मदोरुबागन

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

मदोरुबागन पेरुमल मुरुगन की एक तमिल उपन्यास है। 2010 में पहली बार कलचुवडु प्रकाशन ने किताब प्रकाशित किया। [1] बाद में अनिरुद्धन वासुदेवन ने इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया और 2013 में पेंगुइन बुक्स ने भारत में प्रकाशित किया। [2] 2018 में अमेरिका में ग्रोव अटलांटिक ने प्रकाशित किया। [3] तमिलनाडु में ब्रिटिश राज के वक्त रखी गई ये किताब, उस सामाजिक भेदभाव से जुड़े है जो एक शादीशुदा जोड़े को बच्चे ना कर पाने के वजह से सामना करने पड़ते है, और ये उसपे भी बात करता है कि बच्चा करने के लिए वो कितने हद पार कर जाते है।

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Raman, Anuradha (8 January 2015). "'How Can Literature Survive?'". Outlook. अभिगमन तिथि 14 January 2020.
  2. "One Part Woman". Penguin India. अभिगमन तिथि 14 January 2020.
  3. "One Part Woman". Grove Atlantic. 9 October 2018. अभिगमन तिथि 14 January 2020.