भारतीय लोक सेवा प्रारंभिक परीक्षा

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भारतीय संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित यह भारत की सर्वाधिक महत्वपूर्ण परीक्षा है। यह भारतीय प्रशासनिक सेवा तक पहुँचने का प्रवेश द्वार है। इस परीक्षा में ऊत्तीर्ण परीक्षार्थी ही भारतीय प्रशासनिक सेवा मुख्य परीक्षा में शामिल होने का अवसर पाते हैं। 2010 ई. में इस परीक्षा के प्रारूप में मूलभूत परीवर्तन किया गया। परीक्षा के पत्रों की संख्या तो 2 ही रही किंतु दूसरा पत्र ऐच्छिक जिसमें विभिन्न विषयों के छात्र अपनी रुची के अनुसार अलग-अलग विषयों का चुनाव करते थे, समाप्त करदिया गया। दूसरा पत्र भी पहले पत्र के समान ही सबके लिए एक समान कर दिया गया।

प्रारूप[संपादित करें]

2010 में बदले गए प्रारूप के अनुसार इस परीक्षा में दो प्रश्न पत्र होंगें।

प्रश्न-पत्र 1[संपादित करें]

पहले प्रश्न-पत्र में सामयिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय घटनाओं, भूगोल, भारत का इतिहास, राजनीतिक व्यवस्था, संविधान और विकास से जुड़े सवाल होंगें।

प्रश्न-पत्र 2[संपादित करें]

दूसरे पत्र के प्रश्नों के जरिए परिक्षार्थियों के संवाद कौशल, भाषायी ज्ञान, निर्णय व विश्लेषण क्षमता और मानसिक दक्षता यानी व्यक्तित्व व उसके रुझानों की पड़ताल होगी।

इतिहास[संपादित करें]

2010 तक प्रारंभिक परीक्षा में दो पत्रों, सामान्य ज्ञान और ऐच्छिक विषय की परीक्षा ली जाती थी। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2010 के आरंभ में ही 2011 में आयोजित की जाने वाली परीक्षा के प्रारूप में परीवर्तन के संकेत दे दिए गए थे। अक्टूबर 2010 में एक सूचना जारी कर इसके प्रारूप को स्पष्ट कर दिया गया।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा के लिए कुछ प्रश्न Archived 2020-11-26 at the वेबैक मशीन