सदस्य:Joshuapaul34/प्रयोगपृष्ठ

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फ्रेन्ड्स वाइरस

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फ्रेन्ड्स वाइरस एक विषाणु है। [1] [2]

श्रेणी: विषाणु

परिचय[संपादित करें]

फ्रेन्ड वाइरस म्युरीन लेकेमिया वाइरस का एक उप्प्रकार है। इसक खोज शार्लट फ्रेन्ड ने १९५७ मे किय था। यह वाइरस कमजोर रोग प्रतिरोधक शक्ति वाले चुहों मे पाया जाता है। इस वाइरस का अवलोकन इम्म्युनोसप्प्रेसिव रेट्रोवाइरस के सन्क्रमन कि खिलाफ आनुवन्शिक प्रतिरोध के लिये किया जाता है। इसका उपयोग शरीर के प्रतिरोधशीलता को सुधारने और बढाने के लिये और टीकाकरण के लिये इस्तेमाल होता है। यह वाइरस रेट्रोविरिडे वाइरसो के समूह का अंग है। इसका न्युक्लिक एसिड एस०एस०आर०एन०ए है।

अनुमान[संपादित करें]

प्रयोगो से यह साबित हुआ है कि फ्रेन्ड वाइरस के संक्रमन से बछाव अनेक तरह के टीको से मुम्किन है, जिन्मे वाइरल प्रोटीन्स, पेप्टाइड आदि मिले हुए है। टीके लगाए हुए चुहो के अध्ययन से वाइरस के बछाव कि लिए आवश्यक प्रतिरक्शात्मक निशानो को पह्चाना मुम्किन हुआ। उसके परिणाम से वाइरस से बछाव के लिए आवश्यक अनेक प्रतिरक्शात्मक तरीके पाए गए है। विस्तृत अनुसंधान के द्वारा काफी अनेक दिलचस्प खोजे प्राप्त हुइ है।

फ्रेन्ड वाइरस के अवलोकन से और भी काफी जानकारी हासिल हुइ है। रेट्रोवाइरल भीमारियो के खिलाफ आनुवन्शिक प्रतिरोध के बारे मे काफि जानकारी हासिल हुइ। एक प्रत्येक जीन जिस्मे वैग्यानिक काफी दिलचस्प है वह है आर०एफ०वी०३ जीन। इस जीन मे फ्रेन्ड वाइरस के आक्रमन को रोकने का रहस्य है। काफी सारे वैग्यानिको का ऐसा मानना है। फ्रेन्ड वाइरस के बारे मे वैग्यानिक और भी खोज और अनुसंधान कर रहे है। खास महत्वपूर्ण्ता इस्के तंत्र को जानने मे है। इसके समझ से और वीकास मुम्किन है। मनुष्य के बिमारीयाँ को रोकने मे इसका काफी महत्व्पूर्ण योगदान हो सकता है। जैसे मनुष्य आगे तरक्की करता जाएगा वैसे ही उसकी समझ और ग्यान इसके बारे मे बढेगी।

अनुस्ंधान का महत्व[संपादित करें]

इस वाइरस के बारे मे अभी भी काफी सारे अनेक अनुसंधान चल रहे है। वैज्ञानिक इस प्रत्येक वाइरस के बारे मे और अधिक सीख रहे है। इसे मनुष्यो को काफी मदद मिल सकती है। दिन पे दिन ऐसे रोग आ रहे है जिसका कोइ इलाज नही है। इस से मानविकता को बहुत नुक्सान पहुंचेगा भविष्य मे, काफी सारे लोग मारे जाएंगे और वैज्ञानिक तब कुछ नही कर पाएंगे। इसिलिए इस वाइरस के बारे मे अधिक से अधिक अनुस्ंधान करना काफी जरूरी है। बात सिर्फ उन विषाणु की नही है जिनका चिकित्सा नही किया जा सकता, बात मनुष्यो कि तरक्कि के भारे मे भी बन चुकी है क्योँकि एक अच्छी प्र्तिरोधक शक्ति सिर्फ भीमारियों से दुर जाने के लिये नही किंतु एक अच्छे स्वास्थ्य की नीशानि है। जितना ज्यादा हम ऐसे विषाणुऔ के भारे मे जाने उतना ही सतर्क और सेहतमंद हम और हमारे बच्चे रह पाएंगे। क्योंकि यह वाइरस हमारे प्रतिरोध्शीलता को प्रभावित करता है, और उसे कमजोर बनाता है, इसका दुरुपयोग आतंकवादी भी कर सकते है और हमे इस्के लिये भी सावधान रहना होगा। और जो मेहनत हम आज इस माम्ले मे दिखाएँगे वो सदियों तक रहेगी और जो ज्ञान हम आज प्राप्त करेंगे, वो आने वाली पिडी अपने सही उपयोग के लिये कर पाएगी। इस विषय मे और अधिक अनुसंधान कि जरुरत है और साथ ही साथ यह भी जरुरी है की हमारे युवक आगे आये और अनुस्ंधान के षेत्र मे कटिन परिश्रम करे और समाज को अपना महत्वपुर्ण योग्दान दे।


संदर्भ[संपादित करें]

https://en.wikipedia.org/wiki/Friend_virus http://jem.rupress.org/content/105/4/307.long

  1. https://en.wikipedia.org/wiki/Friend_virus
  2. http://jem.rupress.org/content/105/4/307.long