राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग
पूर्वाधिकारी भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद्
स्थापना 20 सितम्बर 2020; 3 वर्ष पूर्व (2020-09-20)
उद्देश्य नियामक संस्था
मुख्यालय नई दिल्ली
डॉ. बी.एन. गंगाधर (अन्तरिम)
संबद्धता स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्रालय
जालस्थल nmc.org.in

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग 33 सदस्यों का एक भारतीय नियामक निकाय है जो आयुर्विज्ञान शिक्षा और चिकित्सकों को नियंत्रित करता है। इसने 25 सितम्बर 2020 को भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद् स्थान ले लिया [1] [2] आयोग चिकित्सा योग्यताओं को मान्यता देता है, आयुर्विज्ञान को मान्यता देता है, चिकित्सकों को पंजीकरण प्रदान करता है, और चिकित्साभ्यास की निगरानी करता है और भारत में चिकित्सा अधोसंरचना का आकलन करता है।

इसे पहले जनवरी 2019 में एक अध्यादेश द्वारा 6 मास हेतु स्थापित किया गया था और बाद में यह भारतीय संसद द्वारा पारित एक स्थायी कानून बन गया और बाद में 8 अगस्त 2019 को भारत के राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया। [3]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "NMC comes into force from today, repeals Indian Medical Council Act". ANI News. 25 September 2020. मूल से 26 September 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 September 2020.
  2. "President gives assent to National Medical Commission Bill; panel to replace MCI will be formed within six months". Firstpost. Press Trust India. 8 August 2019. मूल से 26 August 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 August 2019.
  3. Dey, Sushmi (4 February 2020). "National Medical Commission in advanced stage of formation, assures health minister". The Times of India (अंग्रेज़ी में). मूल से 17 March 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 February 2020.