सदस्य:SADIQ SYED/प्रयोगपृष्ठ

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मेरा नाम सईद सादिक है। मैं चिक्काहुलूर गाँव, होसकोते तालुक में रहता हूं। अब मैं अपने जन्म, परिवार,शिक्षा, रुचीया आदि के बारे में नीचे परिचय कराना चाहुनगा।

जन्म\गाँव[संपादित करें]

मेरा जन्म २ फरवरी १९९९ को चिक्काहुलूर गाँव मे हुआ जो बेंगलुरु ग्रामीण में स्थित है। और यह गाँव खूबसूरत पहाड़, नदि और विभिन्न पक्षियों से भेंट किया गया है। और इस गाँव में हर राज्य के लोग मौजूद हैं क्योंकि हमारे गाँव के बगल में बड़े कारखाने है जहां लोग अपना जीवन चालाने के लिए काम कर रहे हैं। इस गाँव का तलुक होस्कोते है और दशहराहल्ली इस गांव का पद है। इस गाँव की विशेषता येह है की हिंदू और मुस्लिम दोनों एक साथ रहते हैं और बिना किसी भेदभाव के दोनो के त्योहार खुशि और प्यार से मिल्कर मानाते हैं। हमारे गाँव में खूबसूरत खेत हैं जहां सब्जियों के विभिन्न प्रकार होते हैं । और हमारा गाँव रंगीन गुलाब के फूलों के लिए प्रसिद्ध हैं और फूलों की आपूर्ति में सबसे ऊपर है। अब हमारे में गाँव जमीन की कीमत ज़्यदा होती जा रही है क्योंकि हमारे गाँव के पास सरकार पुल का निर्माण कर रही है जो सीधे केम्पेगौडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देवानहल्ली को मील्ता है।

परिवार[संपादित करें]

मेरे परिवार में हम चार सदस्य हैं पिता, मां, बडा भाई और मैं और हमारा मध्यवर्गीय परिवार है जो मेरे लिए दुनिया का सबसे अच्छा परिवार है क्योंकि हमारे परिवार में हम अपनी भावनाओं, विचारों को साझा करते है। और मेरा बचपन खुशी से भरा हुआ था। मैं अपने परिवार द्वारा सबकुछ भेंट किया था जिसे मैं चाहता था। मेरे पिता एक संगठन में कर्मचारी है। मेरा भाई एक कंपनी में ग्राहक कार्यकारी के रूप में काम करता है। मेरे परिवार के कई सपने हैं। मुजे आशा है कि मैं उन सपनों को पुरा कर सकु। और मेरे पास अच्छे और मदद करने वाले चचेरे भाई है जो मेरी सहायता और कठिनाइयों में सहयोग करते है।

शिक्षा[संपादित करें]

मैंने सेंट जोसेफ हाई स्कूल, होस्कोते में मेरी नर्सरी, मुख्य, हाई स्कूल की शिक्षा पूरी की है। स्कूल जीवन सुनहरा जीवन है क्योंकि यह वह जगह है जहां हम अपने ज्ञान, कौशल, प्रतिभा और मुख्य रूप से विकसित होते हैं। जहां हम अच्छे दोस्त और शिक्षकों को प्राप्त करते हैं। मुझे अपने स्कूल के जीवन मे मज़ा आता था जो समझाया नहि जा सकता । हम एसएसएलसी में केरल को यात्रा के लीये गए थे। और अब जब मैं अपने स्कूल के दिनों को याद करता हूं, तो यादों का भंडार है जो मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट लाता है। कुछ यादें हैं जैसे मैं सलमान खान का फैन् हूं हम उन्के फिल्म को देखने के लिए स्कूल बंकींग करते थे। अब मुझे लगता है कि मैं अपने जीवन में फिर से उन स्कूलों के दीनो को वापस पा सकु।

मैंने एस्एम पीयु कॉलेज में अपना पीयु पूरा किया। मैंने वहा वाणिज्य मे ईबीएसीएस पाठ्यक्रम लिया। इस कॉलेज में स्कूल के दोस्त मुजे मीले। और यहा मुजे बहुत अच्छे लेक्छारार्स थे। इस कालेज मे बाहूत कड़ी मेहनत करने से मुजे पीयुसी द्वितीय वर्ष मे ९४% मीला। इसके लिए उन्होंने मुझे कुछ पुरस्कारों से सम्मानित किया।

अब मैं अपने प्रथम वर्ष बीकॉम को क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में कायम कर रहा हूं। और मुझे इस विश्वविद्यालय में अध्ययन करने पर गर्व महसूस होता है। यहां भी मैंने कई दोस्त बनाये हैं। इस विश्वविद्यालय में हमारी प्रतिभा,कौशल, प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। इस विश्वविद्यालय में जानने के लिए कई महत्वपूर्ण चीजें हैं और यहां मुझे तीन साल तक अध्ययन करना चाहिए।

रूचिया[संपादित करें]

मेरे शौक संगीत सुनना, कहानी की किताबें पढ़ना है। खेलो मे मुजे क्रिकेट और फ़ुटबॉल बहुत पसन्द है जब मैं स्कूल में था हम हर हफ्ते क्रिकेट खेलते थे। और कई टूर्नामेंट में भाग लिया और ट्राफियां जीती है। लेकिन आज के दिन उन दीनो से आलग है क्युन्की आज के युग मे सारे लोग् मोबाइल पर व्यस्त है। मेरी पियु में मुझे मुक्केबाजी में दिलचस्पी थी और मैं मोहम्मद अली के प्रशंसक था और गोविंदपुर में आठ महीने का प्रशिक्षण लिया लेकिन मेरे शिक्षा के कारण मैं इसे प्रबंधित नहीं कर सका ।अब मैं मोबाइल और गैजेट्स पर आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा हूं और गैजेट की दुनिया नामाक एक किताब लिखना चाहता हूं। और भारत का विकास और भारत के विकास में कारकों को प्रभावित करने वाली नामाक एक किताब लिखना चाहता हूं।

-धन्यावाद।