रेख्ता (वेबसाइट)

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रेख्ता एक भारतीय साहित्यिक वेब पोर्टल है। रेख्ता का मालिक रेख्ता फाउंडेशन है, जो दक्षिण एशिया में उर्दू साहित्य के प्रचार के लिए समर्पित एक गैर-लाभकारी और गैर-सरकारी संगठन है।

छह साल में वेबसाइट ने लगभग 90 हज़ार किताबों का डिजिटलीकरण किया है। इसमें उर्दू, हिंदी और फारसी साहित्य शामिल है, जिसमें कवियों की जीवनी, उर्दू कविता, कहानी और काल्पनिक लेखन शामिल है, जो मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में सार्वजनिक और शोध पुस्तकालयों से जुड़ी है। ये देवनागरी, रोमन और मुख्य रूप से नास्तलिक जैसी कई लिपियों में कंटेंट देता है। [1] इसमें कुरान और महाभारत सहित धार्मिक ग्रंथ भी शामिल हैं। [2] ये सदियों पहले की पुस्तकों की मेज़बानी करता है और उर्दू साहित्य के संरक्षण के लिए दुनिया के सबसे बड़े वेब पोर्टल के रूप में जाना जाता है। [3] [4]

साइट ने 2 करोड़ पन्नों वाली 90,000 से ज़्यादा ई-पुस्तकों का डिजिटलीकरण किया है, जिन्हें साफ तरीके से अलग-अलग वर्गो में बांटा गया है जैसे कि डायरी, बाल साहित्य, कविताएं, प्रतिबंधित पुस्तकें, और अनुवाद जिनमें उर्दू कविता शामिल है। [5] इसे 4,455 कवियों (दुनिया भर में), 41,017 गज़लों, 26,414 दोहों, 7,852 नज़्मों, 6,836 साहित्यिक वीडियो, 2,127 ऑडियो फाइलों, 76,398 ई-पुस्तकों पांडुलिपियों और पॉप पत्रिकाओं को बचाने का श्रेय दिया जाता है।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "About Site". Rekhta. अभिगमन तिथि 4 June 2020.
  2. "Rekhta claims digitising 90,000 Urdu titles". December 4, 2019.
  3. Mahmudabad, Ali Khan (13 February 2020). "How did the Indian Muslim identity express itself through poetry before Independence?". Scroll.in. अभिगमन तिथि 4 June 2020.
  4. "Book tickets to Shaam-E-Rekhta - World Poetry Day - Bangalore". insider.in. 15 March 2018. अभिगमन तिथि 4 June 2020.
  5. "Leg up for Urdu literature, 90,000 titles digitised in six years". The New Indian Express.

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]