सिंगोली की लड़ाई

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सिंगोली की लड़ाई
तिथि 1336
स्थान सिंगोली, मध्य प्रदेश, भारत
24°58′08″N 75°16′27″E / 24.9688624°N 75.2742861°E / 24.9688624; 75.2742861निर्देशांक: 24°58′08″N 75°16′27″E / 24.9688624°N 75.2742861°E / 24.9688624; 75.2742861
परिणाम राजपूत विजय, मुहम्मद बिन तुगलक कैदी लिया गया
योद्धा
मेवाड़ का साम्राज्य दिल्ली सल्तनत
सेनानायक
राणा हम्मीर सिंह मुहम्मद बिन तुग़लक़

सिंगोली की लड़ाई 1336 में मेवाड़ के राजपूत राणा हम्मीर सिंह और दिल्ली सल्तनत के मुहम्मद बिन तुग़लक़ के बीच वर्तमान मध्य प्रदेश के सिंगोली नगर में लड़ी गई थी, जिसमें हम्मीर सिंह ने तुगलक सेना को हराया और मुहम्मद बिन तुगलक को कैद कर लिया।[1]

हम्मीर सिंह ने दिल्ली सल्तनत के चौहान जागीरदार मालदेव के बेटे जैज़ा को बेदखल करके मेवाड़ पर अधिकार कर लिया था। जैज़ा मुहम्मद बिन तुगलक के दिल्ली दरबार में भागा, जिससे तुगलक को अपनी मजबूत सेना के साथ मेवाड़ की ओर कूच करने के लिए प्रेरित किया। हम्मीर की २०,००० घुड़सवार व १०,००० पैदल सैनिकों ने तुगलक की ७०,००० घुड़सवार व २०,००० पैदल सैनिकों को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इस में हम्मीर ने मालदेव के पुत्र हरिदास को एकल युद्ध में मार गिराया और तुगलक को बंदी बना लिया।हम्मीर ने तुगलक को चित्तौड़गढ़ में छह महीने तक बंदी बनाकर रखा गया और सल्तनत द्वारा अजमेर, रणथंभौर, नागौर और सोपोर को सौंपे जाने के बाद रिहा कर दिया गया; और हम्मीर सिंह को फिरौती के रूप में ५० लाख रुपये और १०० हाथियों का भुगतान किया।[1][2]

उपधिया :

१. मेवाड़ का उद्धारक

परिणाम[संपादित करें]

हम्मीर सिंह ने अजमेर, रणथंभौर, नागौर और सोपोर पर अधिकार कर लिया और उसके अधिकार को अन्य राजपूत प्रमुखों ने भी मान्यता दी।[1]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. R. C. Majumdar, संपा॰ (1960). The History and Culture of the Indian People: The Delhi Sultante (2nd संस्करण). Bharatiya Vidya Bhavan. पृ॰ 70.
  2. Rima Hooja (2006). A History of Rajasthan. Rupa & Company. पृ॰ 331. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788129108906.