अक्रिस्टलीय ठोस
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(अकेलास ठोस से अनुप्रेषित)
अक्रिस्टलीय ठोस (एमोर्फस सॉलिड / Amorphous solid) उन ठोस पदार्थों को कहते हैं जिनके अन्दर पर्याप्त दूरी तक परमाणुओं का कोई सुनिश्चित विन्यास नहीं होता।
अक्रिस्टलीय ठोस गरम करने पर क्रमश नरम हो जाते हैं और फिर धीरे-धीरे उनकी श्यानता (विस्कोसिटी) इतनी कम हो जाती है कि वे चल्य (मोबाइल) बनकर द्रव में परिवर्तित हो जाते हैं। इन पदार्थों का कोई निश्चित गलनांक नहीं होता। ये पदार्थ ठीक-ठीक ठोस की परिभाषा के अन्तर्गत नहीं आते। इसलिए इनको अत्यधिक श्यानता वाले अतिशीतलित (सुपरकूल्ड) द्रव भी कहा जाता है। काँच, मोम, वसा, अलकतरा (डामर) आदि अकेलास ठोस में से हैं।
अधिकांश ठोस एमार्फस रूप में पाये जाते हैं या उन्हें एमॉर्फस रूप में बनाया जा सकता है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
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