थी और एक [[सेक्साजेसिमल संख्या प्रणाली]] २३५०–२००० ईसा पूर्व तक इस्तेमाल होना शुरु हो गई थी।</ref> गिनती की छड़े|गिनती की छड़ों का उपयोग इसका एक उदहारण है। [[File:Abacus 6.png|thumb|left|स्वन पन (इस गिनतारे पर प्रदर्शित हो रही संख्या है ६,३०२,७१५,४०८)]] शुरुवात में [[गिनतारा|गिनतारे]] का उपयोग अंकगणितीय कार्यो के लिए होता था। जिसे आज हम रोमन गिनतारा कहते है उसका उपयोग २४०० ईसा पूर्व के प्रारम्भ में [[बेबीलोनिया|बेबीलोनिआ]] में हुआ था। तब से अब तक गड़ना व हिसाब लगाने के लिए कई अन्य गणन् पट्टियो व गोलियो का आविश्कार हो चुका है। एक मध्ययुगीन युरोपीय गडना घर|गड़ना घर में मेज पर चितकबरे कपडे को रख दिया जाता था और कुछ विशेष नियमो के अनुसार उसपर मोहरों को चलाकर पैसे जोड़ने के लिए एक साधन के तौर पे इस्तेमाल किया जाता था। [[File:NAMA Machine d'Anticythère 1.jpg|thumb|प्राचीन यूनानी रूपरेखा वाले एंटीकाईथेरा प्रक्रिया १५० से १०० ईसा पूर्व के समय के दुनिया के सबसे पुराने रेखीय संगणक हैं।]] डेरेक जे. डी-सोला के अनुसार एंटीकाईथेरा प्रक्रिया को शुरुवाती यान्त्रिक [[अनुरूप अभिकलित्र]] माना जाता है।<ref>[http://www.antikythera-mechanism.gr/project/general/the-project.html ''The Antikythera Mechanism Research Project''], एंटीकाईथेरा प्रक्रिया अनुसन्धान परियोजना. Retrieved 1 July 2007.</ref> इसे खगोलिय स्थितियो की गडना के लिये बनाया गया था। इसे एंटीकाईथेरा के युनानी द्धीप के एंटीकाईथेरा भग्नावशेष में १९०१ में खोज गया था।<ref>पढे: http://www.world-mysteries.com/sar_4.htm "एंटीकाईथेरा की खोज"&nbsp;</ref> इसे १०० ईसा पूर्व के समय का पाया गया। ऐसा माना जाता है कि एंटीकाईथेरा प्रक्रिया जैसी जटिलता वाले यन्त्र अगले १००० वर्षो तक मिलने मुश्किल है। प्राचीन और मध्ययुगीन कालों में खगोलीय गणनाओं के निष्पादन के लिए कई [[अनुरूप अभिकलित्र|एनालॉग कंप्यूटरों]] का निर्माण किया गया था। इनमें शामिल हैं प्राचीन ग्रीस की एंटिकिथेरा प्रक्रिया और एस्ट्रॉलैब (लगभग 150-100 ईसा पूर्व), जिन्हें आम तौर पर सबसे प्रारंभिक ज्ञात यांत्रिक एनालॉग कंप्यूटर माना जाता है।<ref>{{harvnb|Lazos|1994}}</ref> एक या अन्य प्रकार की गणनाओं के निष्पादन के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले यांत्रिक उपकरणों के अन्य प्रारंभिक संस्करणों में शामिल हैं प्लेनिस्फेयर और अबू रेहान अल बिरूनी (Abū Rayhān al-Bīrūnī) (लगभग 1000 ईसा पश्चात्) द्धारा आविष्कृत अन्य यांत्रिक संगणन उपकरण; अबू इसहाक इब्राहिम अल ज़र्काली (Abū Ishāq Ibrāhīm al-Zarqālī) (लगभग 1015 ईसा पश्चात्) द्वारा आविष्कृत इक्वेटोरियम और यूनिवर्सल लैटिट्यूड-इंडिपेंडेंट एस्ट्रोलेबल; अन्य मध्ययुगीन मुस्लिम खगोलविदों और इंजीनियरों के खगोलीय एनालॉग कंप्यूटर; और सोंग राजवंश के दौरान सू सोंग (लगभग 1090 ईसा पश्चात्) का खगोलीय क्लॉक टावर। अल जजारी द्वारा 1206 में आविष्कृत एक खगोलीय घड़ी को सबसे पहला [[प्रोग्रामिंग|प्रोग्राम योग्य]] रेखीय संगणक माना जाता है।<ref name="Ancient Discoveries">{{citation|title=[[प्राचीन आविश्कार]], एपिसोड ११: एन्सिएंट रोबोट्स|publisher=[[हिस्ट्री (टीवी चैनल)|हिस्ट्री चैनल]]|url=http://www.youtube.com/watch?v=rxjbaQl0ad8|accessdate=6 सितंबर 2008}}</ref> यह राशि चक्र, सूर्य और चंद्रमा की कक्षाओं को दर्शाती थी, इसमें एक अर्द्ध-चंद्राकार सूचक एक संपूर्ण प्रवेश द्वारा से होकर गुजरती थी जिसके कारण हर [[घंटा|घंटे]] पर स्वचालित द्धार खुल जाते थे<ref>हावर्ड आर. टर्नर (1997), ''साइंस इन मेडिएवल इस्लाम: एन इलस्ट्रेटेड इंट्रोडक्शन'', पृष्ठ 184, टेक्सास विश्वविद्द्यालय के प्रेस, आई०एस०बी०एन० 0-292-78149-0</ref><ref name="Hill2">{{citation|title= "मेकैनिकल इंजीनियरिंग इन दी मेडिएवल नियर ईस्ट"|author=डोनाल्ड रूटलेज हिल|publisher=''साइंटिफिक अमेरिकन''|accessdate=1 मई 1991}}, पृष्ठ 64-9. (सीएफ. डोनाल्ड रूटलेज हिल, [http://home.swipnet.se/islam/articles/HistoryofSciences.htm मैकेनिकल इंजीनियरिंग])</ref> और पांच [[रोबोट|रोबोटिक]] संगीतकार जो एक [[पनचक्की|पानी के पहिये (वाटर व्हील)]] से जुड़े कैमशाफ्ट द्वारा संचालित [[उत्तोलक|लीवरों]] द्वारा मारे जाने पर संगीत बजा दिया करते थे। दिन और रात की लंबाई को वर्ष भर में दिन और रात की बदलती लंबाइयों के लिए उपयुक्त बनाने के क्रम में हर दिन फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है।<ref name="Ancient Discoveries"/> ===संगणक के विकास का संक्षिप्त इतिहास=== * '''1623 ई.''': जर्मन गणितज्ञ विल्हेम शीकार्ड ने प्रथम यांत्रिक कैलकुलेटर का विकास किया। यह कैलकुलेटर जोड़ने, घटाने, गुणा व भाग में सक्षम था। * '''1642 ई.''': फ्रांसीसी गणितज्ञ [[ब्लेज़ पास्कल]] ने जोड़ने व घटाने वाली मशीन का आविष्कार किया। * '''1801 ई.''': फ्रांसीसी वैज्ञानिक जोसेफ मेरी जैकार्ड ने लूम (करघे) के लिए नई नियंत्रण प्रणाली का प्रदर्शन किया। उन्होंने लूम की प्रोग्रामिंग की, जिससे पेपर कार्डों में छेदों के पैटर्न के द्वारा मशीन को मनमुताबिक वीविंग ऑपरेशन (weaving operation) का आदेश दिया जाना सम्भव हो गया। * '''1833-71 ई.''': ब्रिटिश गणितज्ञ और वैज्ञानिक [[चार्ल्स बैबेज]] ने जैकार्ड पंच-कार्ड प्रणाली का प्रयोग करते हुए 'एनालिटिकल इंजन' का निर्माण किया। इसे वर्तमान कम्प्यूटरों का अग्रदूत माना जा सकता है। बैबेज की सोच अपने काल के काफी आगे की थी और उनके आविष्कार को अधिक महत्व नहीं दिया गया। * '''1889 ई.''': अमेरिकी इंजीनियर हरमन हॉलेरिथ ने 'इलेक्ट्रो मैकेनिकल पंच कार्ड टेबुलेटिंग सिस्टम' को पेटेंट कराया जिससे सांख्यिकी आँकड़े की भारी मात्रा पर कार्य करना सम्भव हो सका। इस मशीन का प्रयोग अमेरिकी जनगणना में किया गया। * '''1941 ई.''': जर्मन इंजीनियर कोनार्डसे ने प्रथम पूर्णतया क्रियात्मक डिजिटल कम्प्यूटर Z3 का आविष्कार किया जिसे प्रोग्राम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता था। Z3 इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर नहीं था। यह विद्युतीय स्विचों पर आधारित था जिन्हें [[रिले]] कहा जाता था। * '''1942 ई.''': आइओवा स्टेट कॉलेज के भौतिकविद जॉन विंसेंट अटानासॉफ और उनके सहयोगी क्लिफोर्ड बेरी ने प्रथम पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के कार्यात्मक मॉडल का निर्माण किया जिसमें वैक्यूम ट्यूबों का प्रयोग किया गया था। इसमें रिले की अपेक्षा तेजी से काम किया जा सकता था। यह प्रारंभिक कम्प्यूटर प्रोग्रामेबल नहीं था। * '''1944 ई.''': आईबीएम और हार्वर्ड यूनीवॢसटी के प्रोफेसर हॉवर्ड आइकेन ने प्रथम लार्ज स्केल ऑटोमेटिक डिजीटल कम्प्यूटर 'मार्क-1' का निर्माण किया। यह रिले आधारित मशीन 55 फीट लम्बी व 8 फीट ऊँची थी। * '''1943 ई.''': ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के दौरान जर्मन कोडों को तोडऩे के लिए इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर 'कोलोसस' का निर्माण किया। * '''1946 ई.''': अमेरिकी सेना के लिए पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिकविद् जॉन माउचली और इंजीनियर जे. प्रेस्पर इकेर्ट ने 'इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटेड एंड कम्प्यूटर - इनिएक' (ENIAC) का निर्माण किया। इस कमरे के आकार वाले 30 टन कम्प्यूटर में लगभग 18,000 [[निर्वात नलिका|वैक्यूम ट्यूब]] लगे थे। इनिएक की प्रोग्रामिंग अलग-अलग कार्य करने के लिए की जा सकती थी। * '''1951 ई.''': इकेर्ट और माउचली ने प्रथम कॉमर्शियल कम्प्यूटर 'यूनिवेक' (UNIVAC) का निर्माण किया ([[यूएसए|सं.रा. अमेरिका]])। * '''1969-71 ई.''': बेल लेबोरेटरी में 'यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम' का विकास किया गया। * '''1971 ई.''': इंटेल ने प्रथम कॉमॢशयल माइक्रोप्रोसेसर '4004' का विकास किया। माइक्रोप्रोसेसर चिप पर सम्पूर्ण कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग यूनिट होती है। * '''1975 ई.''': व्यावसायिक रूप से प्रथम सफल पर्सनल कम्प्यूटर 'MITS Altair 8800' को बाजार में उतारा गया। यह किट फार्म में था जिसमें की-बोर्ड व वीडियो डिस्प्ले नहीं थे। * '''1976 ई.''': [[व्यक्तिगत संगणक|पर्सनल कम्प्यूटरों]] के लिए प्रथम वर्ड प्रोग्रामिंग प्रोग्राम 'इलेक्ट्रिक पेंसिल' का निर्माण। * '''1977 ई.''': एप्पल ने 'एप्पल-II' को बाजार में उतारा, जिससे रंगीन टेक्स्ट और ग्राफिक्स का प्रदर्शन संभव हो गया। * '''1981 ई.''': [[आई बी एम]] ने अपना पर्सनल कम्प्यूटर बाजार में उतारा जिसमें माइक्रोसॉप्ट के DOS (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) का प्रयोग किया गया था। * '''1984 ई.''': एप्पल ने प्रथम मैकिंटोश बाजार में उतारा। यह प्रथम कम्प्यूटर था जिसमें GUI (ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस) और माउस की सुविधा उपलब्ध थी। * '''1990 ई.''': माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस का प्रथम वजऱ्न 'विंडोज़ 3.0' बाजार में उतारा। * '''1991 ई.''': हेलसिंकी यूनीवर्सिटी के विद्यार्थी लाइनस टोरवाल्ड्स ने पर्सनल कम्प्यूटर के लिए 'लाइनेक्स' का आविष्कार किया। * '''1996 ई.''': हाथ में पकड़ने योग्य कम्प्यूटर 'पाम पाइलट' को बाजार में उतारा गया। * ''' 2001 ई.''': एप्पल ने मैकिंटोश के लिए [[यूनिक्स]] आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम 'Mac OS X' को बाजार में उतारा। * '''2002 ई.''': कम्प्यूटर इंडस्ट्री रिसर्च फर्म गार्टनेर डेटा क्वेस्ट के अनुसार 1975 से वर्तमान तक मैन्यूफैक्चर्ड कम्प्यूटरों की संख्या 1 अरब पहुँची। * '''2005 ई.''': एप्पल ने घोषणा की कि वह 2006 से अपने मैकिंटोश कम्प्यूटरों में [[इंटेल]] माइक्रोप्रोसेसरों का प्रयोग आरंभ कर देगा। <gallery caption="विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटर" mode="packed"> File:Rechenzentrum-IBM-370 4078765.jpg|IBM 370 (1972) ESO Hewlett Packard 2116 minicomputer.jpg|HP 2116 (1974) IBM PC 5150.jpg|IBM PC 5150 (1983) VAX-11-750.jpg|सर्वर VAX Columbia Supercomputer - NASA Advanced Supercomputing Facility.jpg|[[नासा]] का कोलम्बिया सुपकम्प्यूटर (2004) Acer_Aspire_8920_Gemstone_by_Georgy.JPG|Acer Aspire 8920 (2012) </gallery> == अभिकलित्र के भाग == [[चित्र:DataProcessorBlockDiagram.jpg|right|thumb|250px|मोटे तौर पर अभिकलित्र के चार भाग होते हैं।]] [[चित्र:Personal computer, exploded.svg|right|thumb|250px|निजी अभिकलित्र (पीसी) के प्रमुख भाग]] एक अभिकलित्र (संगणक) निम्नलिखित चार भागों से मिलकर बनता है : निविष्ट यंत्र , संसाधन यंत्र , निर्गम यंत्र और भंडारण यंत्र। (युक्ति को यंत्र भी कहा जता है।) === निविष्ट यंत्र(इनपुट डिवाइस) === * '''निविष्ट यंत्र ''' या इनपुट डिवाइस उन उपकरणों को कहते हैं जिसके द्वारा निर्देशो और आंकडों को संगणक में भेजा जाता है। जैसे- कुन्जी पटल (की-बोर्ड), [[माउस]], जॉयस्टिक, ट्रैक बाल आदि। *# '''कीबोर्ड''' *# [[माउस]] *# '''माइक्रोफ़ोन''' या माइक *# '''क्रमवीक्षक''' (स्कैन्नर), '''अंकीय कैमेरा''' *# '''टच-स्क्रीन''', '''टच-पैद''' === केंद्रीय प्रक्रमन इकाई=== * '''केंद्रीय प्रक्रमन इकाई ([[सीपीयू]])''', संसाधन युक्ति या विचार युक्ति - यह अभिकलित्र की मूल संक्रियात्मक इकाई है जो आगम उपकरणों द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुरूप कार्य कर उसे निर्गत इकाई को भेजती है। इसके तीन भाग होते हैं: *# '''बही या पंजी (रजिस्टर)''' - सबसे पहले जिन आंकड़ों या सूचनाओं पर काम करना होता है, उन्हें अभिकलित्र स्मृति से बही में अंकित किया जाता है। अलग अलग प्रक्रियाओं के लिए अलग अलग बही होते हैं आंकिक एवं तर्क इकाई की संक्रिया के बाद सूचनाएं पुनः बही में दर्ज होती हैं और वापस स्मृती में भेजी जाती हैं। *# '''आंकिक एवं तर्क इकाई''' - यह इकाई बही में दर्ज सूचनाओं पर निर्देशों के अनुसार कार्य करती है तथा परिणाम को पुनः उपयुक्त बही में दर्ज कर देता है। *# '''नियन्त्रण इकाई''' - यह केंद्रिय प्रसाधन इकाई की सभी क्रियाओं का नियंत्रण करती है। जैसे कि स्मृति से सूचनाएं बही में वहाँ से आंकिक एवं तर्क इकाई में, वापस बही में तथा वहाँ से स्मृति में वापस जाने की प्रक्रिया पर यह इकाई नियंत्रण रखती है। === सूचना भंडारण उपकरण === [[चित्र:SODIMM 64MB SDRAM.JPG|right|thumb|250px|पीसी में प्रयुक्त 64MB एसडीरैम (SDRAM)]] * '''सूचना भंडारण उपकरण''' या सुरक्षण उपकरण - यह अभिकलित्र में प्रयुक्त सूचनाएं सहेजती है। *# '''अल्‍पकालिक भंडारण उपकरण''' - कम समय तक सूचना के भंडारण के लिये *## '''यादृच्छिक अभिगम स्‍मृति''' या रैम (RAM)|रैंडम एक्सैस मैमोरी (रैम) *## '''पठन स्‍मृति''' या रीड ओन्ली मेमोरी (रौम) *# '''दीर्घकालिक भंडारण उपकरण''' - लंबे समय तक सूचना के भंडारण के लिये *## '''[[हार्ड ड्राइव]]''' या हार्ड डिस्क *## '''हटाये जा सकने वाला भंडारण उपकरण''' *### '''नम्यिका ''' (फ्लॉपी डिस्क) *### '''कॉम्पैक्ट डिस्क''' (सीडी) *### '''अंकीय वीडियो डिस्क''' (डीविडी) *### चपला स्मृति भंडारण युक्ति या [[फ्लैश मेमोरी|फ्लैश मेमोरी स्तोरेज डिवाइस]] *#### '''[[यूऍसबी फ्लैश ड्राइव]]''' या फ्लैश मेमोरी ड्राइव *#### '''[[मैमोरी कार्ड|फ्लैश मेमोरी कार्ड]]''' या [[मेमोरी स्टिक|फ्लैश मेमोरी स्तिक]] *### '''[[ब्ल्यू-रे डिस्क]]''' === निर्गम यंत्र === * '''निर्गम यंत्र ''' (आउटपुट डिवाइस)- इसमें वे सभी उपकरण शामिल हैं जिनसे प्रसाधित सूचनाएं या सामग्री मानवीय उपयोगी उत्पाद के रूप में बाहर आती हैं॥ जैसे- *# '''प्रदर्शक''' (मॉनिटर) - इसकी सहायता से प्रसाधित सामग्री दृश्य रूप में प्रकट होती है॥ *#* '''स्क्रीन''' स्क्रीन पर चित्र य चल्चित्र प्रकत होते है। ये प्रदर्शक से जुडा होता है। *# '''मुद्रक'''- इसकी सहायता से निर्गत सामग्री को कागज़ पर मुद्रित किया जाता है। इसे अन्ग्रेजी भाषा में प्रिनटर भी कहते है। *# '''भोंपू''' - इसे स्पीकर भी कह्ते है, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ये आवाज निकालने का काम करता है। इसका उपयोग अभिकलित्र में चालू किसी भि प्रक्रिया से उत्पन्न आवाज को उपयोगकर्ता तक पहुचाने के लिये किया जाता है। == अभिकलित्र के प्रकार == अभिकलित्र का मुख्य कार्य दिये गये आंकड़े को जमा कर उसपर दिए गए निर्देशों के अनुरूप काम कर परिणाम देना है॥ कार्यक्षमता के आधार पर इसे निम्नलिकित श्रेणियों में बाँटा गया है- सुपर संगणक, मेनफ्रेम संगणक मिनी संगणक, एव माइक्रो संगणक आदि। सुपर संगणक इनमें सबसे बडी श्रेणी होती है, तथा माइक्रो संगणक सबसे छोटी। *'''[[महासंगणक|सुपर संगणक]]''' सबसे तेज गति से कार्य करने वाले संगणक होते हैं। वह बहुत अधिक डाटा को काफी कम समय में इंफार्मेशन में बदलने में सक्षम होते हैं। इनका प्रयोग बड़े-बड़े कार्य करने में होता है, जैसे मौसम की भविष्यवाणी, [[आँकड़ा खनन|डाटा माइनिंग]], जटिल सिमुलेशन, मिसाइलों के डिजाइन आदि। इनमें अनेक [[माइक्रोप्रोसेसर]] [एक विशेष छोटी मशीन जो कम्प्यूटिंग के कार्य को काफी आसानी से तथा बहुत ही कम समय में कर सकने में सक्षम होती है।] लगे होते हैं। किसी जटिल गणना को कम समय में पूरा करने के लिये बहुत से '''प्रोसेसर''' एकसाथ (पैरेलेल) काम कराने पडते हैं। इसे '''पैरेलेल प्रोसेसिंग''' कहा जाता है। इसके अन्तर्गत जटिल काम को छोटे-छोटे टुकडों में इस प्रकार बाँटा जाता है कि ये छोटे-छोटे कार्य एक साथ अलग-अलग प्रोसेसरों द्वारा स्वतन्त्र रूप से किये जा सकें। *'''मेनफ्रेम संगणक''', सुपर संगणक से कार्यक्षमता में छोटे परंतु फिर भी बहुत शक्तिशाली होते हैं। इन कम्प्यूटरों पर एक समय में २५६ से अधिक व्यक्ति एक साथ काम कर सकते हैं। अमरीका की [[आईबीएम]] कंपनी मेनफ्रेम कंप्युटरों को बनाने वाली सबसे बडी कंपनी है। *'''मिनी संगणक''' मेनप्रेम कंप्यूटरों से छोटे परnतु माइक्रो कम्प्यूटरों से बड़े होते हैं। *'''माइक्रो संगणक (पर्सनल संगणक)''' सबसे छोटे होते हैं तथा इन्हीं को वैयक्तिक संगणक या पर्सनल संगणक भी कहा जाता है। इसका प्रथम संस्करण १९८१ में विकिसित हुआ था, जिसमे ८०८८ [[माइक्रोप्रोसेसर]] प्रयुक्त हुआ था। :* मेज के ऊपर रखने लायक संगणक ([[डेस्कटॉप]]) :* गोद के ऊपर रखने लायक संगणक ([[लैपटॉप]]) :* हथेली के ऊपर रखने लायक संगणक ([[पाल्म्टॉप]]) - स्मार्टफोन, संगीत खिलाड़ी (म्यूजिक प्लयेर), वीडियो खिलाड़ी (वीडियो प्लेयर) :* टैबलेट संगणक == अभिकलित्र के गुण == संगणक हमारे द्वारा दिये जाने वाले हर कार्य को बखूबी करने में सक्षम होते हैं। इनके कुछ गुण इस प्रकार हैं : ;गति संगणक काफी तेज गति से कार्य करते हैं, जब हम संगणक के बारे में बात करते हैं, तो हम मिनी सेकेन्ड, माइक्रो सेकेन्ड में बात नहीं करते, बल्कि हम 10-12 सेकेन्ड में एक कम्पयूटर कितना कार्य कर लेता है, इस रूप में उसकी गति को आँकते हैं। ; न उबना संगणक कभी भी उबते (बोर) नहीं हैं और यही इनका सबसे अच्छा गुण है, क्योंकि यह एक यंत्र हैं, इसलिये ये काफी दिनों तक बिना किसी शिकायत के कार्य करने में सक्षम होते हैं। ; स्मरण करने या संग्रह की क्षमता एक सामान्य संगणक भी एक बार दिये गये निर्देश को काफी समय तक स्मरण रखने में सक्षम होता है, तथा जब भी आवश्यकता पडे़, उसे फिर से लिखा और भरा जा सकता है। == उपयोग == * [[ईमेल]] * [[सहयोग]] * जानकारी संजोना * [[लेखांकन]] * [[शब्द संसाधक|शब्द संसाधन]] * पुस्तक प्रकाशन * सामग्री प्रवंधन * वैज्ञानिक अनुसंधान तथा विकास * [[दूरसंचार]] * शिक्षा प्रसार * [[सिमुलेशन]] (Simulation) * संगणक सहाय्यित डिजाइन (Computer Aided Design / CAD) * संगणक सहाय्यित डिजाइन एवं ड्राफ्टिंग (Computer Aided Design and Drafting / CADD) == अभिकलन भाषा == अभिकलित्र जिस भाषा को समझता है उसे द्विआधारी भाषा कहते हैं। वास्तव में यह यंत्र केवल विद्युत धारा के चालू या बंद होने को ही समझता है॥ विद्युत प्रवाह होने एवं रुकने को 0 या 1 के जरिए व्यक्त किया जाता है। इसलिए इसपर कोइ काम करने के लिए इसे इस भाषा में निर्देश या सूचना देना होता है। === यंत्र भाषा === शुरूआती दिनों में अभिकलित्र को सीधे द्विआधारी भाषा में निर्देश या सूचना दी जाती थी। यंत्र से सीधा संपर्क रहने के कारण इसे यंत्र भाषा (मशीन लैंगुएज) भी कहा जाता था। इस तरह से निर्देश या सूचना देने की यह प्रक्रिया काफी जटिल थी। === संयोजन भाषा === यंत्र भाषा की जटिलता को कम करने के लिए संयोजक (असेंबलर) की सहायता ली गई। यह ऐसा प्रोग्राम था जो कुछ खास शब्दों को द्विआधआरी संकेतों के समूह में बदल देता था। इस भाषा में प्रत्एक प्रक्रिया के लिए एक सरल शब्द चुन लिए गए थे। इससे द्विआधारी संकेत समूह के बजाय केवल संकेत शब्द लिखकर काम हो जाता था॥ इस संकेतों द्वारा संयोजित तथा संयोजक की सहायता से काम करने वाली भाषा को संयोजन भाषा (असेंबली लैंगुएज) कहा गया। === उच्च स्तरीय भाषाएँ (High Level Language) === असेम्बली लेंगवेज के आने से संगणक प्रोग्रामर्स को सुविधा जरूर मिली, किन्तु इसके लिए प्रोग्रामर को संगणक के हार्डवेयर, तथा इसकी कार्य प्रणाली का सम्पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक होता था। अतः अब और भी सरल भाषायों का विकास किया गया, जिन्हें उच्च स्तरीय भाषा कहा गया। इनमे से कुछ प्रमुख आरंभिक भाषाए कोबोल (COBOL), बेसिक (BASIC), सी (C) थी।<br /> उच्च स्तरीय भाषायों या हाई लेवल लेंगवेजों को मशीन भाषा में परिवर्तित करने के लिए संकलक (Compiler) और व्याख्याता (Interpreter) की जरूरत पड़ती है।<br /> '''संकलक या [[कंपाइलर]]''' उच्च स्तरीय भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को स्थायी रूप से मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, जबकि '''व्याख्याता या इंटरप्रेटर''' एक एक पंक्ति करके परिवर्तित करता है। == कम्प्यूटर के लाभ और हानि == [[Image:Internet map 1024.jpg|right|thumb|कम्प्यूटर नेटवर्क और संचार ने क्रान्ति ला दी है।]] === लाभ === * यह संचार का सबसे अच्छा माध्यम है * इससे किसी भी संसाधन को साझा करने में आसानी होती है * यह सभी प्रकार के फाइल को साझा करने का बेहतरीन डिवाइस है * यह एक सस्ता यंत्र है * इससे समय की बचत होती है * इसमें डॉक्यूमेंट रखने के लिए बहुत जगह होता है * इसे बहुत आसानी से समझकर इस पर कार्य किया जा सकता है === हानि === * गलत तरीके से उपयोग करने पर समय की बर्बादी होती है * इससे शारीरिक गतिविधियों में कमी होती है * रक्त परिसंचरण सही से नहीं हो पता है * ज्यादा भोजन खाना और मोटापा बढ़ना * कमर और सर में दर्द की शिकायत * आँखों या दृष्टि में कमजोरी होना * अनिद्रा की असुविधा होना * अगर आप लैपटॉप को अपने जांघ पर रखकर प्रयोग करते है तो नपुंसक हो सकते है। == सन्दर्भ == {{reflist|2}} https://khojohindime.com/computer-kya-hai/ कंप्यूटर क्या है , इसका इतिहास क्या है , जाने पूरा विस्तार से ...]'
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'[[चित्र:Computer home station.jpg|thumb|right|250px|घर में मेज पर रखा हुआ एक [[व्यक्तिगत संगणक|निजी संगणक]]]] {{ज्ञानसन्दूक|title = आधुनिक संगणक |image = <div style="white-space:nowrap;"> [[File:Acer Aspire 8920 Gemstone by Georgy.JPG|x81px|लैपटॉप]][[File:Columbia Supercomputer - NASA Advanced Supercomputing Facility.jpg|x81px|नासा की एक प्रयोगशाला मे रखा हुआ कोलम्बिया सुपर संगणक]][[File:Intertec Superbrain.jpg|x81px]]<br />[[File:2010-01-26-technikkrempel-by-RalfR-05.jpg|x79px]][[File:Thinking Machines Connection Machine CM-5 Frostburg 2.jpg|x79px]][[File:G5 supplying Wikipedia via Gigabit at the Lange Nacht der Wissenschaften 2006 in Dresden.JPG|x79px]]<br />[[File:DM IBM S360.jpg|x77px]][[File:Acorn BBC Master Series Microcomputer.jpg|x77px]][[File:Dell PowerEdge Servers.jpg|x77px]]}} '''कंप्यूटर''' (अन्य नाम - '''संगणक''', '''कंप्यूटर''', '''परिकलक'''<ref name = "HindiName">[http://computerhindi.blogspot.com/2009/02/21.html वैज्ञानिक तथा तकनीकी शव्दावली आयोग द्वारा जारी आधिकारिक सूचना प्रौद्योगिकी शब्दावली]</ref>) वस्तुतः एक अभिकलक यंत्र (programmable machine) है जो दिये गये गणितीय तथा तार्किक संक्रियाओं को क्रम से स्वचालित रूप से करने में सक्षम है। इसे [[अंकगणित|अंक गणितीय]], तार्किक क्रियाओं व अन्य विभिन्न प्रकार की गणनाओं को सटीकता से पूर्ण करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से निर्देशित किया जा सकता है। चूंकि किसी भी कार्य योजना को पूर्ण करने के लिए निर्देशो का क्रम बदला जा सकता है इसलिए संगणक एक से ज्यादा तरह की कार्यवाही को अंजाम दे सकता है। इस निर्देशन को ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग कहते है और संगणक [[कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा]] की मदद से उपयोगकर्ता के निर्देशो को समझता है। यांत्रिक संगणक कई सदियों से मौजूद थे किंतु आजकल अभिकलित्र से आशय मुख्यतः बीसवीं सदी के मध्य में विकसित हुए विद्दुत चालित अभिकलित्र से है। तब से अबतक यह आकार में क्रमशः छोटा और संक्रिया की दृष्टि से अत्यधिक समर्थ होता गया हैं। अब अभिकलक घड़ी के अन्दर समा सकते हैं और [[विद्युत कोष]] (बैटरी) से चलाये जा सकते हैं। निजी अभिकलक के विभिन्न रूप जैसे कि [[सुवाह्य संगणक]], टैबलेट आदि रोजमर्रा की जरूरत बन गए हैं। परंपरागत संगणकों में एक केंद्रीय संचालन इकाई ([[सीपीयू ]]) और सूचना भन्डारण के लिए [[संगणक स्मृति|स्मृति]] होती है। संचालन इकाई अंकगणित व तार्किक गणनाओ को अंजाम देती है और एक अनुक्रमण व नियंत्रण इकाई स्मृति में रखे निर्देशो के आधार पर संचालन का क्रम बदल सकती है। परिधीय या सतह पे लगे उपकरण किसी बाहरी स्रोत से सूचना ले सकते है व कार्यवाही के फल को स्मृति में सुरक्षित रख सकते है व जरूरत पड़ने पर पुन: प्राप्त कर सकते हैं। [[एकीकृत परिपथ]] पर आधारित आधुनिक संगणक पुराने जमाने के संगणकों के मुकबले करोड़ो अरबो गुना ज्यादा समर्थ है और बहुत ही कम जगह लेते है। <ref>पुराने संगणक जैसे की [[Colossus computer|कोलोसस]] और [[एनिअक]] प्रति छ्ण ५ से १०० क्रिया कलाप कर सकता था। एक आधुनिक “[[उत्पाद|बिकने वाला]]” [[माइक्रोप्रोसेसर]] (२००७ तक) प्रति छ्ण अरबों क्रिया कलाप कर सकते है, और इनमे से अधिकतर कार्य पहले के संगणकों के द्वारा किये जाने वाले कार्यो की तुलना में कही ज्यादा कठिन और उपयोगी होते हैं। {{cite web |url=http://www.intel.com/cd/channel/reseller/asmo-na/eng/products/mobile/processors/core2duo_m/feature/index.htm |title=Intel Core2 Duo Mobile Processor: Features |प्रकाशक=Intel Corporation |accessdate=20 June 2009}}</ref> सामान्य संगणक इतने छोटे होते है कि [[मोबाइल फ़ोन]] में भी समा सकते है और [[मोबाइल कम्प्यूटिंग|मोबाइल संगणक]] एक छोटी सी [[विद्युत कोष]] (बैटरी) से मिली ऊर्जा से भी काम कर सकते है। ज्यादातर लोग “संगणकों” के बारे में यही राय रखते है कि अपने विभिन्न स्वरूपों में [[व्यक्तिगत संगणक]] [[सूचना प्रौद्योगिकी]] युग के नायक है। हालाँकि embedded system|सन्निहित संगणक जो कि ज्यादातर उपकरणों जैसे कि आंकिक श्रव्य वादक|एम.पी.३ वादक, [[वायुयान]] व खिलौनों से लेकर औद्योगिक मानव यन्त्र में पाये जाते है लोगो के बीच ज्यादा प्रचलित है। [[File:Personal Computer 774.JPG|thumb|पर्सनल कंप्यूटर ७७४ ]] ==शब्द व्युत्पत्ति== '''कंप्यूटर''' शब्द का प्रथम प्रयोग वर्ष १६१३ में अंग्रेज लेखक रिचर्ड ब्रेथवेट की पुस्तक '"द यंग मैन ग्लीनिंग्स"' में पाया गया। ''मैंने समय के सबसे सही '''कम्प्यूटरों''' को और धरा पे जन्मे सर्वोत्तम अंक गणितज्ञ को पढ़ा है।'' <ref>''I haue read the truest computer of Times, and the best Arithmetician that euer breathed, and he reduceth thy dayes into a short number.'' [[:en: Computer#Etymology|अंग्रेजी version]] {{cite web|url=http://courses.ischool.berkeley.edu/i103/f07/slides/HofI07_Computers.pdf|title=द यंग मैन ग्लीनिंग्स|author=रिचर्ड ब्रेथवेट|publisher = अज्ञात|accessdate=22 February 2015}}</ref> यह उस व्यक्ति के बारे में बताता है जो गणनाएँ (computations) करता था, तभी से यह शब्द २०वी शताब्दी के मध्य तक इस सन्दर्भ में हूबहू प्रयोग होता आ रहा है। उन्नीसवी शताब्दी के अंत से इस शब्द ने और ज्यादा व्यवहारिक रूप ले लिया, यानी कि वो यन्त्र जो गणनाएँ करता है। '''संगणक''' व '''अभिकलित्र''' नाम <ref name="HindiName"/> भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी किये गए हैं। == इतिहास== {{मुख्य | संगणन हार्डवेयर का इतिहास}} === बीसवीं शताब्दी से पहले के संगणक उपकरण === [[चित्र:Os_d%27Ishango_IRSNB.JPG|thumb|right|100px|इशांगो कि हड्डी यांत्रिक रेखीय संगणक|यांत्रिक रेखीय (एनालॉग) संगणकों का प्रादुर्भाव प्रथम शताब्दी में होना शुरू हो गया था जिन्हे बाद में मध्यकालीन युग में खगोल शास्त्रीय गणनाओ के लिए इस्तेमाल भी किया गया। यांत्रिक रेखीय संगणकों को [[द्वितीय विश्व युद्ध|द्धितीय विश्व युद्ध]] के दौरान विशेषीकृत सैन्य कार्यो में उपयोग किया गया। इसी समय के दौरान पहले विद्दुतीय [[डिजिटल सर्किट|अंकीय परिपथ]] वाले संगणको का विकास हुआ। प्रारम्भ में वो एक बड़े कमरे के आकार के होते थे और आज के आधुनिक सैकड़ों [[व्यक्तिगत संगणक|निजी संगणकों]] <ref>१९४६ में , ENIAC को लगभग १७४ किलोवॉट बिजली की जरूरत होतो थी। इसकी तुलना में, एक आधुनिक [[लैपटॉप]] संगणक को लगभग ३० वॉट बिजली की जरूरत होती है मतलब लगभग ६००० गुना कम। {{cite web|url=http://www.upenn.edu/computing/provider/docs/hardware/powerusage.html|title=ऍप्रोक्सिमेट डेस्कटॉप & नोटबुक पॉवर यूज़ेज|publisher: पेंसिलवेनिया विश्वविद्दालय|accessdate=20 June 2009}}</ref> के बराबर बिजली का उपभोग करते थे। पहली इलेक्ट्रॉनिक अंकीय संगणक यूनाइटेड किंगडम और [[संयुक्त राज्य अमेरिका]] में 1940 और 1945 के बीच विकसित किया गया। गणनाएँ करने के लिये यन्त्रो का इस्तेमाल हज़ारो वर्षो से होता आ रहा है खासकर उग्लियो से गिनती करने वाले उपकरणो का। शुरुवाती गणन यन्त्र सम्भवत: मिलान छड़ी|वो लकड़ी जिस पर गिनती के लिये दांत खोदे गये हो या [[:en:Tally stick|मिलान छड़ी]] का एक रूप थी। बाद में [[उर्वर अर्धचंद्र|मध्य पूर्व में उपजाऊ भूमि के एक भौगोलिक क्षेत्र]] जो कि आकार में अर्द्ध चंद्र जैसा दिखता है में अभिलिेखो को रखने के लिए ''कॅल्क्युली'' (मिटटी के गोले, शंकु) का इस्तेमाल होता रहा जो की अधपके और खोखले मिटटी के बर्तनो में रखा होता था। इनका उपयोग सामान की गिनती (अधिकतर पशुधन व अनाज) दर्शाने के लिए किया जाता था। <ref>[http://sites.utexas.edu/dsb/ डेनिस स्क्मान्त-बेस्सेरत|1981] के अनुसार, इन मिट्टी के बर्तनो में निशान होते थे जिनका कुल जोड स्थानान्तरित हो रहे सामान की गिनती होती थी। इस तरह से ये बर्तन किसी बही-खाते का काम करते थे। इन बर्तनो को खुल्कर टूटने से बचाने के लिए पहले निशान कि छाप बर्तन के बाहर बना दी जाती थी, फिर गिनती के लिए छाप के आकार को उस शैली के मोहर पर निकाल लिया जाता था और अंत में निकाले हुए चिन्हों को क्रमानुसार संख्याओं के तरह उपयोग किया जाता था। यही अंक अन्तत: संख्या के रूप मे साम्ने आए। अंततोगत्वा ([http://www.laits.utexas.edu/ghazal/Chap1/dsb/chapter1.html स्क्मान्त-बेस्सेरत के आकलन के अनुसार इसे ४००० वर्ष लगे।]) गिनती की संख्या बताने के लिए जितने चिन्हों की जरूरत होती थी वो बर्तनों के बाहर बने होते थे, और मिट्टी के ये बर्तन बाद मे गिनती के चिन्ह बने हुए मिट्टी की गोलियो के रूप मे विकसित हुए।</ref><ref>{{Citation|first=एलेनॉर|last=रौब्सन|year=२००८|title= प्राचीन इराक में गणित {{en}}|publisher=|isbn=978-0-691-09182-2}}. p.5: इराक़ में प्राथमिक लेखा पद्धति के साथ उत्पाद विशिश्ट की गणना प्रतिरूप प्रणाळी के लिए ३२००–३००० ईसा पूर्व में कॅल्क्युली का उपयोग। संतुलित लेखा-बही ३०००–२३५० ईसा पूर्व तक प्रयोग होना शुरु हो गई थी और एक [[सेक्साजेसिमल संख्या प्रणाली]] २३५०–२००० ईसा पूर्व तक इस्तेमाल होना शुरु हो गई थी।</ref> गिनती की छड़े|गिनती की छड़ों का उपयोग इसका एक उदहारण है। [[File:Abacus 6.png|thumb|left|स्वन पन (इस गिनतारे पर प्रदर्शित हो रही संख्या है ६,३०२,७१५,४०८)]] शुरुवात में [[गिनतारा|गिनतारे]] का उपयोग अंकगणितीय कार्यो के लिए होता था। जिसे आज हम रोमन गिनतारा कहते है उसका उपयोग २४०० ईसा पूर्व के प्रारम्भ में [[बेबीलोनिया|बेबीलोनिआ]] में हुआ था। तब से अब तक गड़ना व हिसाब लगाने के लिए कई अन्य गणन् पट्टियो व गोलियो का आविश्कार हो चुका है। एक मध्ययुगीन युरोपीय गडना घर|गड़ना घर में मेज पर चितकबरे कपडे को रख दिया जाता था और कुछ विशेष नियमो के अनुसार उसपर मोहरों को चलाकर पैसे जोड़ने के लिए एक साधन के तौर पे इस्तेमाल किया जाता था। [[File:NAMA Machine d'Anticythère 1.jpg|thumb|प्राचीन यूनानी रूपरेखा वाले एंटीकाईथेरा प्रक्रिया १५० से १०० ईसा पूर्व के समय के दुनिया के सबसे पुराने रेखीय संगणक हैं।]] डेरेक जे. डी-सोला के अनुसार एंटीकाईथेरा प्रक्रिया को शुरुवाती यान्त्रिक [[अनुरूप अभिकलित्र]] माना जाता है।<ref>[http://www.antikythera-mechanism.gr/project/general/the-project.html ''The Antikythera Mechanism Research Project''], एंटीकाईथेरा प्रक्रिया अनुसन्धान परियोजना. Retrieved 1 July 2007.</ref> इसे खगोलिय स्थितियो की गडना के लिये बनाया गया था। इसे एंटीकाईथेरा के युनानी द्धीप के एंटीकाईथेरा भग्नावशेष में १९०१ में खोज गया था।<ref>पढे: http://www.world-mysteries.com/sar_4.htm "एंटीकाईथेरा की खोज"&nbsp;</ref> इसे १०० ईसा पूर्व के समय का पाया गया। ऐसा माना जाता है कि एंटीकाईथेरा प्रक्रिया जैसी जटिलता वाले यन्त्र अगले १००० वर्षो तक मिलने मुश्किल है। प्राचीन और मध्ययुगीन कालों में खगोलीय गणनाओं के निष्पादन के लिए कई [[अनुरूप अभिकलित्र|एनालॉग कंप्यूटरों]] का निर्माण किया गया था। इनमें शामिल हैं प्राचीन ग्रीस की एंटिकिथेरा प्रक्रिया और एस्ट्रॉलैब (लगभग 150-100 ईसा पूर्व), जिन्हें आम तौर पर सबसे प्रारंभिक ज्ञात यांत्रिक एनालॉग कंप्यूटर माना जाता है।<ref>{{harvnb|Lazos|1994}}</ref> एक या अन्य प्रकार की गणनाओं के निष्पादन के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले यांत्रिक उपकरणों के अन्य प्रारंभिक संस्करणों में शामिल हैं प्लेनिस्फेयर और अबू रेहान अल बिरूनी (Abū Rayhān al-Bīrūnī) (लगभग 1000 ईसा पश्चात्) द्धारा आविष्कृत अन्य यांत्रिक संगणन उपकरण; अबू इसहाक इब्राहिम अल ज़र्काली (Abū Ishāq Ibrāhīm al-Zarqālī) (लगभग 1015 ईसा पश्चात्) द्वारा आविष्कृत इक्वेटोरियम और यूनिवर्सल लैटिट्यूड-इंडिपेंडेंट एस्ट्रोलेबल; अन्य मध्ययुगीन मुस्लिम खगोलविदों और इंजीनियरों के खगोलीय एनालॉग कंप्यूटर; और सोंग राजवंश के दौरान सू सोंग (लगभग 1090 ईसा पश्चात्) का खगोलीय क्लॉक टावर। अल जजारी द्वारा 1206 में आविष्कृत एक खगोलीय घड़ी को सबसे पहला [[प्रोग्रामिंग|प्रोग्राम योग्य]] रेखीय संगणक माना जाता है।<ref name="Ancient Discoveries">{{citation|title=[[प्राचीन आविश्कार]], एपिसोड ११: एन्सिएंट रोबोट्स|publisher=[[हिस्ट्री (टीवी चैनल)|हिस्ट्री चैनल]]|url=http://www.youtube.com/watch?v=rxjbaQl0ad8|accessdate=6 सितंबर 2008}}</ref> यह राशि चक्र, सूर्य और चंद्रमा की कक्षाओं को दर्शाती थी, इसमें एक अर्द्ध-चंद्राकार सूचक एक संपूर्ण प्रवेश द्वारा से होकर गुजरती थी जिसके कारण हर [[घंटा|घंटे]] पर स्वचालित द्धार खुल जाते थे<ref>हावर्ड आर. टर्नर (1997), ''साइंस इन मेडिएवल इस्लाम: एन इलस्ट्रेटेड इंट्रोडक्शन'', पृष्ठ 184, टेक्सास विश्वविद्द्यालय के प्रेस, आई०एस०बी०एन० 0-292-78149-0</ref><ref name="Hill2">{{citation|title= "मेकैनिकल इंजीनियरिंग इन दी मेडिएवल नियर ईस्ट"|author=डोनाल्ड रूटलेज हिल|publisher=''साइंटिफिक अमेरिकन''|accessdate=1 मई 1991}}, पृष्ठ 64-9. (सीएफ. डोनाल्ड रूटलेज हिल, [http://home.swipnet.se/islam/articles/HistoryofSciences.htm मैकेनिकल इंजीनियरिंग])</ref> और पांच [[रोबोट|रोबोटिक]] संगीतकार जो एक [[पनचक्की|पानी के पहिये (वाटर व्हील)]] से जुड़े कैमशाफ्ट द्वारा संचालित [[उत्तोलक|लीवरों]] द्वारा मारे जाने पर संगीत बजा दिया करते थे। दिन और रात की लंबाई को वर्ष भर में दिन और रात की बदलती लंबाइयों के लिए उपयुक्त बनाने के क्रम में हर दिन फिर से प्रोग्राम किया जा सकता है।<ref name="Ancient Discoveries"/> ===संगणक के विकास का संक्षिप्त इतिहास=== * '''1623 ई.''': जर्मन गणितज्ञ विल्हेम शीकार्ड ने प्रथम यांत्रिक कैलकुलेटर का विकास किया। यह कैलकुलेटर जोड़ने, घटाने, गुणा व भाग में सक्षम था। * '''1642 ई.''': फ्रांसीसी गणितज्ञ [[ब्लेज़ पास्कल]] ने जोड़ने व घटाने वाली मशीन का आविष्कार किया। * '''1801 ई.''': फ्रांसीसी वैज्ञानिक जोसेफ मेरी जैकार्ड ने लूम (करघे) के लिए नई नियंत्रण प्रणाली का प्रदर्शन किया। उन्होंने लूम की प्रोग्रामिंग की, जिससे पेपर कार्डों में छेदों के पैटर्न के द्वारा मशीन को मनमुताबिक वीविंग ऑपरेशन (weaving operation) का आदेश दिया जाना सम्भव हो गया। * '''1833-71 ई.''': ब्रिटिश गणितज्ञ और वैज्ञानिक [[चार्ल्स बैबेज]] ने जैकार्ड पंच-कार्ड प्रणाली का प्रयोग करते हुए 'एनालिटिकल इंजन' का निर्माण किया। इसे वर्तमान कम्प्यूटरों का अग्रदूत माना जा सकता है। बैबेज की सोच अपने काल के काफी आगे की थी और उनके आविष्कार को अधिक महत्व नहीं दिया गया। * '''1889 ई.''': अमेरिकी इंजीनियर हरमन हॉलेरिथ ने 'इलेक्ट्रो मैकेनिकल पंच कार्ड टेबुलेटिंग सिस्टम' को पेटेंट कराया जिससे सांख्यिकी आँकड़े की भारी मात्रा पर कार्य करना सम्भव हो सका। इस मशीन का प्रयोग अमेरिकी जनगणना में किया गया। * '''1941 ई.''': जर्मन इंजीनियर कोनार्डसे ने प्रथम पूर्णतया क्रियात्मक डिजिटल कम्प्यूटर Z3 का आविष्कार किया जिसे प्रोग्राम द्वारा नियंत्रित किया जा सकता था। Z3 इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर नहीं था। यह विद्युतीय स्विचों पर आधारित था जिन्हें [[रिले]] कहा जाता था। * '''1942 ई.''': आइओवा स्टेट कॉलेज के भौतिकविद जॉन विंसेंट अटानासॉफ और उनके सहयोगी क्लिफोर्ड बेरी ने प्रथम पूर्णतया इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर के कार्यात्मक मॉडल का निर्माण किया जिसमें वैक्यूम ट्यूबों का प्रयोग किया गया था। इसमें रिले की अपेक्षा तेजी से काम किया जा सकता था। यह प्रारंभिक कम्प्यूटर प्रोग्रामेबल नहीं था। * '''1944 ई.''': आईबीएम और हार्वर्ड यूनीवॢसटी के प्रोफेसर हॉवर्ड आइकेन ने प्रथम लार्ज स्केल ऑटोमेटिक डिजीटल कम्प्यूटर 'मार्क-1' का निर्माण किया। यह रिले आधारित मशीन 55 फीट लम्बी व 8 फीट ऊँची थी। * '''1943 ई.''': ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] के दौरान जर्मन कोडों को तोडऩे के लिए इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटर 'कोलोसस' का निर्माण किया। * '''1946 ई.''': अमेरिकी सेना के लिए पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में भौतिकविद् जॉन माउचली और इंजीनियर जे. प्रेस्पर इकेर्ट ने 'इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटेड एंड कम्प्यूटर - इनिएक' (ENIAC) का निर्माण किया। इस कमरे के आकार वाले 30 टन कम्प्यूटर में लगभग 18,000 [[निर्वात नलिका|वैक्यूम ट्यूब]] लगे थे। इनिएक की प्रोग्रामिंग अलग-अलग कार्य करने के लिए की जा सकती थी। * '''1951 ई.''': इकेर्ट और माउचली ने प्रथम कॉमर्शियल कम्प्यूटर 'यूनिवेक' (UNIVAC) का निर्माण किया ([[यूएसए|सं.रा. अमेरिका]])। * '''1969-71 ई.''': बेल लेबोरेटरी में 'यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम' का विकास किया गया। * '''1971 ई.''': इंटेल ने प्रथम कॉमॢशयल माइक्रोप्रोसेसर '4004' का विकास किया। माइक्रोप्रोसेसर चिप पर सम्पूर्ण कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग यूनिट होती है। * '''1975 ई.''': व्यावसायिक रूप से प्रथम सफल पर्सनल कम्प्यूटर 'MITS Altair 8800' को बाजार में उतारा गया। यह किट फार्म में था जिसमें की-बोर्ड व वीडियो डिस्प्ले नहीं थे। * '''1976 ई.''': [[व्यक्तिगत संगणक|पर्सनल कम्प्यूटरों]] के लिए प्रथम वर्ड प्रोग्रामिंग प्रोग्राम 'इलेक्ट्रिक पेंसिल' का निर्माण। * '''1977 ई.''': एप्पल ने 'एप्पल-II' को बाजार में उतारा, जिससे रंगीन टेक्स्ट और ग्राफिक्स का प्रदर्शन संभव हो गया। * '''1981 ई.''': [[आई बी एम]] ने अपना पर्सनल कम्प्यूटर बाजार में उतारा जिसमें माइक्रोसॉप्ट के DOS (डिस्क ऑपरेटिंग सिस्टम) का प्रयोग किया गया था। * '''1984 ई.''': एप्पल ने प्रथम मैकिंटोश बाजार में उतारा। यह प्रथम कम्प्यूटर था जिसमें GUI (ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस) और माउस की सुविधा उपलब्ध थी। * '''1990 ई.''': माइक्रोसॉफ्ट ने अपने ग्राफिकल यूज़र इंटरफेस का प्रथम वजऱ्न 'विंडोज़ 3.0' बाजार में उतारा। * '''1991 ई.''': हेलसिंकी यूनीवर्सिटी के विद्यार्थी लाइनस टोरवाल्ड्स ने पर्सनल कम्प्यूटर के लिए 'लाइनेक्स' का आविष्कार किया। * '''1996 ई.''': हाथ में पकड़ने योग्य कम्प्यूटर 'पाम पाइलट' को बाजार में उतारा गया। * ''' 2001 ई.''': एप्पल ने मैकिंटोश के लिए [[यूनिक्स]] आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम 'Mac OS X' को बाजार में उतारा। * '''2002 ई.''': कम्प्यूटर इंडस्ट्री रिसर्च फर्म गार्टनेर डेटा क्वेस्ट के अनुसार 1975 से वर्तमान तक मैन्यूफैक्चर्ड कम्प्यूटरों की संख्या 1 अरब पहुँची। * '''2005 ई.''': एप्पल ने घोषणा की कि वह 2006 से अपने मैकिंटोश कम्प्यूटरों में [[इंटेल]] माइक्रोप्रोसेसरों का प्रयोग आरंभ कर देगा। <gallery caption="विभिन्न प्रकार के कम्प्यूटर" mode="packed"> File:Rechenzentrum-IBM-370 4078765.jpg|IBM 370 (1972) ESO Hewlett Packard 2116 minicomputer.jpg|HP 2116 (1974) IBM PC 5150.jpg|IBM PC 5150 (1983) VAX-11-750.jpg|सर्वर VAX Columbia Supercomputer - NASA Advanced Supercomputing Facility.jpg|[[नासा]] का कोलम्बिया सुपकम्प्यूटर (2004) Acer_Aspire_8920_Gemstone_by_Georgy.JPG|Acer Aspire 8920 (2012) </gallery> == अभिकलित्र के भाग == [[चित्र:DataProcessorBlockDiagram.jpg|right|thumb|250px|मोटे तौर पर अभिकलित्र के चार भाग होते हैं।]] [[चित्र:Personal computer, exploded.svg|right|thumb|250px|निजी अभिकलित्र (पीसी) के प्रमुख भाग]] एक अभिकलित्र (संगणक) निम्नलिखित चार भागों से मिलकर बनता है : निविष्ट यंत्र , संसाधन यंत्र , निर्गम यंत्र और भंडारण यंत्र। (युक्ति को यंत्र भी कहा जता है।) === निविष्ट यंत्र(इनपुट डिवाइस) === * '''निविष्ट यंत्र ''' या इनपुट डिवाइस उन उपकरणों को कहते हैं जिसके द्वारा निर्देशो और आंकडों को संगणक में भेजा जाता है। जैसे- कुन्जी पटल (की-बोर्ड), [[माउस]], जॉयस्टिक, ट्रैक बाल आदि। *# '''कीबोर्ड''' *# [[माउस]] *# '''माइक्रोफ़ोन''' या माइक *# '''क्रमवीक्षक''' (स्कैन्नर), '''अंकीय कैमेरा''' *# '''टच-स्क्रीन''', '''टच-पैद''' === केंद्रीय प्रक्रमन इकाई=== * '''केंद्रीय प्रक्रमन इकाई ([[सीपीयू]])''', संसाधन युक्ति या विचार युक्ति - यह अभिकलित्र की मूल संक्रियात्मक इकाई है जो आगम उपकरणों द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुरूप कार्य कर उसे निर्गत इकाई को भेजती है। इसके तीन भाग होते हैं: *# '''बही या पंजी (रजिस्टर)''' - सबसे पहले जिन आंकड़ों या सूचनाओं पर काम करना होता है, उन्हें अभिकलित्र स्मृति से बही में अंकित किया जाता है। अलग अलग प्रक्रियाओं के लिए अलग अलग बही होते हैं आंकिक एवं तर्क इकाई की संक्रिया के बाद सूचनाएं पुनः बही में दर्ज होती हैं और वापस स्मृती में भेजी जाती हैं। *# '''आंकिक एवं तर्क इकाई''' - यह इकाई बही में दर्ज सूचनाओं पर निर्देशों के अनुसार कार्य करती है तथा परिणाम को पुनः उपयुक्त बही में दर्ज कर देता है। *# '''नियन्त्रण इकाई''' - यह केंद्रिय प्रसाधन इकाई की सभी क्रियाओं का नियंत्रण करती है। जैसे कि स्मृति से सूचनाएं बही में वहाँ से आंकिक एवं तर्क इकाई में, वापस बही में तथा वहाँ से स्मृति में वापस जाने की प्रक्रिया पर यह इकाई नियंत्रण रखती है। === सूचना भंडारण उपकरण === [[चित्र:SODIMM 64MB SDRAM.JPG|right|thumb|250px|पीसी में प्रयुक्त 64MB एसडीरैम (SDRAM)]] * '''सूचना भंडारण उपकरण''' या सुरक्षण उपकरण - यह अभिकलित्र में प्रयुक्त सूचनाएं सहेजती है। *# '''अल्‍पकालिक भंडारण उपकरण''' - कम समय तक सूचना के भंडारण के लिये *## '''यादृच्छिक अभिगम स्‍मृति''' या रैम (RAM)|रैंडम एक्सैस मैमोरी (रैम) *## '''पठन स्‍मृति''' या रीड ओन्ली मेमोरी (रौम) *# '''दीर्घकालिक भंडारण उपकरण''' - लंबे समय तक सूचना के भंडारण के लिये *## '''[[हार्ड ड्राइव]]''' या हार्ड डिस्क *## '''हटाये जा सकने वाला भंडारण उपकरण''' *### '''नम्यिका ''' (फ्लॉपी डिस्क) *### '''कॉम्पैक्ट डिस्क''' (सीडी) *### '''अंकीय वीडियो डिस्क''' (डीविडी) *### चपला स्मृति भंडारण युक्ति या [[फ्लैश मेमोरी|फ्लैश मेमोरी स्तोरेज डिवाइस]] *#### '''[[यूऍसबी फ्लैश ड्राइव]]''' या फ्लैश मेमोरी ड्राइव *#### '''[[मैमोरी कार्ड|फ्लैश मेमोरी कार्ड]]''' या [[मेमोरी स्टिक|फ्लैश मेमोरी स्तिक]] *### '''[[ब्ल्यू-रे डिस्क]]''' === निर्गम यंत्र === * '''निर्गम यंत्र ''' (आउटपुट डिवाइस)- इसमें वे सभी उपकरण शामिल हैं जिनसे प्रसाधित सूचनाएं या सामग्री मानवीय उपयोगी उत्पाद के रूप में बाहर आती हैं॥ जैसे- *# '''प्रदर्शक''' (मॉनिटर) - इसकी सहायता से प्रसाधित सामग्री दृश्य रूप में प्रकट होती है॥ *#* '''स्क्रीन''' स्क्रीन पर चित्र य चल्चित्र प्रकत होते है। ये प्रदर्शक से जुडा होता है। *# '''मुद्रक'''- इसकी सहायता से निर्गत सामग्री को कागज़ पर मुद्रित किया जाता है। इसे अन्ग्रेजी भाषा में प्रिनटर भी कहते है। *# '''भोंपू''' - इसे स्पीकर भी कह्ते है, जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ये आवाज निकालने का काम करता है। इसका उपयोग अभिकलित्र में चालू किसी भि प्रक्रिया से उत्पन्न आवाज को उपयोगकर्ता तक पहुचाने के लिये किया जाता है। == अभिकलित्र के प्रकार == अभिकलित्र का मुख्य कार्य दिये गये आंकड़े को जमा कर उसपर दिए गए निर्देशों के अनुरूप काम कर परिणाम देना है॥ कार्यक्षमता के आधार पर इसे निम्नलिकित श्रेणियों में बाँटा गया है- सुपर संगणक, मेनफ्रेम संगणक मिनी संगणक, एव माइक्रो संगणक आदि। सुपर संगणक इनमें सबसे बडी श्रेणी होती है, तथा माइक्रो संगणक सबसे छोटी। *'''[[महासंगणक|सुपर संगणक]]''' सबसे तेज गति से कार्य करने वाले संगणक होते हैं। वह बहुत अधिक डाटा को काफी कम समय में इंफार्मेशन में बदलने में सक्षम होते हैं। इनका प्रयोग बड़े-बड़े कार्य करने में होता है, जैसे मौसम की भविष्यवाणी, [[आँकड़ा खनन|डाटा माइनिंग]], जटिल सिमुलेशन, मिसाइलों के डिजाइन आदि। इनमें अनेक [[माइक्रोप्रोसेसर]] [एक विशेष छोटी मशीन जो कम्प्यूटिंग के कार्य को काफी आसानी से तथा बहुत ही कम समय में कर सकने में सक्षम होती है।] लगे होते हैं। किसी जटिल गणना को कम समय में पूरा करने के लिये बहुत से '''प्रोसेसर''' एकसाथ (पैरेलेल) काम कराने पडते हैं। इसे '''पैरेलेल प्रोसेसिंग''' कहा जाता है। इसके अन्तर्गत जटिल काम को छोटे-छोटे टुकडों में इस प्रकार बाँटा जाता है कि ये छोटे-छोटे कार्य एक साथ अलग-अलग प्रोसेसरों द्वारा स्वतन्त्र रूप से किये जा सकें। *'''मेनफ्रेम संगणक''', सुपर संगणक से कार्यक्षमता में छोटे परंतु फिर भी बहुत शक्तिशाली होते हैं। इन कम्प्यूटरों पर एक समय में २५६ से अधिक व्यक्ति एक साथ काम कर सकते हैं। अमरीका की [[आईबीएम]] कंपनी मेनफ्रेम कंप्युटरों को बनाने वाली सबसे बडी कंपनी है। *'''मिनी संगणक''' मेनप्रेम कंप्यूटरों से छोटे परnतु माइक्रो कम्प्यूटरों से बड़े होते हैं। *'''माइक्रो संगणक (पर्सनल संगणक)''' सबसे छोटे होते हैं तथा इन्हीं को वैयक्तिक संगणक या पर्सनल संगणक भी कहा जाता है। इसका प्रथम संस्करण १९८१ में विकिसित हुआ था, जिसमे ८०८८ [[माइक्रोप्रोसेसर]] प्रयुक्त हुआ था। :* मेज के ऊपर रखने लायक संगणक ([[डेस्कटॉप]]) :* गोद के ऊपर रखने लायक संगणक ([[लैपटॉप]]) :* हथेली के ऊपर रखने लायक संगणक ([[पाल्म्टॉप]]) - स्मार्टफोन, संगीत खिलाड़ी (म्यूजिक प्लयेर), वीडियो खिलाड़ी (वीडियो प्लेयर) :* टैबलेट संगणक == अभिकलित्र के गुण == संगणक हमारे द्वारा दिये जाने वाले हर कार्य को बखूबी करने में सक्षम होते हैं। इनके कुछ गुण इस प्रकार हैं : ;गति संगणक काफी तेज गति से कार्य करते हैं, जब हम संगणक के बारे में बात करते हैं, तो हम मिनी सेकेन्ड, माइक्रो सेकेन्ड में बात नहीं करते, बल्कि हम 10-12 सेकेन्ड में एक कम्पयूटर कितना कार्य कर लेता है, इस रूप में उसकी गति को आँकते हैं। ; न उबना संगणक कभी भी उबते (बोर) नहीं हैं और यही इनका सबसे अच्छा गुण है, क्योंकि यह एक यंत्र हैं, इसलिये ये काफी दिनों तक बिना किसी शिकायत के कार्य करने में सक्षम होते हैं। ; स्मरण करने या संग्रह की क्षमता एक सामान्य संगणक भी एक बार दिये गये निर्देश को काफी समय तक स्मरण रखने में सक्षम होता है, तथा जब भी आवश्यकता पडे़, उसे फिर से लिखा और भरा जा सकता है। == उपयोग == * [[ईमेल]] * [[सहयोग]] * जानकारी संजोना * [[लेखांकन]] * [[शब्द संसाधक|शब्द संसाधन]] * पुस्तक प्रकाशन * सामग्री प्रवंधन * वैज्ञानिक अनुसंधान तथा विकास * [[दूरसंचार]] * शिक्षा प्रसार * [[सिमुलेशन]] (Simulation) * संगणक सहाय्यित डिजाइन (Computer Aided Design / CAD) * संगणक सहाय्यित डिजाइन एवं ड्राफ्टिंग (Computer Aided Design and Drafting / CADD) == अभिकलन भाषा == अभिकलित्र जिस भाषा को समझता है उसे द्विआधारी भाषा कहते हैं। वास्तव में यह यंत्र केवल विद्युत धारा के चालू या बंद होने को ही समझता है॥ विद्युत प्रवाह होने एवं रुकने को 0 या 1 के जरिए व्यक्त किया जाता है। इसलिए इसपर कोइ काम करने के लिए इसे इस भाषा में निर्देश या सूचना देना होता है। === यंत्र भाषा === शुरूआती दिनों में अभिकलित्र को सीधे द्विआधारी भाषा में निर्देश या सूचना दी जाती थी। यंत्र से सीधा संपर्क रहने के कारण इसे यंत्र भाषा (मशीन लैंगुएज) भी कहा जाता था। इस तरह से निर्देश या सूचना देने की यह प्रक्रिया काफी जटिल थी। === संयोजन भाषा === यंत्र भाषा की जटिलता को कम करने के लिए संयोजक (असेंबलर) की सहायता ली गई। यह ऐसा प्रोग्राम था जो कुछ खास शब्दों को द्विआधआरी संकेतों के समूह में बदल देता था। इस भाषा में प्रत्एक प्रक्रिया के लिए एक सरल शब्द चुन लिए गए थे। इससे द्विआधारी संकेत समूह के बजाय केवल संकेत शब्द लिखकर काम हो जाता था॥ इस संकेतों द्वारा संयोजित तथा संयोजक की सहायता से काम करने वाली भाषा को संयोजन भाषा (असेंबली लैंगुएज) कहा गया। === उच्च स्तरीय भाषाएँ (High Level Language) === असेम्बली लेंगवेज के आने से संगणक प्रोग्रामर्स को सुविधा जरूर मिली, किन्तु इसके लिए प्रोग्रामर को संगणक के हार्डवेयर, तथा इसकी कार्य प्रणाली का सम्पूर्ण ज्ञान होना आवश्यक होता था। अतः अब और भी सरल भाषायों का विकास किया गया, जिन्हें उच्च स्तरीय भाषा कहा गया। इनमे से कुछ प्रमुख आरंभिक भाषाए कोबोल (COBOL), बेसिक (BASIC), सी (C) थी।<br /> उच्च स्तरीय भाषायों या हाई लेवल लेंगवेजों को मशीन भाषा में परिवर्तित करने के लिए संकलक (Compiler) और व्याख्याता (Interpreter) की जरूरत पड़ती है।<br /> '''संकलक या [[कंपाइलर]]''' उच्च स्तरीय भाषा में लिखे गए प्रोग्राम को स्थायी रूप से मशीन भाषा में परिवर्तित करता है, जबकि '''व्याख्याता या इंटरप्रेटर''' एक एक पंक्ति करके परिवर्तित करता है। == कम्प्यूटर के लाभ और हानि == [[Image:Internet map 1024.jpg|right|thumb|कम्प्यूटर नेटवर्क और संचार ने क्रान्ति ला दी है।]] === लाभ === * यह संचार का सबसे अच्छा माध्यम है * इससे किसी भी संसाधन को साझा करने में आसानी होती है * यह सभी प्रकार के फाइल को साझा करने का बेहतरीन डिवाइस है * यह एक सस्ता यंत्र है * इससे समय की बचत होती है * इसमें डॉक्यूमेंट रखने के लिए बहुत जगह होता है * इसे बहुत आसानी से समझकर इस पर कार्य किया जा सकता है === हानि === * गलत तरीके से उपयोग करने पर समय की बर्बादी होती है * इससे शारीरिक गतिविधियों में कमी होती है * रक्त परिसंचरण सही से नहीं हो पता है * ज्यादा भोजन खाना और मोटापा बढ़ना * कमर और सर में दर्द की शिकायत * आँखों या दृष्टि में कमजोरी होना * अनिद्रा की असुविधा होना * अगर आप लैपटॉप को अपने जांघ पर रखकर प्रयोग करते है तो नपुंसक हो सकते है। == सन्दर्भ == {{reflist|2}} == इन्हें भी देखें== * [[माइक्रोप्रोसेसर]] * [[सॉफ्टवेयर]] * [[प्रोग्रामन भाषाएँ]] (Programming languages) * [[प्रचालन तंत्र]] (आपरेटिंग सिस्टम) * [[एनालॉग संगणक]] * [[क्रमानुदेशन]] (प्रोग्रामिंग) * [[संगणक विज्ञान]] == बाहरी कड़ियाँ == * [http://www.tiiciiitm.com/profanurag/epustak/epustak/places/cp.php कम्प्यूटर परिचय] (अटल विहारी वाजपेयी सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, ग्वालियर) * [http://www.mgahv.in/Pdf/Gen/Intro_to_computer_24_04_15.Pdf कम्प्यूटर से संबंधित सामान्य ज्ञान] (महात्मा गांधी अन्तरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय) * [https://hi.wikibooks.org/wiki/प्रश्नसमुच्चय-१० कम्प्यूट्र सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी] * [http://books.google.co.in/books?id=XiNQArOSB60C&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false कम्प्यूटर सामान्य ज्ञान एवं यूसर गाइड] (गूगल पुस्तक ; लेखक - राम बंसल विज्ञानाचार्य) * [http://books.google.co.in/books?id=USyHd_nt_kIC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=true कम्प्यूटर कोश] (गूगल पुस्तक ; लेखक - डॉ राजेश्वर गंगवार) * [https://hi.wiktionary.org/wiki/कम्प्यूटर_शब्दावली_(अंग्रेजी-हिन्दी) कम्प्यूटर शब्दावली (अंग्रेजी-हिन्दी)] [[श्रेणी:कंप्यूटर]] [[श्रेणी:संगणक अभियान्त्रिकी]] [[श्रेणी:तकनीकी और अभियान्त्रिकी]]'
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