सदस्य:Saurabh10994/प्रयोगपृष्ठ

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सडक फोटोग्राफी[संपादित करें]

स्ट्रीट या सडक फोटोग्राफी, फोटोग्राफी की वह शैली हैं ज्यों कि सार्वजनिक स्थानों के भीतर मानवीय स्थिथी दिखाता है। फोटोग्राफी के इस शैली में सड़क या यहां तक ​​कि शहरी वातावरण की उपस्थिति की आवश्यक्ता नहिं हैं। खींची गयीं तस्वीरों के विशय में इन्सानो या मानवों का होना ज़रूरी नहिं परंतु विशय में उपस्थित वस्तुओं या वातावरण के प्रतिकृति या सौंदर्य में एक निश्चित मानव चरित्र हो सकता है।

एक निर्णायक या मार्मिक क्षण मे चित्र या तस्वीर खींचने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए फ्रेमिंग और समय फोटोग्राफी के इस शैली के प्रमुख पहलूं माने जाते हैं। आज जिसे हम शैलिगत और व्यक्तिपारक रीती से निशचित रूप से सडक फोटोग्राफी मानते हैं, उस्का विकास अधिकतर १९ वीं सदी के अंत से या १९७० के पशचात शुरु हुअ था; उस समय जब पोर्टेबल कैमरों के उद्भव हुआ था। पोर्टेबल कैमरों के द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर खरा फोटोग्राफी करना अभ सक्षम हो गया था ज्यों कि चर्चा का एक मुद्दा बन गया था। इन्सानों के भावनाओं को प्रदर्शित करने पर ध्यान देते हुए सार्वजनिक स्थानों में लोगों की तस्वीरें खींच कर अक्सर स्ट्रीट फोटोग्राफर चित्रकारी तस्वीरें उत्पन्न करतें हैं जिस्से दर्शक को फोटोग्राफ में स्थित इन्सान के इतिहास को एक भावनात्मक दृष्टि से समझने का मौका मिलता है। सामाजिक दस्तावेजी फोटोग्राफर इसी प्रकार सार्वजनिक स्थानों में लोगों और ऐसे स्थानों में उनका व्यवहार जैसे विशयों पर अपना प्रचालन करते हैं जिस्से लोगों के इतिहास तथा अन्य प्रयोजनों को समझा जा सकें। गूगल स्ट्रीट व्यू जैसीं अन्य सेवाएं सार्वजनिक स्थानों को एक भारी पैमाने पर रिकॉर्ड करने में मदद करतीं हैं।


आरंभ[संपादित करें]

यूरोप[संपादित करें]

फ्रांस राज्य के पेरिस शेहर को अक्सर सडक फोटोग्राफी क जन्मस्थान माना जाता है। इस महानगरी ने सडक फोटोग्राफी को फोटोग्राफी के एक शैली के रूप में परिभाषित करने मे प्रमुख भूमिका निभायी है। यूजीन ऍटगेट को इस शैली का जनक माना जाता है। न केवल वे अपने प्रकार के पहले फोटोग्राफर थे, पर्ंतु पेरिस के मशूर फोटोग्राफरों मे बहुत जाने माने शक्स भी थे। पेरिस के सडकों को अप्नी फोटोग्राफी का एक उल्लेखनीय एवं मुख्य विशय बनाते हुए ऐटगेट ने फोटोग्राफी में एक नया पन्ना खोला। १८९० से १९२० तक उन्होने पेरिस मे काम किया। उन्के फोटोग्राफों मे अधिकत्तर मुख्य विशय वास्तुकला होति थीं; सीधियां,उद्द्यान और खिडकियां। उन्होने कुछ श्रमिकों के भी तस्वीरें खीन्छी हैं पर्ंतु उन्के द्वारा खींची गयीं अन्य तस्वीरों से यह स्पष्ट है कि उनका मुख्य केंद्र इन्सान नहिं थे।

जॉन थौमसन, स्कॉटलैंड के रहने वाले एक मशूर फोटोग्राफर ने ऍटगेट से पहले सडक फोटोग्राफी शुरू की और उन्के द्वारा खींची गयीं तस्वीरों में ऍटगेट से कयीं ज्यादा सामाजिक शैली पायि जाति है। थौमसन को ऍट्गेट जितनी ही राशि की मान्यता प्राप्त नहीं हुई यद्यपि उन्होने फोटो चित्रों और सचित्र से सड़कों पर की दैनंदिन जीवन की फोटोग्राफी के परिवर्तन मे प्रमुख भूमिका निभायी हैं।


हेनरी कार्टियर ब्रेस्सन, जिन्कि प्रतिष्ठा ऐटगेट कि ही जितनि है, २० वीं सदि के एक और मशूर फोटोग्राफर थे जिन्कि लोगों की कार्रवाइयों पर केंद्रित छन्दबद्ध शैली दुनिया भर में जानि जाति हैं। आदर्श क्षण में तस्वीर लेने का मशूर विचार हेनरी के फोटोग्राफों से हि उत्पन्न हुआ था। एक चित्रकार बन्ने कि अप्नि महत्वाकांक्षा के कारण वे पारंपरिक कला में अप्नि रूचि से बहुत प्रभावित हुए थे। उन्के इस रुची का प्रभाव उन्कि समय एव्ं तक्नीक को योग कर तस्वीर खींच्ने के गुण मे स्पष्ट है।


संयुक्त राज्य अमेरिका[संपादित करें]

अमेरिका मे सडक फोटोग्राफी कि शुरुआत कि तुल्ना अक्सर जैज़ नामक संगीत कि शैली से किया जाता है क्यों कि सड़कों पर की दैनंदिन जीवन का चित्रण करति हैं। फोटोग्राफी के न्यूयॉर्क स्कूल के क्र्तियों मे इस संबंध को समझा जा सकता है। २० वीं सदी मे न्यूयॉर्क स्कूल एक् अन्औपचारिक संस्था के रूप मे स्थापिथ थि जिस्मे न्यूयौर्क शेहर के मशूर फोतोग्राफर काम करते थे। इन्हि मशहूर फोटोग्राफरों मे से एक थे रॉबर्ट फ्रैंक। रॉबर्ट फ्रैंक बीट आंदोलन का एक हिस्सा थे जिन्हे काले-अमेरिकी और काउंटर संस्कृतियों मे रुचि थी। १९५८ मे रॉबर्ट फ्रैंक द्वारा प्रकाशित की गयी किताब "दि अमेरिकंस" में उन्कि यह रुचि दिखाइ पध्ति है। फ्रैंक द्वारा खींचि गयीं तस्वीरें अक्सर कच्चे और अक्सर फोकस से बाहर होते थे और उस समय कि फोटोग्राफी के मुख्यधारा से अलग हुआ करतीं थी जैसें कि एन्सेल् एडम्स के परिदृश्य। रॉबर्ट फ्रैंक के फोटोग्रफ हेनरी कार्टियर ब्रेस्सन तथा वाल्कर इवांस द्वारा निर्धारित औपचारिक नियमों को चुनौतीं देती थी और कईं सारी अम्रीकीं पत्रिकाओँ जैसे कि लाइफ,टाइम, आदि। अम्रिका के फोटोग्राफी समुदाय ने रॉबर्ट फ्रैंक के क्रितियों को प्रचंड रूप से अस्वीकार किया परंतु बाद मे उन्के द्वारा प्रकाशित किये गये फोटोग्राफी के किताबों ने फोटोग्राफी के मुख्यधारा के तरीकों में कईं बदलाव लायें हैं। फोटोग्राफी में यह एक प्रारंभिक प्रयास माना जाता है जिस्से आने वाले युग के फोटोग्राफरों को पुराने तरीकों से अलग हो कर नयीं दिशाओं में चलना सिखाया। १९६० के पशचात फ्रैंक से प्रेरित होकर कईं फोटोग्राफरों ने सडक फोटोग्राफी शुरू की जैसे कि गैरी विनोग्रांड, ली फ्रीडलॅंडर और जोएल मेरोविट्स


तकनीक[संपादित करें]

सडक फोटोग्राफी में कईं तरह के पोर्टेबल कॅमेराओं का उप्योग होता है; जैसे कि रेंज फाइंडर कॅमेरा, डिजिटल तथा फिलिम एस एल आर कॅमेरा और पोइंट और शूट कॅमेरा। आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले फोकस करने के तरीकों में एक है ज़ोन फोकसिंग - इस प्रकार के फोकसिंग तकनीक मे मॅनुअल तथा औटो फोकस के अलावा एक स्थिथ् फोकल डिस्टन्स पर से फोटोग्राफ खींची जाती है। परंपरागत २८ से ५० मिलिमीटर की फोकल लम्बाई का उप्योग किया जाता है पर इस्मे कोइ मज्बूरी नहिं है। ज़ोन फोकसिंग, "कूल्हे से" की शूटिंग करने की सुविधा को सरल बनाता है अर्थात कॅमेरा को आंखो के पास लाये बिना फोटोग्राफ खींचने की सुविधा। साधारण फोटोग्राफ खींचने के तरीकों के बदले कमर स्तर से खींचने कि सुविधा अभ कमर स्तर फाइंडर अथवा नयें डिजिटल कॅमेराओं के टेढे होने वाले स्क्रीन जैसे यन्त्रों से मुम्किन है। इस्कि मदद से अभ फोटोग्राफर विशय से अप्ना ध्यान् बटाए बिना काम कर सक्ते हैं।


वृत्तचित्र फोटोग्राफी बनाम सड़क फोटोग्राफी[संपादित करें]

वृत्तचित्र फोटोग्राफी और सड़क फोटोग्राफी अप्नी शैलियों मे तो एक हि समान हैं परंतु दोनो कि अप्नि अप्नि विशिष्ट व्यक्तिगत गुण हैं।

वृत्तचित्र फोटोग्राफी अप्नी एक पूर्वचिन्तित संदेश तथा इतिहास के कुछ गिने चुने विशेष घटनाओं को अभिलेख तथा को दर्शाने के लिये मानि जाति है। वृत्तचित्र फोटोग्राफी में पत्रकारिता, कला, शिक्षण, समाजशास्त्र और इतिहास जैसे पहलुओं का अभिलेख करता है। वृत्तचित्र की सामाजिक जांच में तस्वीरें सामाजिक बद्लाव लाने के उद्देश्य से खींची जाती हैं। परंतु दूसरी तरफ सड़क फोटोग्राफी अपनी प्रकृति में उदासीन होकर दुनिया का एक सच्चा चित्रण बेनकाब करता है। स्ट्रीट या सडक फोटोग्राफि में खींची गयी तस्वीरें समाज के र्दर्पण छवियों के समान हैं ज्यों कि समाज की आमतौर पर अनजान विषयों द्र्श्यों को दिखाता हैं।