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प्रवीण महादीओ थिप्से

व्यक्तिगत जीवन[संपादित करें]

अगस्त १२ , १९५९ में जन्मिथ प्रवीण महादीओ थिप्से भारत से शतरंज (चैस ) कि ग्रैंड मास्टर है। प्रवीण थिप्से ने १९८२, १९८४, १९८५, १९८९, १९९२, १९९३, १९९४ में भारत कि चैस चैंपियनशिप जीते थे और उन्होंने १९८२, १९८४, १९८८, १९९२, १९९४, १९९८, २००२ मे चैस ओलिंपियाडो मे भारत की प्रतिनिदित्व किया।चैस मीट्रिक के अनुसार प्रवीण थिप्से की सर्वोतम प्रदर्शन के समय उनका रेटिंग करीब २५७१ और दुनिया भर में वे १४१ वे स्थान पर थे। Something went wrong...अंगूठाकार|Praveen thipsay]]

व्यवसाय इतिहास[संपादित करें]

चैस मेट्रिक्स के अनुसार प्रवीण थिप्से की सर्वोतम प्रदर्शन के समय उनका रेटिंग करीब २५७१ और दुनिया भर में वे १४१ वे स्थान पर थे। उनके सबसे श्रेष्ट प्रदर्शन ब्राइट्न में २५४९ -वी रेटिंग ओप्पोसिशन के केलाफ खेले  खेले गए बी.स.फ चैंपियनशिप में था, जिस में , उन्होंने १० में से ६.५ पॉसिबल पॉइंट्स प्रप्थ किये ।१९८५ के कॉमन वेल्थ चैस चैंपियनशिप में प्रथम स्तन के लिए केविन स्प्रग्गेट के साथ बांड दिए गए । १९९८  की एशियाई चैस चैंपियनशिप में वे  सेर्गेय ज़गरेबेलंय , मोहमद  अल-मोडाकि और अमनमुराद ककगलड़एव के साथ ४-७ स्थान के लिए बंधे । २००४, पुणे में उन्हें  भारत डज़हुमेव के पीछे २-६ के लिए बंधे , उसे साल लखनऊ में उन्हें  सैडली ीूलदचव और  चकक्रवर्थी  दीपन के साथ २-३ के लिए बंधा गया । २००७ , मंगलौर में उन्होंने फ आई डी इ रेटेड आल इंडिया ओपन चैस टूनामेंट में जीते।

जनुअरी २००९ की फी.आई.डी.इ लिस्ट के अनुसार उन्होंने २४६४ इ ल ओ रेटिंग प्राप्त की जिस से वे भारत में २४ स्थान प्राप्त की।उन्होंने पीलू मोदी (२००४) , इंडियन चैंपियनशिप (२००३) , इंडियन प्रीमियर ए चैंपियनशिप (२००९), जैसे टूर्नामेंटो में भाग लिए।

सन्न १९८४ में प्रवीण थिप्से को अर्जुना अवार्ड से सम्मानित किया गया ।  १९९७ में उन्हें चैस ग्रैंड मास्टर के शीर्षक से प्रधान किया गया जिस से वे भारत में तीसरे ग्रांडमास्टर बने।"थिप्से" और "ह्युनथि" नाम से  प्रवीण थिप्से फ आई डी इ की ऑनलाइन एरीना और चैसक्यूब में खेलते थे । उनके विवाह भारत की विमेंस इंटरनेशनल  मास्टर  भाग्यश्री  साथै से होई । उन्होंने २०१५ शिल्लोंग में जिन्दगी और चैस के बारे में tedX टॉक दी थी ।

भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत पुरस्कार[संपादित करें]

अर्जुन पुरस्कार

विवाद[संपादित करें]

मई २०१५ मैं प्रवीण थिप्से ने दिल्ली में खेले गए  डॉ  हेगडेवार  ओपन  चैस  टूर्नामेंट में उन्होंने अपने १९ साल वे प्राथयोगी को औचित्य साधनो के साथ पाए गए जेसे वह तेज़ गति से खेल रहा था