प्राथमिक कृषि ऋण समिति

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

प्राथमिक कृषि ऋण समिति (Primary Agricultural Credit Society (PACS)), भारत में सबसे मूलभूत और सबसे छोटी सहकारी ऋण प्रदान करने वाली संस्था है। यह सबसे निचले स्तर (ग्राम पंचायत और ग्राम सभा के स्तर पर) पर कार्य करती है। भारत में लगभग एक लाख प्राथमिक ऋण समितियाँ हैं जिसमें अकेले महाराष्ट्र में इक्कीस हजार से अधिक समितियाँ हैं।

जून २०२२ में प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्‍डलीय समिति ने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की दक्षता बढ़ाने तथा उनके संचालन में पारदर्शिता एवं जवाबदेही लाने और पैक्स को अपने व्यवसाय में विविधता लाने व विभिन्न गतिविधियां/सेवाएं शुरू करने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटरीकरण को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में कुल 2516 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय होगा, जिसमें केन्द्र सरकार की हिस्सेदारी 1528 करोड़ रुपये की होगी। पांच वर्षों की अवधि में लगभग 63,000 कार्यरत पैक्स के कम्प्यूटरीकरण का प्रस्ताव है। इससे करीब 19 करोड़ किसानों को लाभ होगा।ध्यातव्य है कि लघु और सीमांत किसानों को ऋण देने में इन समितियों की भूमिका लगभग 50 फीसदी है।[1]

चित्र:PACS structure.jpeg
ऋण समितियाँ और प्राथमिक कृषि ऋण समिति

सन्दर्भ[संपादित करें]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]