सामग्री पर जाएँ

बरौनी (शारीरिक अंग)

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
(बरौनियाँ से अनुप्रेषित)
बरौनी

मानव बरौनियां
विवरण
लातिनी Cilium
यूनानी Bλέφαρον (blépharon)
अभिज्ञापक
चिकित्सा विषय शीर्षक D005140
टी ए A15.2.07.037
एफ़ एम ए 53669
शरीररचना परिभाषिकी

बरौनी (बहुवचन: बरौनियाँ), मानव शरीर के नेत्रों की पलक के किनारे पर उगने वाले सूक्ष्म बाल होते हैं। ये आंखों की सुरक्षा, सौंदर्य तथा संवेदनशीलता – तीनों दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

बरौनियाँ बाहरी पदार्थों जैसे कि धूल, मिट्टी, कीट या तिनके को आँखों में जाने से रोकती हैं। जब कोई बाहरी वस्तु इनसे स्पर्श करती है, तो ये संवेदनशील तंत्रिकाओं के माध्यम से तुरंत मस्तिष्क को संकेत भेजती हैं, जिससे व्यक्ति की पलक स्वत: बंद हो जाती है। इस प्रकार ये आंखों के लिए एक प्राकृतिक सुरक्षा तंत्र (first line of defence) के रूप में कार्य करती है।[1]

बरौनियाँ केवल सुरक्षा का ही कार्य नहीं करतीं, बल्कि चेहरे की सौंदर्यात्मक विशेषता भी मानी जाती हैं। लंबी और घनी बरौनियाँ आकर्षक रूप का प्रतीक मानी जाती हैं। आधुनिक समय में बरौनियों की सजावट के लिए मस्कारा, कृत्रिम बरौनियाँ (false eyelashes) तथा आईलैश एक्सटेंशन का प्रयोग किया जाता है।[2]

अक्सर हिन्दी में प्राय: बरौनी और पलक शब्दों का एक-दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है, किंतु दोनों में अंतर है—

  • पलक त्वचा की वह परत है जो आंख को ढकने और खोलने का कार्य करती है।
  • बरौनियाँ उसी पलक के छोर पर उगे हुए बाल होते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से बरौनियाँ केराटिन नामक प्रोटीन से बनी होती हैं, वही प्रोटीन जिससे मानव के बाल और नाखून भी बनते हैं। एक बरौनी की औसत आयु लगभग 90 से 120 दिन होती है, जिसके बाद यह झड़ जाती है और नई बरौनी उसकी जगह ले लेती है।[3]

कुछ लोगों में बरौनियों से संबंधित चिकित्सीय स्थितियाँ जैसे —

  • अत्यधिक झड़ना (Madarosis),
  • या असामान्य वृद्धि (Trichomegaly) देखी जाती हैं, जिनका उपचार नेत्र-विशेषज्ञ या त्वचा रोग विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है।[4]

सन्दर्भ

[संपादित करें]