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=राजा हरिदेव=

राजा हरि देव[संपादित करें]

राजा हरि देव का परिचय:[संपादित करें]

राजा हरि देव उस समय ब्रितिश भरत का सबसे बड रज साम्रज्य था। राजा हरि देव दोग्रा वंश से था। राजा हरि देव राजा भुप के पुत्र है। हरि देव के बाद गूजै देव राजा बन गया। दोग्र एक हिंदू रज्पुत वंश था और इस परिवार को जम्मू-कशमीर के शिष्ट महल है। महाराजा गुलाब सिंह पहले शाशक था फिर सम्राट फिर गवर्नर जनरल। राजा हरि देव का जन्म १६५० मे हुआ था। उन की म्रत्यु १६८६ मे हुआ था। १९४९ मे कशमीर के पहला युध्द हुआ था। प्रथम विश्र्व युध को हरि सिंह अनेक सैनिको को भेज दिया था। १९ सदी मे दोग्र सनमरज्य को हदप्कर सब्से बडारज्य बन गय। पेहले विश्र्व युद के बाद जम्मु-कशमीर के महराजा को २१ तोपों की सलामी दी गयि थी।उन्को सलामि देने का करन थ- बडी मात्र मै सैनिक भेजे थे।उस साम्राराज्य के साब्से बडे और अच्छे राजा हरि सींह थे। हरि सिंह को सिहंसन स्सन १९२५ मे हुअ था। उन्होने सामराज्य को सन १९४७ तक सम्भाल था। उसी सन मैं भरत और पकिस्तन के बीछ कशमीर को लेकर यूद हुआ थ। दोग्र वंश अग्निवरान से शुरु हुअ और कारन सिंह तक था। दोग्र वंश के इतिहास बहूत ज़रूरी है। अब भी पाकिस्तान कश्मीर को लेना कोशिश कर रहा है।

डोगर वंश:[संपादित करें]

इस वंश का संस्थापक गुलाब सिंह थे। गुलाब सिंह लाहोरे के माहाराजा राणजीत सिंह के महान प्राभावशाली व्यक्ति था। प्राथम अनग्लो-सिह्क युद्ध सन १८४६ के बाद त्रीती ओफ अम्रित्सर कि शर्तों के तहत से कशमीर को प्राप्त किया ओर गुलाब सिंह को दिया। डोगर परंपरा से शिवालिक पर्वत,सारोइं सर और मन्नसर नदी के पास रहते ते। फिर पूरा जम्मू मे रहने लगा।इस वंश क लोग डोग्री बाश मे बातचीत करते ते।डोगर वंश मे ज़्यबद हिंदू ध्रम का पालन करता है।

सांस्क्र्तिक विरासत:[संपादित करें]

१)कुड-अनुश्थान न्र्त्य लोक देवतस के सम्मान के लिए प्रदर्शन करते है।

२)हिरेन-एक पारंपरिक नाटक लोहारि के समय प्रदशन करत है।

३)फुमेनी-दुल्हा घर से जाते समय करनेवले लडकियाँ क न्र्त्य।

४)बख-सहगान कथा जो १० लोग गाती है।

५)ग्वात्रि-न्यर्त्य कहा एक गान अभिनय किया जाता है।

६)कारक- एक जोगी सामुदाय सहगान।

संदर्भ[संपादित करें]

<https://en.wikipedia.org/wiki/Hari_Singh>

<http://www.wow.com/wiki/Dogra_dynasty>