चित्र:जैन ध्वज .jpg

पृष्ठ की सामग्री दूसरी भाषाओं में उपलब्ध नहीं है।
मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

जैन_ध्वज_.jpg((424 × 338 पिक्सेल, फ़ाइल का आकार: 12 KB, MIME प्रकार: image/jpeg))

सारांश

विवरण
हिन्दी: jain flag
दिनांक
स्रोत अपना कार्य
लेखक KISHAN GOLCHHA


जैन धर्म में पाँच पदों को सबसे सर्वश्रेष्ठ माना गया है, इन्हें पंचपरमेष्ठी कहते हैं, ध्वज के पाँच रंग 'पंचपरमेष्ठी' के प्रतीक है

लाल - सिद्ध का अर्थात जिनका मोक्ष हो चूका है  !

सफ़ेद - अरिहन्त अर्थात जिन्होंने केवलज्ञान प्राप्त कर चुके होते है और मोक्ष मार्ग के उपदेशक होते हैं, अरिहंत द्वारा ही चतुर्विध संघ की (साधु-साध्वी-श्रावक-श्राविका) स्थापना होती है और सर्व विरति और देश विरति धर्म के प्रवर्तक भी अरिहंत ही होते हैं, चरम शरीरी होते है अर्थात उसी भव में मोक्ष भी जाने वाले होते है मगर आयुष्य कर्म सहित होते है इसी से इनका प्रतिक रंग ध्वज में सिद्ध के प्रतिक रंग से नीचे होता है !

पीला - अरिहंतों के बाद अरिहंतो की शिष्य परम्परा मुख्य शिष्य पद और परम्परा में साधु-साध्वी, श्रावक-श्राविका रूप चतुर्विध संघ का मुखिया आचार्य ही होता है इसी से उनका प्रतिक रंग पीला तीसरे नंबर पर रखा जाता है ! भरतक्षेत्र और ऐरावतक्षेत्र की अपेक्षा से जब कालांतर में केवलज्ञान होना बंद होता है तब संघ का दायित्व आचार्य का होता है और उस समय आचार्य ही सर्वोपरि पद होता है क्योंकि इससे उस समय केवलज्ञान का विच्छेद काल होता है अतः कोई भी जीव उस समय उस क्षेत्र में अरिहंत या केवली नहीं बनता और न ही कोई जीव उस क्षेत्र से उस काल में मोक्ष में जाता है अतः समस्त संघ आचार्य की आज्ञा में रहता है !

हरा - ज्ञान का प्रतीक है और ऐसे ज्ञान धारक मुनि उपाध्याय या पाठक भी कहलाते है क्योंकि उन्हें संपूर्ण शास्त्रों का ज्ञान होता है और दूसरे साधारण मुनियो को पढ़ाने जिम्मेवारी भी उनकी होती है अतः पीले के नीचे हरा रंग रखा जाता है !

नीला/काला - साधारण छद्मस्थ साधु-साध्वियों का प्रतीक है चूँकि वे चौथे-पांचवे गुणस्थानक वाले मोक्ष मार्ग के पथिक होते है अतः सबसे अंत में काला/नीला रंग होता है !

ऐसे पांच रंगो का सिलसिलेवार बना ध्वज जैन ध्वज कहलाता है !

लाइसेंस

मैं, इस कार्य का/की कॉपीराइट धारक, इसे निम्न लाइसेंस के अंतर्गत प्रकाशित करता/करती हूँ:
w:hi:क्रिएटिव कॉमन्स
श्रेय समानसांझा
इस फ़ाइल को क्रिएटिव कॉमन्स श्रेय-समानसांझा 4.0 अंतर्राष्ट्रीय लाइसेंस के अंतर्गत लाइसेंस किया गया है।
आप खुलकर:
  • बाँट सकते हैं – रचना की प्रतिलिपि बना सकते हैं, बाँँट सकते हैं और संचारित कर सकते हैं
  • रीमिक्स कर सकते हैं – कार्य को अनुकूलित कर सकते हैं
निम्नलिखित शर्तों के अंतर्गत:
  • श्रेय – यह अनिवार्य है कि आप यथोचित श्रेय प्रदान करें, लाइसेंस की कड़ी प्रदान करें, और अगर कोई बदलाव हुए हों तो उन्हें इंगित करें। आप ऐसा किसी भी उचित तरीके से कर सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह उससे यह नहीं संकेत नहीं किया जाना चाहिए कि लाइसेंसधारी द्वारा आपको अथवा आपके इस प्रयोग का समर्थन किया जा रहा हो।
  • समानसांझा – अगर आप इस रचना में कोई बदलाव करते हैं या इसपर आधारित कुछ रचित करते हैं तो आप अपने योगदान को सिर्फ इसी या इसके सामान किसी लाइसेंस के अंतर्गत बाँट सकते हैं।
Non Nazi swastikas कानूनी अस्वीकरण
स्वास्तिक का यह चित्र उस स्वास्तिक से मेल खाता है जिसका इस्तेमाल जर्मनी की राष्ट्रीय समाजवादी (NSDAP/नाज़ी) सरकार या उससे संबंधित किसी संगठन द्वारा, या फिर किसी दूसरे पक्ष द्वारा किया जाता था जिसपर जर्मनी के संघीय संवैधानिक अदालत द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है

ऐसे संगठनों के चिह्नों का इस्तेमाल जिन्हें जर्मनी में प्रतिबंधित कर दिया गया है, ऑस्ट्रिया, हंगरी, पोलैंड, चेक गणराज्य, फ़्रांस, ब्राज़ील, इस्राइल, यूक्रेन, रूस और दूसरे देशों में भी अवैध हो सकता है, जो प्रसंग पर निर्भर है। जर्मनी में उपयुक्त कानून है आपराधिक संहिता (StGB) का अनुच्छेद 86-क, पोलैंड में – आपराधिक संहिता का अनुच्छेद 256 (Dz.U. 1997 nr 88 poz. 553)। मगर यह प्रतिबंध धार्मिक प्रकृति के स्वास्तिकों पर लागू नहीं होता ह, जैसे जैन, हिंदू, और बौद्ध धर्म द्वारा उपयुक्त स्वास्तिक।

Captions

जैन ध्वज

Items portrayed in this file

चित्रण

४ सितम्बर 2017

source of file अंग्रेज़ी

original creation by uploader अंग्रेज़ी

चित्र का इतिहास

फ़ाइलका पुराना अवतरण देखने के लिये दिनांक/समय पर क्लिक करें।

दिनांक/समयथंबनेलआकारसदस्यप्रतिक्रिया
वर्तमान11:10, 4 सितंबर 201711:10, 4 सितंबर 2017 के संस्करण का थंबनेल संस्करण424 × 338 (12 KB)KISHAN GOLCHHACross-wiki upload from hi.wikipedia.org

इस चित्र से कोई पन्ने नहीं जुड़ते

मेटाडेटा