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पॉप म्यूज़िक

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पॉप म्यूज़िक या पॉप संगीत (यह शब्द मूलतः 'पॉप्यूलर' यानी "लोकप्रिय" शब्द से निकला है) को आमतौर पर युवाओं के बाजार के अनुकूल और व्यावसायिक तौर पर रिकॉर्ड किये गए संगीत के रूप में समझा जाता है; इसमें अपेक्षाकृत छोटे और साधारण गाने शामिल होते हैं और नवीन तकनीक का इस्तेमाल कर मौजूदा धुनों को नए तरीके से पेश किया जाता है। पॉप म्यूज़िक में लोकप्रिय संगीत के अधिकांश रूपों के प्रभाव को देखा जा सकता है, लेकिन एक शैली के तौर पर ये विशेष रूप से रॉक एंड रोल और रॉक स्टाइल के बाद के रूपों से संबंधित है।[उद्धरण चाहिए]

परिभाषाएं

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हैच और मिलवर्ड ने पॉप म्यूज़िक को "एक ऐसे संगीत के तौर पर परिभाषित किया है जो लोकप्रिय, जैज़ और लोक संगीतों से भिन्न है।"[1] हालांकि पॉप म्यूज़िक को अक्सर सिंगल्स चार्ट्स की ओर अधिक झुका हुआ माना जाता रहा है, चार्ट संगीत में केवल पॉप म्यूज़िक ही नहीं बल्कि हमेशा से ही शास्त्रीय, जैज़, रॉक और नए गानों सहित विभिन्न स्रोतों के गाने भी समाहित होते रहे हैं जबकि एक शैली के तौर पर पॉप म्यूज़िक की उपस्थिति तथा विकास आमतौर पर अलग से ही होता रहा है।[2] इसलिए "पॉप म्यूज़िक" को एक अलग शैली के संगीत के तौर पर वर्णित किया जा सकता है जिसका केंद्र युवा बाजार होता है और जिसे अक्सर रॉक एंड रोल के एक सौम्य विकल्प के तौर पर देखा जाता है।[3]

शब्द की उत्पत्ति

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"पॉप म्यूज़िक" शब्द को पहली बार 1926 में "लोकप्रिय अपील" वाले एक संगीत के तौर पर इस्तेमाल किया गया था।[4] हैच और मिलवर्ड के मुताबिक 1920 के दशक के रिकॉर्डिंग इतिहास में कंट्री, ब्लूज और हिलिबिली संगीत सहित ऐसी कई घटनाएं हैं जिन्हें आधुनिक पॉप म्यूज़िक उद्योग के जन्म के तौर पर देखा जाता है।[5]

ग्रोव म्यूज़िक ऑनलाइन के अनुसार "पॉप म्यूज़िक" शब्द की "उत्पत्ति 1950 के दशक के मध्य में रॉक एंड रोल और उससे प्रभावित होने वाली युवाओं की नई संगीत शैली के एक वर्णन के रूप में हुई थी।[6] वहीं ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ म्यूज़िक में पॉप म्यूज़िक के बारे में लिखा गया है कि पहले इसे बड़ी संख्या में श्रोताओं को प्रभावित करने वाले कनसर्ट्स (संगीत समारोह) के तौर पर समझा जाता था। हालांकि 1950 के दशक के आखिर से पॉप को एक खास प्रकार के गैर-शास्त्रीय संगीत के रूप में जाना जाने लगा, आमतौर पर बीटल्स, द रोलिंग स्टोंस, आब्बा (ABBA) आदि जैसे कलाकारों द्वारा गाये गए गानों के रूप में."[7] ग्रोव म्यूज़िक ऑनलाइन ने यह भी लिखा है कि "1960 के दशक की शुरुआत में शाब्दिक तौर पर पॉप म्यूज़िक शब्द की तुलना इंग्लैंड के बीट संगीत से की जाती थी, जबकि अमेरिका में इसको 'रॉक एंड रोल'के समान समझा जाता था (जैसा कि अभी भी होता है)."[6]चैंबर्स डिक्शनरी में "पॉप आर्ट" शब्द के समकालीन इस्तेमाल का वर्णन किया गया है।[8] ग्रोव म्यूज़िक ऑनलाइन के अनुसार "ऐसा प्रतीत होता है कि पॉप म्यूज़िक शब्द की उत्पत्ति पॉप आर्ट तथा पॉप कल्चर शब्दों से हुई है और यह एक पूर्णतया नए और अक्सर अमेरिकी, मी़डिया-संस्कृति संबंधित उत्पादों को इंगित करता है।[6]

लगभग 1967 के बाद से रॉक संगीत की बजाय इस शब्द का अधिकाधिक उपयोग किया जाने लगा; इस विभाजन से दोनों ही शब्दों को सामान्य महत्व मिलने लगा.[9] जहां रॉक लोकप्रिय संगीत[9] की प्रमाणिकता और विस्तार की संभावनाओं की आकांक्षा करने लगा, वहीं पॉप ज्यादा व्यापारिक, सुलभ और सामयिक था।[10] साइमन फ्रिथ के मुताबिक पॉप म्यूज़िक को कला के तौर पर नहीं बल्कि एक उद्यम के तौर पर तैयार किया गया है, जिसे सभी को आकर्षित करने के लिए डिजाइन किया गया है और ये न तो किसी विशेष जगह से आता है या न ही ये किसी विशेष पसंद की पहचान बना. "कमाई और व्यावसायिक सफलता को छोड़कर इसकी कोई अन्य महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षा नहीं है। और संगीतमय अर्थ में यह मूलतः रूढ़िवादी है". पॉप म्यूज़िक को काफी उन्नत तरीके से (इसे रिकॉर्ड कंपनियों, रेडियो प्रोग्रामर्स और कनसर्ट प्रोमोटर तैयार करते हैं) तैयार किया जाता है।.. पॉप म्यूज़िक खुद से बनाया जाने वाला संगीत नहीं है, बल्कि यह पेशेवरों द्वारा बनाया और तैयार किया गया संगीत है".[11]

प्रभाव और विकास

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अपने पूरे विकास के दौरान पॉप म्यूज़िक लोकप्रिय संगीत की अन्य अधिकांश शैलियों से प्रभावित होता रहा है। शुरुआती पॉप म्यूज़िक की शैली भावनात्मक बैले से प्रभावित रही है, इसमें स्वर मधुरता का जो इस्तेमाल होता है वो ईसाई कहानियों और सोल संगीत से लिया गया है, वाद्यसंगीत का इस्तेमाल जैज, कंट्री और रॉक संगीत से, वाद्यवृंदकरण शास्त्रीय संगीत से, ताल नृत्य संगीत से, इलेक्ट्रॉनिक संगीत से समर्थन, हिप-हॉप से संगीत लय और हाल ही में रैप शैली से शब्दों को ग्रहण किया है।

इसमें नवीन तकनीकों का भी इस्तेमाल किया गया है। 1940 के दशक में उन्नत डिजाइन के माइक्रोफोन से गाने की शैली और ज्यादा आत्मीय[12] हुई और फिर दस या बीस साल बाद सिंगल्स के रिकॉर्ड के लिए सस्ते और टिकाऊ 45 आरपीएम ने पॉप म्यूज़िक के विस्तार के तरीके में क्रांति ला दी और इससे पॉप म्यूज़िक को 'एक रिकॉर्ड/रेडियो/फिल्मस्टार सिस्टम' में तब्दील होने में मदद मिली.[12] 1950 के दशक के दौरान एक और बड़ा तकनीकी बदलाव बड़े पैमाने पर टेलीविजन की मौजूदगी थी जहां कार्यक्रमों के प्रसारण से पॉप कलाकार लोगों की नजर में आने लगे.[12] 1960 के दशक में सस्ते और छोटे ट्रांजिस्टर रेडियो के आने से युवाओं को घर के बाहर भी पॉप म्यूज़िक सुनने का मौका मिलने लगा.[12] 1960 के दशक से मल्टी-ट्रैक रिकॉर्डिंग और 1980 के दशक से डिजिटल सैंपलिंग को भी पॉप म्यूज़िक को सृजित करने और उसके विस्तार के तरीके के तौर पर इस्तेमाल किया गया।[3] 1980 के दशक की शुरुआत में एमटीवी (MTV) जैसे संगीत टीवी चैनलों के आने से पॉप म्यूज़िक का प्रचार संभव हुआ। इन चैनलों ने माइकल जैक्सन, मैडोना और प्रिंस जैसे अति प्रसिद्ध कलाकारों को काफी बढ़ावा दिया.[12]

पॉप म्यूज़िक पर अमेरिकी और (1960 के दशक के मध्य से) ब्रिटिश संगीत उद्योग का ही प्रभाव रहा है, इन्ही का असर रहा है कि पॉप म्यूज़िक एक अंतर्राष्ट्रीय मोनोकल्चर की तरह बन गया, लेकिन ज्यादातर क्षेत्रों और देशों में पॉप म्यूज़िक की अपनी शैली है, कई बार स्थानीय विशेषताओं के साथ भी उसे पेश किया जाता है।[13] इनमें से कुछ ट्रेंड्स (उदाहरण के लिए यूरोपॉप) ने इस शैली के विकास में काफी अहम भूमिका भी निभाई है।[3]

ग्रोव म्यूज़िक ऑनलाइन के मुताबिक "पश्चिम से प्राप्त पॉप शैली दुनिया भर में फैली, जिससे वैश्विक व्यापारिक संगीत संस्कृति में एक समानता बनी, चाहे वो स्थानीय शैलियों के साथ मिल गए हों या फिर कुछ हटकर अलग पहचान बनाई हो.[14] जापान जैसे कुछ गैर-पश्चिमी देशों में पश्चिमी स्टाइल को समर्पित फलते-फूलते पॉप म्यूज़िक उद्योग का विकास हुआ और इसने अमेरिका को छोड़कर हर जगह कई सालों तक बड़ी संख्या में संगीत तैयार किया।[14] पश्चिमी स्टाइल के पॉप म्यूज़िक का जो विस्तार हुआ है उसे मोटे तौर पर अमेरिकीकरण, सजातिकरण, आधुनिकीकरण, क्रियात्मक चोरी, सांस्कृतिक औपनिवेश और/या वैश्वीकरण की सामान्य प्रक्रिया की तरह परिभाषित किया जाने लगा.[14]

विशेषताएं

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संगीत-शास्त्री पॉप म्यूज़िक शैली की जिन विशेषताओं का उल्लेख करते हैं वे निम्न हैं :

  • पॉप म्यूज़िक का मकसद किसी विशेष उप-संस्कृति या आदर्शवादी श्रोता के बजाय सामान्य श्रोताओं को आकर्षित करना होता है[3]
  • औपचारिक आर्टिस्टिक गुणों से ज्यादा शिल्प कौशल पर जोर दिया जाता है[3]
  • लाइव परफॉर्मेंस की तुलना में रिकॉर्डिंग, प्रोडक्शन और तकनीकी पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है[10]
  • प्रगतिशील विकास से ज्यादा मौजूदा चलन को दिखाने की कोशिश होती है[10]
  • ज्यादातर पॉप म्यूज़िक नृत्य को प्रोत्साहित करने के लिए होता है, या इसमें ऐसे ताल और लय का इस्तेमाल होता है जो नृत्य को प्रोत्साहित करते हैं[10]

पॉप म्यूज़िक का मुख्य माध्यम गीत है, जो अक्सर दो से ढाई और तीन से साढ़े तीन मिनट लंबे होते हैं, जिसमें आमतौर पर समानरूप से और आकर्षित करने वाले लय, एक मुख्यधारा की शैली और एक सामान्य पारंपरिक संरचना होती हैं।[15] इस शैली के सामान्य प्रकारों की बात करें तो उनमें वर्स-कोरस फॉर्म और थर्टी-टू-बार फॉर्म शामिल है, जहां मधुर सुर और आकर्षित करने वाले हुक्स के साथ ही ऐसा कोरस भी होता है जो गाने की लय और ताल के साथ चल सके.[16] सीमित हार्मोनिक संगत के साथ ताल और मेलोडी साधारण ही होते हैं।[17] आमतौर पर आधुनिक पॉप म्यूज़िक के गाने सामान्य विषयवस्तु पर केंद्रित होते हैं, जो अक्सर प्यार और रोमानी रिश्ते हो सकते हैं, लेकिन इनके उल्लेखनीय अपवाद भी होते हैं।[3]

पॉप म्यूज़िक में जो सुरीलापन है वो अक्सर "शास्त्रीय यूरोपीय शैली की वजह से है, हालांकि वह और अधिक साधारण होता है।"[18] इसमें सामान्यतः बार्बरशॉप हार्मनी (अर्थात, सेकंडरी डॉमिनेंट हार्मनी से डॉमिनेंट हार्मनी तक जाना और उसके बाद टॉनिक तक जाना) तथा ब्लूज स्केल-प्रभावित हार्मनी शामिल होती हैं।[19] "1950 के दशक के बाद से सर्किल-ऑफ-फिफ्थ्स पैराडाइम के प्रभाव में कमी आई है। रॉक एंड सोल की लयबद्ध भाषायें सबसे प्रभावी क्रिया के संपूर्ण प्रभाव से दूर जाने लगी है।.. कुछ अन्य चलन भी हैं (जिन्हें संभवतः एक कम्पोजिंग उपकरण के रूप में गिटार के इस्तेमाल में देखा जा सकता है) -- जैसे पेडल-पॉइंट हार्मनी, डाईटोनिक स्टेप द्वारा रूट मोशन, मोडल हार्मोनिक तथा मेलोडिक ऑर्गनाइजेशन - जो फंक्शनल टोनेलिटी से परे एक ऐसे टोनल भाव को इंगित करते हैं जो कम दिशापरक तथा मुक्त रूप से प्रवाहित होता प्रतीत होता है।[20]

इन्हें भी देखें

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टिप्पणियां

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  1. डी. हैच और एस. मिल्वार्ड, फ्रॉम ब्लूज़ टू रॉक: एन एनलिटिकल हिस्ट्री ऑफ पॉप म्यूज़िक, मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी प्रेस, 1987), आईएसबीएन 0719014891, पी. 1.
  2. आर. सर्ज डेनिसोफ़ और विलियम एल. स्चुर्क, टार्निश्ड गोल्ड: दी रिकार्ड इंडस्ट्री रिविजिटेड (नई ब्राउनश्विक, न्यूजर्सी: ट्रांसैक्शन प्रकाशक, तीसरा संस्करण, 1986), आईएसबीएन 0887386180, पीपी. 2-3.
  3. "स्टार प्रोफाइल" इन एस. फ्रिथ, डब्ल्यू स्ट्रे और जे. स्ट्रीट, दी कैम्ब्रिज कम्पेनियन टू पॉप एंड रॉक (कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय प्रेस, 2001), आईएसबीएन 0-521-55660-0, पीपी. 199-200.
  4. जे. सिम्पसन और ई. वेनर, ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी (ऑक्सफोर्ड: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 1989), आईएसबीएन 0198611862, सीएफ पॉप.
  5. डी. हैच और एस. मिल्वार्ड, फ्रॉम ब्लूज़ टू रॉक: एन एनलिटिकल हिस्ट्री ऑफ पॉप म्यूज़िक, आईएसबीएन 0719014891, पी. 49.
  6. आर. मिड्लटन, एट ऑल, "पॉप" Archived 2011-01-13 at the वेबैक मशीन, ग्रोव म्यूज़िक ऑनलाइन, 14 मार्च 2010 को प्राप्त किया गया। (सब्सक्रिप्शन आवश्यक)
  7. "पॉप", [1] Archived 2017-11-12 at the वेबैक मशीन दी ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी ऑफ म्यूज़िक, 9 मार्च 2010 को प्राप्त किया गया।(सब्सक्रिप्शन आवश्यक)
  8. ए.एम. मैकडोनाल्ड, एड., चेम्बर्स ट्वेंटीएथ सेंचुरी डिक्शनरी (एडिनबर्ग: चेम्बर्स हेरेप, 1977), आईएसबीएन 0550102310, सीएफ. पॉप.
  9. दी ऑक्सफोर्ड कम्पेनियन टू म्यूज़िक में केनेथ ग्लोएग, (ऑक्सफोर्ड: ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस, 2001), आईएसबीएन 0198662122, पी. 983.
  10. टी. वार्नर, पॉप म्यूज़िक: टेक्नोलॉजी एंड क्रिएटिविटी: ट्रेवर हॉर्न एंड दी डिजिटल रिवल्यूशन (एल्डरशोट: एश्गेट, 2003), आईएसबीएन 075463132X, पीपी. 3-4.
  11. एस. फ्रिथ, "पॉप म्यूज़िक", इन एस. फ्रिथ, डब्ल्यू. स्ट्रॉ और जे. स्ट्रीट, एड्स, दी कैम्ब्रिज कम्पेनियन टू पॉप एंड रॉक (कैम्ब्रिज: कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस), आईएसबीएन 0-521-55660-0, पीपी. 95-6.
  12. डी. बकले, "पॉप" "II. इम्पलीकेशन्स ऑफ टेक्नोलॉजी", ग्रोव म्यूज़िक ऑनलाइन, 15 मार्च 2010 को प्राप्त किया गया।
  13. जे. कुन, ऑडियोटोपिया: म्यूज़िक, रेस, एंड अमेरिका (बर्कली, सीए: कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय प्रेस, 2005), आईएसबीएन 0520244249, पी. 201.
  14. पी. मैनुअल, "पॉप. नॉन-वेस्टर्न कल्चर्स 1. ग्लोबल डिसेमनैशन", ग्रोव म्यूज़िक ऑनलाइन, 14 मार्च 2010 को प्राप्त किया गया।
  15. डब्ल्यू एवरेट, एक्सप्रेशन इन पॉप-रॉक म्यूज़िक: ए कलेक्शन ऑफ क्रिटिकल एंड एनलिटिकल एसेज़, (लंदन: टेलर एंड फ्रांसिस, 2000), पी. 272.
  16. जे. शेफर्ड, कन्टिन्युअम एन्सिक्लोपीडिया ऑफ पॉपुलर म्यूज़िक ऑफ दी वर्ल्ड" परफोर्मेंस एंड प्रोडक्शन (कन्टिन्युअम, 2003), पी. 508.
  17. वी. क्रामर्ज़, दी पॉप फॉर्मूलाज़: हार्मोनिक टूल्स ऑफ दी हिट मेकर्स (मेल बे प्रकाशन, 2007), पी. 61.
  18. विनक्लर, पीटर (1978). "टूवार्ड ए थ्योरी ऑफ पॉप हार्मोनी", इन थ्योरी ओन्ली, 4, पीपी. 3-26.
  19. सर्गेंट, पी. 198. विनक्लर में उद्धृत (1978), पी. 4.
  20. विनक्लर (1978), पी. 22.

संदर्भग्रन्थ

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बाहरी कड़ियाँ

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